Smartphone पर आप भी देखते हैं अश्लील वीडियो? लग सकता है बड़ा झटका..

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स्मार्टफोन पर अश्लील वीडियो देखने वालों को तुरंत यह बात जान लेनी चाहिए, नहीं तो वे बड़ी मुसीबत में पड़ जाएंगे.

इस डिजिटल युग में साइबर धोखाधड़ी एक नया आयाम ले रही है. जो लोग पोर्नोग्राफ‍िक वीडियो, ख़ास तौर पर बच्चों से संबंधित कंटेंट देखने में रुचि रखते हैं, वे अब साइबर गिरोहों के टार्गेट बन रहे हैं. ये गिरोह अपने पीड़ितों का बहुत ही कुशलता से और इस तरह से शोषण कर रहे हैं कि वे मनोवैज्ञानिक रूप से डरे हुए हैं. (Photo- Meta AI)

आधुनिक डिजिटल युग में साइबर घोटाले के रूप बदल रहे हैं. धोखाधड़ी का एक नया तरीका जो अभी सामने आया है, उसमें लोगों को झूठे आरोपों से डराकर ठगा जा रहा है, जैसे कि आप चाइल्ड पोर्नोग्राफी वीडियो देख रहे हैं, या ड्रग और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में शामिल हैं. हाल ही में हैदराबाद में ऐसी घटनाओं में वृद्धि हुई है. (Photo- Meta AI)

केंद्रीय गृह मंत्रालय के नाम से WhatsApp पर आया पत्र! एलबी नगर के एक युवक को केंद्रीय गृह मंत्रालय के नाम से WhatsApp पर एक फर्जी पत्र मिला. इसमें चेतावनी दी गई है, “हमने आपके आईपी एड्रेस के जरिए आपकी पहचान कर ली है, चाइल्ड पोर्नोग्राफी वीडियो देखने के आरोप में साइबर लैब में मामला दर्ज किया गया है, अगर आपने 24 घंटे के अंदर जवाब नहीं दिया तो दिल्ली पुलिस कार्रवाई करेगी. (Photo- Meta AI)

ये मैसेज देखकर युवक घबरा गया, लेकिन जब उसने यह सोचकर मामले की जांच की कि उसे ऐसे वीडियो देखने की आदत नहीं है, तो पता चला कि यह फर्जी गिरोहों द्वारा फैलाई गई एक धोखाधड़ी थी. (Photo- Meta AI)

एक दूसरी घटना में शहर के एक सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी को एक फोन आया. फोन करने वाले ने कहा क‍ि आप ड्रग मामलों, मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हैं और हमें आपका आधार कार्ड नंबर चाहिए. डर के मारे उन्होंने अपना आधार नंबर दे दिया.(Photo- Meta AI)

बाद में उन्होंने उसे धमकाते हुए कहा कि उनके पास डेटा है जो दिखाता है कि वह अश्लील वीडियो देख रहा था और 1.5 लाख रुपये वसूल लिए. इसके बाद, उसने पुलिस से संपर्क किया, इस संदेह के साथ कि यह कॉल वास्तविक है या नहीं, लेकिन यह पूरी तरह से धोखाधड़ी निकली.(Photo- Meta AI)

ऐसे स्‍कैम‍िंग का लक्ष्य क्या है? : साइबर गिरोह ऐसे दृश्य बनाते हैं जो मनोवैज्ञानिक कमज़ोरी दिखाते हैं और पीड़ितों को तुरंत प्रतिक्रिया करने के लिए मजबूर करते हैं. वे उन्हें अपमानित करके डराते हैं, कानूनी कार्रवाई की धमकी देते हैं, आधिकारिक संगठनों (सीबीआई, एनसीबी, साइबर सेल, एमएचए आदि) के नाम का इस्तेमाल करते हैं, आधार, पैन, ओटीपी मांगते हैं और पैसे ऐंठने के लिए व्यक्तिगत डेटा का इस्तेमाल करते हैं.(Photo- Meta AI)

इस तरह के स्‍कैम से खुद को कैसे बचाएं? : अगर आपको ऐसे संदेश या फ़ोन कॉल आते हैं तो घबराएं नहीं. पुलिस या सरकारी विभाग सीधे वॉट्सएप पर पत्र नहीं भेजते हैं. केवल आधिकारिक जानकारी पर भरोसा करें. हमेशा .gov.in, .nic.in जैसे डोमेन वाले ईमेल की जांच करें और उन्हें सत्यापित करें. आधार नंबर, OTP, पासवर्ड कभी भी शेयर न करें.(Photo- Meta AI)

पुलिस ये भी सलाह देती है कि अगर आपके सामने ऐसी कोई बात आए तो तुरंत 1930 (साइबर हेल्पलाइन) या वेबसाइट https://cybercrime.gov.in पर इसकी सूचना दें. “डरकर कोई फैसला न लें. ठगी करने वालों को पहचानें – जानकारी ही सुरक्षा है! साइबर ठगी का शिकार होना स‍िर्फ अशिक्षा की वजह से नहीं होता, बल्कि जागरूकता की कमी की वजह से भी होता है. ऐसी अस्पष्ट परिस्थितियों में सोच-समझकर काम लें और बिना आधिकारिक जानकारी के कोई कदम न उठाएं. (Photo- Meta AI)

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