Bihar Secondary School Question Bank | Bihar Board Class 12th Chemistry Question Bank 2012-2023 | BSEB Class 12th Chemistry Notes (2)
Bihar Secondary School Question Bank | Bihar Board Class 12th Chemistry Question Bank 2012-2023 | BSEB Class 12th Chemistry Notes (2)
(A) 6P – P सिंगल बॉन्ड होता है।
उत्तर – फराडे के विद्युत विच्छेदन के द्वितीयक नियम (Faraday’s second law) : श्रेणीक्रम में जुड़े दो या अधिक इलेक्ट्रोड घोल से विद्युत धारा की समान मात्रा प्रवाहित करने पर इलेक्ट्रोड पर जमा हुए आयनों की मात्राएँ पदार्थों के समतुल्यभार के समानुपाती होती है।
गुण | लायोफिलिक कोलॉइड | लायोफोबिक कोलॉइड |
(i) प्रकृति | ये मैक्रो अणु होते हैं। | ये परमाणु या अणुओं के समूह होते हैं। |
(ii) विलायक से स्नेह | ये विलायक स्नेही होते हैं । | ये विलायक विरागी होते हैं। |
(iii) रंग | ये साधारणतः रंगहीन होते हैं। | ये साधारणतः रंगीन होते हैं। |
(iv) स्थायित्व | यह एक स्थायी पद्धति है। | यह एक अस्थायी पद्धति है। |
(v) उत्क्रमणीयता | ये उत्क्रमणीय होते हैं | ये अनुत्क्रमणीय होते हैं। |
(b) क्यूप्राइट – Cu2O
उत्तर – (a) हिमांक के अवनमन : किसी द्रव विलायक में अवाष्पशील solute घुलाने पर solvent के वाष्प दाब का अवनमन होता है जिसके परिणामतः हिमांक में कमी होती है जिसे हिमांक का अवनमन कहा जाता है।
उत्तर – (a) संपर्क विधि द्वारा H2SO4 का उत्पादन : SO2 और O2 के मिश्रण को Pt उत्प्रेरक की उपस्थिति में गर्म करने पर SO3 प्राप्त होता है, जिसे जल में घोलने पर H2SO4 प्राप्त होता है। प्रतिक्रिया को निम्न प्रकार से दर्शाया जा सकता है –
खण्ड-ब (गैर-वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
लघु उत्तरीय प्रश्न
उत्तर – इलेक्ट्रोड : छड़, प्लेट या शीट (Foils) जिससे विद्युत धारा वैद्युत अपघटनी सेल या माध्यम में प्रवेश करती है या बाहर निकलती है इलेक्ट्रोड कहलाता है। कैथोड बैट्री के ऋणात्मक सिरे से तथा एनोड बैट्री के धनात्मक सिरे से जुड़ा रहता है।
उत्तर – फ्रिडल- क्राफ्ल एल्काइलेशन अभिक्रिया : इस अभिक्रिया का उपयोग लुइस उत्प्रेरक के उपस्थित में एल्काइल द्वारा बेंजीन वलय से हाइड्रोजन परमाणु के स्थान परिवर्तन के लिए किया जाता है।
उत्तर – किसी अम्ल की शक्ति उसके आयनन की मात्रा पर निर्भर करता है। HI की बंधन लंबाई HF के अपेक्षा अधिक होती है। अतः HI की बंधन वियोजन ऊर्जा का मान निम्न होता है परिणामस्वरूप HI की आयनन की मात्रा HF से अधिक होती है।
उत्तर – किसी अभिक्रिया का वेग जब एक सान्द्रण पद पर निर्भर करता है तो उसे प्रथम कोटि की अभिक्रिया कहते हैं। निम्न अभिक्रिया पर विचार करने पर,
उत्तर – कॉपर के मुख्य अयस्क निम्नलिखित हैं –
