Bihar Secondary School Question Bank | Bihar Board Class 12th Chemistry Question Bank 2012-2023 | BSEB Class 12th Chemistry Notes (1)
Bihar Secondary School Question Bank | Bihar Board Class 12th Chemistry Question Bank 2012-2023 | BSEB Class 12th Chemistry Notes (1)


उत्तर – शॉटकी और फ्रेंकेल दोष में निम्न अन्तर पाया जाता है-
शॉटकी दोष | फ्रेंकेल दोष |
(i) इस दोष में धनायन तथा ऋणायन अपने जालक स्थलों से पूर्णतः हट जाते हैं तथा धनोयन और ऋणायन की संख्या बराबर होती है। | (i) इस दोष में एक आयन अपने जालक बिन्दु को छोड़कर अन्तराकाशी स्थल में आ जाते हैं। |
(ii) इस दोष में Crystai का घनत्व घट जाता है। | (ii) इस दोष में Crystal के घनत्व में कोई परिवर्तन नहीं होता है। |





उत्तर – (a) 11 भाग NH3 तथा 89. भाग हवा के मिश्रण को Pt-gauze के ऊपर से प्रवाहित कर 800°C तक गर्म करने पर NO प्राप्त होता है।
उत्तर – (a) (i) ज्वरनाशी : वह रासायनिक यौगिक जो उच्च ज्वर आने पर शरीर के तापमान को कम कर सकता है, एन्टीपायरेटिक कहलाता है। ज्वरनाशकों के प्रयोग से प्रायः पसीना निकलता है, जो शरीर के ताप को कम करता है। सामान्य ज्वरनाशकों के नाम हैं- (a) एनालजीन (b) फीनासेटिन (c) पैरासिटामॉल।
उत्तर – मिथेनोइक अम्ल तथा इथेनोइक अम्ल के बीच अंतर –



उत्तर – (a) हाइड्रोजन आयोडाइड (HI) हाइड्रोजन फ्लोराइड से शक्तिशाली अम्ल है क्योंकि आयोडीन (I) क्लोरीन (F) से ज्यादा इलेक्ट्रोनिगेटिव है और इसलिए वे H+ को ज्यादा आसानी से दान कर सकता है।
अधिशोषण | अवशोषण |
(i) यह पृष्ठ पर होता है अतः surface phenomenon है। | (i) यह interior or bulk में होता है अतः bulk phenomenon है। |
(ii) इसमें adsorbate के कणों का वितरण पृष्ठ तथा अन्तःस्थ में असमान होता है। | (ii) इसमें solute के कणों का वितरण पृष्ठ. एवं अंतःस्थ दोनों में समान होता है। |
(iii) प्रारंभ में अधिशोषण-दर उच्च तथा साम्यावस्था में कम होता है। | (iii) अवशोषण दर सदैव नियत एवं समान होता है। |




रिबोन्यूक्लिक अम्ल
(RNA) |
डिऑक्सीरेबोन्यूक्लिक अम्ल
(DNA) |
(i) RNA में में उपस्थित पेन्टोजशर्करा D- राइबोज होती है। | (i) DNA में उपस्थित पेन्टोजशर्करा D-2 डिऑक्साराइबोज होती है। |
(ii) RNA साइटोसिन तथा यूरेसिल जैसे पिरीमिडीन बेस तथा ग्वानिन और ऐडीनिन जैसे प्यूरीन बेंस रखता है।
|
(ii) DNA साइटोसिन तथा थाइमिन जैसे पिरीमिडीन बेस तथा ग्वानिन व ऐडीनिन प्यूरीन की तरह रखता है। |
(iii) यह पॉलीन्यूक्लियोटाइड की एकल श्रृंखला है। | (iii) यह पॉलीन्यूक्लियोटाइड की दोहरी श्रृंखला है। |
(iv) यह DNA के द्वारा बनता है तथा स्वयं द्विगुणन नहीं कर सकता। | (iv) यह स्वयं द्विगुणन कर सकता है। |
(b) न्यूक्लिक अम्ल : DNA आनुवंशिकता का रासायनिक आधार है जिसे आनुवंशिक सूचनाओं का संग्राहक माना जाता है। DNA लाखों वर्षों से किसी जीव की विभिन्न प्रजातियों की पहचान बनाए रखने के लिए विशिष्ट रूप से जिम्मेदार है।
13. (a) संपर्क विधि द्वारा सल्फ्यूरिक अम्ल के उत्पादन की विधि का सिद्धांत लिखें।




