RBI गवर्नर बोले- मुद्रास्फीति को 4 फीसदी पर लाने के लिये कोशिश जारी, चुनौतियां बरकरार

महंगाई को काबू में लाने के रास्ते में चुनौतियों के सवाल पर शक्तिकांत दास ने कहा, दो-तीन चुनौतियां हैं. सबसे पहली चुनौती अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनिश्चितता की है. रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण जो अनिश्चितताएं पैदा हुई हैं, वह अभी बनी हुई है, उसका क्या असर होगा, वह तो आने वाले समय पर ही पता चलेगा. दूसरा, वैसे तो सामान्य मानसून का अनुमान है, लेकिन अल नीनो को लेकर आशंका है. यह देखना होगा कि अल नीनो कितना गंभीर होता है. अन्य चुनौतियां मुख्य रूप से मौसम संबंधित हैं, जिसका असर सब्जियों के दाम पर पड़ता है. ये सब अनिश्चितताएं हैं, जिनसे हमें निपटना होगा. ऊंची ब्याज दर से कर्ज लेने वालों को राहत के बारे में पूछे जाने पर आरबीआई गवर्नर ने कहा, ब्याज दर और मुद्रास्फीति साथ-साथ चलते हैं. इसीलिए अगर मुद्रास्फीति टिकाऊ स्तर पर काबू में आ जाएगी और यह चार प्रतिशत के आसपास आती है तो ब्याज दर भी कम हो सकती है. इसीलिए हमें दोनों का एक साथ विश्लेषण करना चाहिए. यह पूछे जाने पर कि क्या मुद्रास्फीति नीचे आने पर ब्याज दर में कमी आएगी, दास ने कहा, उसके बारे में मैं अभी कुछ नहीं कहूंगा. जब मुद्रास्फीति कम होगी, फिर उसके बारे में सोचेंगे.

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