उत्तर – विद्युत अपघटन में इलेक्ट्रोड पर संपन्न अभिक्रिया परिमाण (amount) विद्युत अपघटय (विलयन या गलित) में प्रवाहित विद्युत आवेश की मात्रा का समानुपाती होता है।
उत्तर – सांद्र HNO3 शुरू में एलुमिनियम के साथ अभिक्रिया करके एक सुरक्षात्मक कवच बना लेता है। यह सुरक्षात्मक सतह आगे HNO3 के साथ अभिक्रिया नहीं करता है। अतः सान्द्र HNO3 को एलुमिनियम पात्र में संग्रह करते हैं।
उत्तर – परासरणीदाब (Osmotic pressure) : वह अतिरिक्त दाब जो परासरण (osmosis) की प्रक्रिया को रोकने के लिए विलयन पर आरोपित की जाती है, परासणी दाब कहलाती है। अर्थात्
उत्तर – प्रथम कोटि अभिक्रिया (1st order reaction) : जिस रासायनिक अभिक्रिया का वेग अभिकारक के सांद्रण के प्रथम घातांक के समानुपाती होता है, उसे प्रथम कोटि अभिक्रिया कहते हैं।
(i) वेयर प्रक्रिया द्वारा बॉक्साइट का शुद्धिकरण : बॉक्साइट अयस्क को सांद्र NaOH के साथ दाब के अधीन गर्म किया जाता है तो सोडियम एलुमिनेट बनता है। सोडियम एलुमिनेट (NaAlO2) के विच्छेदन से एलुमिनियम हाइड्रॉक्साइड प्राप्त होता है जो अवक्षेप के रूप में बैठ जाता है।
उत्तर –
उत्तर – जब शुद्ध विलायक में अउड़नशील और विद्युत-अनपघट्य विलेय मिलाया जाता है तो विलयन का Freनांक बढ़ जाता है। इसे हो स्वथनांक का उन्नयन कहते हैं।
उत्तर – फैराडे का विद्युत अपघटन का प्रथम सिद्धांत विद्युत अपघटन में विद्युताग्रो (Electrodes) पर जमा हुए पदार्थ की मात्रा धारा (आवेश) की मात्रा की समानुपाती होती है।
उत्तर – काइरल यौगिक (Chiral compound) वह यौगिक जिसमें किसी भी कार्बन के साथ चार भिन्न-भिनन समूह जुड़े रहते हैं, काइरल यौगिक कहलाती हैं। जैसे –
उत्तर – ऐल्कोहॉल एवं फीनॉल में अन्तर –
ऐल्कोहॉल | फीनॉल |
(i) यह एलिफैटिक ऐल्किल समूह युक्त होता है।
जैसे— CH3 – CH2 – OH |
(i) यह एरोमैटिक होता है।
जैसे — Ph – OH या |
(ii) इसके जलने पर कालिखयुक्त धुआँ नहीं निकलता है। | (ii) इसके जलने पर कालिखयुक्त धुआँ निकलता है। |
उत्तर – डाइएथिल ईथर के पास न तो कोई आयनिक क्रियाशील मूलक है और न ही अम्लीय प्रोटॉन । अतः डाइएथिल ईथर सोडियम के संदर्भ में अक्रिय और अक्रियाशील होता है और सोडियम के साथ अभिक्रिया नहीं करता है।
उत्तर – (a) आदर्श घोल (Ideal solution) : वैसा द्रव-द्रव विलयन जो सभी ताप एवं सांद्रण की स्थितियों में Raoult’s law का पालन करते हैं तथा जिनके निर्माण में इन्थैल्पी – परिवर्तन तथा आयतन-परिवर्तन शून्य होता है, आदर्श विलयन कहलाता है।
उत्तर – (a) मिथानोइक अम्ल एवं इथानोइक अम्ल में अन्तर –
मिथेनोइक अम्ल | इथेनोइक अम्ल |
(i) इसका अणुसूत्र HCOOH होता है। | (i) इसका अणुसूत्र CH3COOH होता है। |