उत्तर – 5g यूरिया 100 ml में विलेय है ।

भौतिक अधिशोषण | रासायनिक अधिशोषण |
(i) यह उत्क्रमणीय घटना है। | (i) यह अनुत्क्रमणीय घटना है। |
(ii) यह निम्न ताप पर होता है। | (ii) यह उच्च ताप पर होता है। |
(iii) इसमें बहुआण्विक परत बनता है। | (iii) इसमें एकल आण्विक परत बनता है। |
(iv) दाब की वृद्धि से इसमें वृद्धि होती है। | (iv) दाब की वृद्धि से इसमें कमी होती है। |
उत्तर – (a) निस्तापन एवं भर्जन
निस्तापन : किसी अयस्क को वायु की अनुपस्थिति में उसके द्रवणांक से कम ताप पर विघटित करने की क्रिया निस्तापन कहलाती है।




उत्तर – हेमेटाइट (Fe2O3) एवं मैग्नेटाइट (Fe3O4) लोहे के दो मुख्य अयस्क हैं।
हेमेटाइट अयस्क को लोहे के निष्कर्षण में निहित सिद्धांत –

(घ) अयस्क सरन्ध्र हो जाता है



उत्तर – (a) अमोनिया (NH3) के अणु आपस में हाइड्रोजन आबंधों का निर्माण करते हैं जबकि फॉस्फीन (PH3) के अणु हाइड्रोजन आबंध नहीं बना पाते हैं। नाइट्रोजन परमाणु का आकार अपेक्षाकृत छोटा होता है और इसकी विद्युत ऋणात्मकता भी अधिक होती है। इस कारण यह आवेशित होकर हाइड्रोजन के साथ सफलतापूर्वक हाइड्रोजन आबंधों का निर्माण कर पाता है। अतः अमोनिया के अणुओं में सह-संयोजन आबंधों के अतिरिक्त हाइड्रोजन आबंध होने के कारण इनका क्वथनांक PH3 से ज्यादा होता है।






उत्तर – (a) 2, 3-डाइमिथाइल ब्युटेन



उत्तर – फैराडे के विद्युत विच्छेदन का प्रथम नियम : किसी वैद्युत अपघटन में जमा या मुक्त पदार्थ की मात्रा उसमें प्रवाहित आवेश की मात्रा का समानुपाती होता है।


उत्तर – जिंक का प्रमुख अयस्क जिंक ब्लेण्ड (ZnS) होता है।
उत्तर – निस्तापन : किसी अयस्क को वायु की अनुपस्थिति में उसके द्रवणांक से कम ताप पर विघटित करने की क्रिया निस्तापन कहलाती है।




उत्तर – थर्मोप्लास्टिक और थर्मोसेटिंग बहुलकों में अंतर –
थर्मोप्लास्टिक बहुलक | थर्मोसेटिंग बहुलक |
(i) वे प्लास्टिक जो गर्म अवस्था में मुलायम एवं ठंढा अवस्था में कठोर हो जाता है। | (i) ये गर्म करने पर मुलायम नहीं होता परंतु कठोर हो जाता है। |
(ii) इसकी संरचना रैखिक होती है। | (ii) इसकी संरचना three dimensional होती है। |
(iii) इसका निर्माण योगशील बहुलीकरण से होता है। | (iii) इसका निर्माण संघनन बहुलीकरण से होता है। |
(iv) ये कम Brittle होते हैं परंतु कार्बनिक घोलकों में घुलनशील होता है। | (iv) ये अधिक Brittle होते हैं परंतु अकार्बनिक घोलकों में घुलनशील होते हैं। |





मोलरता | मोललता |
(1) यह घोल के आयतन पर निर्भर करता है। | (1) यह घोलक के द्रव्यमान पर निर्भर करता है। |
(2) यह तापक्रम पर निर्भर करता है। | (2) यह तापक्रम पर निर्भर नहीं करता है। |
(3) इसकी इकाई मोल / घन सेमी होती है। | (3) इसकी इकाई मोल/किलोग्राम होती है। |




उत्तर – हेमेटाइट (Fe2O3) एवं मैग्नेटाइट (Fe3O4) लोहे के दो मुख्य अयस्क हैं।हेमेटाइट अयस्क को लोहे के निष्कर्षण में निहित सिद्धांत –

