people prioritize for battery when buying budget phone survey reveals truth what is in list-आजकल बजट फोन खरीदने से पहले मोबाइल में क्या चेक कर रहे हैं लोग? देखिए आपके मामले में ये सही या गलत

आज के समय में स्मार्टफोन सिर्फ कॉल करने या मैसेज भेजने के लिए नहीं, बल्कि एंटरटेनमेंट, डिजिटल पेमेंट और डेली टास्क मैनेज करने के काम आने लगा है. अब फोन सिर्फ फोन नहीं रहा, बल्कि एक तरह से लोगों की लाइफ का अहम हिस्सा बन चुका है. मार्केट में अब तरह-तरह के फोन आने लगे हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि अभी लोग फोन खरीदने के लिए सबसे पहले उसमें क्या देख रहे हैं.

Counterpoint के India Shipment Tracker (जनवरी-मई 2025) के मुताबिक भारत में बिकने वाले स्मार्टफोन्स की एवरेज बैटरी कैपेसिटी 5212mAh है. जैसे-जैसे स्मार्टफोन पर हमारी निर्भरता बढ़ रही है, वैसे-वैसे बैटरी लाइफ को लेकर उम्मीदें भी बढ़ गई हैं. यूजर्स सोशल मीडिया से लेकर पेमेंट्स, फोटोग्राफी, वीडियो स्ट्रीमिंग, नोट्स लेने, ट्रांसपोर्ट बुकिंग, और AI टूल्स तक हर चीज के लिए फोन पर निर्भर हैं. इन सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए स्मूद परफॉर्मेंस और स्ट्रॉन्ग बैटरी बैकअप बेहद जरूरी हो गया है.

सबसे ज्यादा किस चीज की डिमांड है?
जब लोग नया स्मार्टफोन खरीदते हैं, तो उनकी चॉइस साफ होती हैं. Counterpoint Research के कंज्यूमर सर्वे के मुताबिक, पूरे मार्केट में प्रोसेसर (SoC) अब भी टॉप प्रायोरिटी है. लेकिन 20,000 रुपये से कम कीमत वाले सेगमेंट में बैटरी लाइफ सबसे अहम फैक्टर बन गई है. बजट-फ्रेंडली डिवाइस चुनते समय लोग ऐसे फोन को चाहते हैं, जो पूरे दिन साथ दे सके.

Counterpoint ने भारत में 1,000 से ज्यादा स्मार्टफोन यूजर्स के बीच ये स्टडी की गई है. इनमें अलग-अलग ब्रांड्स, प्राइस सेगमेंट और टियर-1 शहरों से लेकर छोटे कस्बों के यूजर्स शामिल थे. ये सभी लोग अपने परिवार में स्मार्टफोन खरीदने के फैसले में अहम भूमिका निभाने वाले लोग थे.

Photo: counterpointresearch.com
सर्वे में क्या निकला?
सर्वे के मुताबिक, प्रोसेसर परफॉर्मेंस, बैटरी लाइफ और स्टोरेज कैपेसिटी स्मार्टफोन खरीदने के टॉप तीन कारण हैं. खास बात ये है कि 20,000 रुपये से कम कीमत में फोन लेने वाले 15% लोगों ने बैटरी लाइफ को नंबर-1 फैक्टर माना है.

इन-डेप्थ इंटरव्यू से एक और अहम बात सामने आई है. यूजर्स जानते हैं कि बड़ी बैटरी का मतलब है भारी और मोटा फोन. इसलिए वे चाहते हैं कि बैटरी ज्यादा चले, लेकिन फोन हल्का और कॉम्पैक्ट हो. यही वजह है कि ब्रांड्स के लिए अब यह बड़ा चैलेंज है कि कैसे बैटरी बैकअप और डिजाइन में बैलेंस बनाया जाए.

Counterpoint की स्टडी से ये साफ हो गया है कि बजट सेगमेंट में बैटरी सिर्फ एक फीचर नहीं, बल्कि डील-ब्रेकर है. अगर बैटरी लाइफ अच्छी नहीं है, तो लोग फोन नहीं लेंगे. इसके अलावा लोग डिजाइन और परफॉर्मेंस पर भी समझौता नहीं करते हैं.

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