Will solve difficult tasks in a jiffy A PhD level AI super-agent is coming soon | चुटकी में सॉल्‍व करेगा मुश्‍क‍िल काम; आने वाला है Ph.D. लेवल वाला AI का सुपर-एजेंट | Hindi news, tech news

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अगर आप AI के काम को देखकर इम्‍प्रेस हैं तो जरा रुक‍िए. क्‍योंक‍ि इसका असली जलवा अभी देखना बाकी है. मार्केट में जल्‍द ही Ph.D. लेवल वाला AI का सुपर-एजेंट आने वाला है, जो आपके मुश्‍क‍िल से मुश्‍क‍िल काम को चुटक‍ियों में करेगा. पूरी ड‍िटेल…और पढ़ें

चुटकी में सॉल्‍व करेगा मुश्‍क‍िल काम,आ रहा है Ph.D. लेवल वाला AI का सुपर-एजेंट

AI कंपन‍ियां सुपरएजेंट AI लाने की तैयारी कर रही हैं. जान‍िये ये कैसा होगा.

नई द‍िल्‍ली. इसमें कोई शक नहीं है क‍ि AI ने इंसानों का काम आसान कर द‍िया है. जिस काम को करने में इंसानों को घंटों लगते थे, अब उसे AI कुछ म‍िनटों में करके दे देता है. हालाक‍ि इसमें अब भी इंसानों जैसी सोचने की क्षमता नहीं है. इसल‍िए आपको इसमें कुछ खाम‍ियां भी नजर आती होंगी. लेक‍िन आने वाले समय में आपकी ये श‍िकायत भी खत्‍म हो जाएगी. क्‍योंक‍ि AI कंपन‍ियां एक ऐसे सुपरएजेंट AI को तैयार करने में जुटी हुई हैं, जो PhD लेवल का काम करके देगा. यानी काम क‍ितना भी उलझा हुआ और मुश्‍क‍िल क्‍यों न हो, नया सुपरएजेंट AI उसे सॉल्‍व कर देगा.

दरअसल, ऐसी र‍िपोर्ट आ रही है, ज‍िसमें ये कहा गया है क‍ि जनरेटिव एआई मॉडल के आर्किटेक्ट्स के बीच इस बात को लेकर चर्चा हो रही है कि एक टॉप कंपनी, संभवतः ओपनएआई, आने वाले हफ्तों में अगले स्तर का AI ला सकती है. ये AI, इंसानों के जटिल कामों को करने में एक्‍सपर्ट होगा.

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बंद दरवाजे के पीछे हो रही प्‍लान‍िंग 
र‍िपोर्ट में कहा गया है क‍ि पता चला है कि OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन ने 30 जनवरी को वाशिंगटन में अमेरिकी सरकार के अधिकारियों के लिए एक बंद कमरे में ब्रीफिंग का कार्यक्रम निर्धारित किया है. आपको बता दें क‍ि सैम ऑल्टमैन ने सितंबर में इसे इंटेलिजेंस एज नाम दिया था और वो इस सप्ताह के अंत में नए उद्घाटन के लिए वाशिंगटन में ही हैं.

ये बात मायने क्‍यों रखती है?
ये बात इसल‍िए मायने रखती है क्‍योंक‍ि हाल ही में मेटा के मार्क जुकरबर्ग और अन्य कई लोगों ने सार्वजनिक रूप से इस साल म‍िड लेवल के सॉफ्टवेयर इंजीनियरों और दूसरे जॉब्‍स की जगह एआई के आने की बात कही है. अगर ऐसा होता है तो म‍िड लेवल की नौकर‍ियों पर खतरा है.

जुकरबर्ग ने कहा था क‍ि मेटा ही नहीं, दुन‍िया की बहुत सी कंपन‍ियां, जो मूल रूप से इस पर काम कर रही हैं, उनके पास एक ऐसा AI होगा जो कंपनी में म‍िड लेवल का इंजीनियर हो सकता है, जो कोड लिख सकता है. यानी आने वाले समय में कंपनि‍यां, इंजीन‍ियर (इंसान) की जगह AI इंजीन‍ियर से अपना काम कराने वाली हैं.

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