(ii) यह Tollen’s reagent को Silver mirror में अवकृत कर देता है। | (ii) यह Tollen’s reagent को अवकृत नहीं करता है। |
(iii) इसे फॉर्मिक अम्ल के नाम से जाना जाता है। | (iii) इसे एसीटिक अम्ल के नाम से जाना जाता है। |
उत्तर – (a) जिंक ब्लेंड अयस्क से जस्ता धातु के निष्कर्षण के सिद्धांत –
(i) आण्विक आकार के आधार पर –
उत्तर – (a) DNA और RNA में अंतर –
DNA | RNA |
(i) इसमें सुगर अणु 2-डिऑक्सी राइबोज होता है। | (i) इसमें सुगर अणु Ribose (राइबोज) होता है। |
(ii) यह प्रतिकृति बनाता है। | (ii) यह प्रतिकृति नहीं बनाता है। |
(iii) यह वंशागत गुणों के स्थानान्तरण को नियंत्रित करता है। | (iii) यह वंशागत गुणों के स्थानान्तरण को नियंत्रित नहीं करता है। |
2. अभिक्रिया का उत्पाद है
(D) sp2d
(D) −1
22. अभिक्रिया में उत्पाद है
35. [Cr(H2O)4 Cl2]+ संकुल में Cr को ऑक्सीकरण संख्या है
(B) 2
(D) इनमें से कोई नहीं
एथेनोइक अम्ल | एथेनोइक अम्ल |
मेथेनोइक अम्ल एक रंगहीन तीक्ष्ण गन्ध वाला द्रव है। | (i) एथेनोइक अम्ल एक दुर्बल अम्ल है। यह नीले लिटमस पत्र को लाल कर देती है। |
(ii) मेथेनोइक अम्ल जल, ऐल्कोहल तथा ईथर में पूर्ण विलेय है। | (ii) एथेनोइक अम्ल का गंध तीक्ष्ण व स्वाद खट्टा होता है। |
उत्तर – काँच के कण गुरुत्वाकर्षण की दिशा में धीरे-धीरे गतिशील होते हैं। बहुत पुराना होने पर इसके नीचे का भाग ऊपरी भाग की अपेक्षा मोटा हो जाता है। कणों में गतिशीलता द्रव का लक्षण है। अतः काँच को अतिशीतित द्रव माना जाता है।
उत्तर – (i) CH3CH2CH2NH2 + HCl → CH3CH2CH2N+H3Cl–
उत्तर – जल-अपघटन पर लैक्टोस मोनोसैकेराइड के दो अणु देता है अर्थात् D(+) ग्लूकोस तथा D (+) गैलेक्टोज का एक-एक अणु ।
विलेय का मोलर द्रव्यमान = 40g/mol
उत्तर – सल्फाइड अयस्कों जैसे- कॉपर पइराइटीज, जिंक ब्लेड आदि के सान्द्रण के लिए विशेष रूप से यह विधि उपयुक्त है।
उत्तर – इकाई सेल का किनारा = a = 351 pm
उत्तर – किसी रासायनिक यौगिक में बंधे हुए किसी परमाणु के ऑक्सीकरण के दर्जे का सूचक होता है। सह संख्या गिनाती है कि उस यौगिक के रासायनिक बंध में वह परमाणु कितने इलेक्ट्रॉन उस यौगिक में स्थित अन्य परमाणुओं को खो चुका है।
उत्तर – ठोस पदार्थों की सतहों पर गैसों का अधिशोषण अग्रलिखित कारकों पर निर्भर करता है –
उत्तर – (a) संपर्क विधि द्वारा H2SO4 का उत्पादन : SO2 और O2 के मिश्रण को Pt उत्प्रेरक की उपस्थिति में गर्म करने पर SO3 प्राप्त होता है, जिसे जल में घोलने पर H2SO4 प्राप्त होता है। प्रतिक्रिया को निम्न प्रकार से दर्शाया जा सकता है –
उत्तर – (a) किसी प्रतिक्रिया को प्रथम क्रम की प्रतिक्रिया तब कहा जाता है, जब प्रतिक्रिया की दर प्रतिकारक के एक सान्द्रता पद का सीधा समानुपाती हो ।
विसरण | परासरण |