(घ) अयस्क सरन्ध्र हो जाता है
उत्तर – (i) कॉपर के साथ प्रतिक्रिया –






उत्तर – मोलर घोल का विभव एवं इलेक्ट्रोड के विभव के अंतर को 298 K पर मानक इलेक्ट्रोड विभव कहते हैं। इसे E° से सूचित किया जाता है।
उत्तर – इन तत्वों के d-शेल में अयुग्मित इलेक्ट्रॉन उपस्थित रहते हैं। फलतः प्रकाश पड़ने पर ये अयुग्मित इलेक्ट्रॉन d-शेल के निम्न ऊर्जा स्तर से उच्च ऊर्जा स्तर में चले जाते हैं। इसमें प्रकाश ऊर्जा का अवशोषण दृश्य क्षेत्र में होता है। अतः d–d संक्रमण के कारण यौगिक रंगीन दिखाई पड़ता है।


उत्तर – (क) 1, 4-ब्यूटेनडाइओइक अम्ल
सबल अम्ल से सबल भस्म का उदासीनीकरण का ताप हमेशा 13.7 k cal होता है ।

उत्तर – शॉटकी और फ्रेंकेल दोष में निम्न अन्तर पाया जाता है-
शॉटकी दोष | फ्रेंकेल दोष |
(i) इस दोष में धनायन तथा ऋणायन अपने जालक स्थलों से पूर्णतः हट जाते हैं तथा धनोयन और ऋणायन की संख्या बराबर होती है। | (i) इस दोष में एक आयन अपने जालक बिन्दु को छोड़कर अन्तराकाशी स्थल में आ जाते हैं। |
(ii) इस दोष में Crystai का घनत्व घट जाता है। | (ii) इस दोष में Crystal के घनत्व में कोई परिवर्तन नहीं होता है। |

उत्तर – (क) अभिक्रिया की कोटि : किसी अभिक्रिया के दर समीकरण में प्रतिपाद के सांद्रता के ऊपर घात/ घातों के बीजगणितीय योग को अभिक्रिया की कोटि कही जाती है।
उत्तर – (क) क्वथनांक का उन्नयन : किसी घोल में अवाष्पशील पदार्थ डालने पर उसका वाष्पदाब कम हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप क्वथनांक बढ़ जाता है, अर्थात् वाष्पदाब अवनमन के कारण विलयन का क्वथनांक शुद्ध घोलक के क्वथनांक से ऊँचा होता है। विलयन और विलायक के क्वथनांकों का अन्तर क्वथनांक का उन्नयन कहलाता है, जिसे ∆Tb, द्वारा सूचित किया जाता है।

उत्तर – (a) परासरण: यदि एक घोल को किसी घोलक या अधिक तनु घोल से अर्द्धपारगम्य झिल्ली द्वारा पृथक किया जाए तो घोल अणु अधिक तनु घोल से सांद्र घोल में तबतक प्रवाहित होंगे जबतक कि दोनों घोलों के बीच साम्य स्थापित नहीं हो जाता है। इस क्रिया को परासरण कहते हैं।


गुण | मिथाइल ऐल्कोहॉल | इथाइल ऐल्कोहॉल |
(1) विरंजक चूर्ण के साथ गर्म किया जाता है । | (1) क्लोरोफॉर्म प्राप्त नहीं होता है। | (1) क्लोरोफॉर्म प्राप्त होता है। |
(2) ऐल्कोहॉल के वाष्प को अवकृत ताँबे के ऊपर 300°C पर प्रवाहित की जाती है। | (2) फॉर्मल्डिहाइड प्राप्त होता है जिसमें तीखी गंध होती है। | (2) फॉर्मल्डिहाइड बनता है जिसमें तीखी गंध नहीं होती है। |
(3) I2 एवं NaOH के साथ गर्म किया जाता है। | (3) CHI3 प्राप्त नहीं होता है। | (3) CHI3 प्राप्त होता है। |
उत्तर – हेमेटाइट (Fe2O3) एवं मैग्नेटाइट (Fe3O4) लोहे के दो मुख्य अयस्क हैं।हेमेटाइट अयस्क को लोहे के निष्कर्षण में निहित सिद्धांत –

(घ) अयस्क सरन्ध्र हो जाता है
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