(i) विसरण क्रिया सभी पदार्थों ठोस, द्रव और गैस में हो सकती है। | (i) परासरण केवल द्रव्य तथा उसमें विलेय पदार्थों में ही होता है । |
(ii) विसरण करने वाले दोनों पदार्थों के मध्य किसी प्रकार की झिल्ली नहीं होती है। | (ii) परासरण के लिए दोनों धर्मों के मध्य अर्द्ध पारगम्य झिल्ली होती है। |
(iii) विसरण सभी दिशाओं में होनेवाली क्रिया है। | (iii) परासरण निश्चित दिशा में होने वाली क्रिया है। |
(iv) इस क्रिया में कोई विशेष ताबूत पन्ने नहीं होते हैं । | (iv) परासरण दाब उत्पन्न होता है जो विलयन की सान्द्रता पर निर्भर करता है। |
उत्तर – (a) (i) हैलोबेंजीन तथा हैलोऐल्केन के मिश्रण का शुष्क ईथर में सोडियम द्वारा अभिक्रिया कराने पर ऐल्किलबेंजीन प्राप्त होता है। इस अभिक्रिया को वुर्ट्स-फिटिंग अभिक्रिया कहते हैं।
उत्तर – (a) वे रसायन जो शर्करा तो नहीं होते परन्तु भोजन की कृत्रिम मिठास को बढ़ा देते हैं, उन्हें कृत्रिम मधुरक कहते हैं। उदाहरणार्थ – सैकरीन, एस्पार्टेम, सुक्रोलोस आदि।
उत्तर – किसी विलेय पदार्थ को किसी विलायक में मिलाने पर विलायक के क्वथनांक में उत्पन्न वृद्धि को उस विलायक के क्वथनांक में उन्नयन कहा जाता है।
उत्तर – प्रबल विद्युत अपघट्य – वे पदार्थ जिनकी आयनन की मात्रा उच्च होती है, प्रबल विद्युत अपघट्य कहलाते हैं। उदाहरण – KCl
उत्तर – औसत वेग : किसी वस्तु द्वारा किसी मात्रा में कुल विस्थापन तथा मात्रा में लगे कुल समय के अनुपात को औसत वेग कहते हैं।
उत्तर – समांगी उत्प्रेरण – जिस उत्प्रेरण अभिक्रिया में अभिकारक तथा उत्प्रेरक समान भौतिक प्रावस्था में होते हैं उसे समांगी उत्प्रेरण कहा जाता है।
उत्तर – आदर्श घोल : वैसे द्रव-द्रव विलयन जो सभी ताप एवं सान्द्रण की स्थितियों में Raoult’s law का पालन करते है, उन्हे आदर्श घोल कहा जाता है।
उत्तर – समपरासारीघोल : नियत ताप पर ऐसे विलयन का Osmotic pressure reference solution के osmotic pressure के बराबर होता है।
उत्तर – हाइड्रोजन बॉन्डिंग के माध्यम से बड़ी संख्या में ऐल्कोहॉल अणुओं के इंटरमॉलिक्युलर (intermolecular) संगठन के कारण ऐल्कोहॉल का क्वथनांक संबंधित ऐल्केन से अधिक होता है।
(ii) जब SO2 गैस को अम्लीय K2Cr2O7 घोल से गुजारा जाता है, तो क्रोमियम सल्फेट बनने के कारण घोल हरा हो जाता है।
उत्तर – किसी रासायनिक अभिक्रिया के अभिकारकों या उत्पादों के इकाई समय में सान्द्रण उसका अभिक्रिया वेग कहा जाता है। अभिक्रिया का वेग निम्नलिखित बातों पर निर्भर करता है –
उत्तर – (a) फॉर्मिक अम्ल की अभिक्रिया अमोनियायुक्त सिल्वर नाइट्रेट के विलयन से करायी जाती है तब फॉर्मिक अम्ल अमोनिया युक्त सिल्वर नाइट्रेट के विलयन घटाकर सिल्वर और कार्बन डाइऑक्साइड बनाता है।
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