Israel-Iran War में हर दिन कितना खर्च हो रहा है इजराइल का, जानिए कैसी है अर्थव्यवस्था की हालत
Israel-Iran War: इजरायल ईरान के बीच जबरदस्त वॅार चल रही है. इस वॅार में इजरायल हर दिन लगभग 725 मिलियन डॉलर यानी करीब 6300 करोड़ रुपये केवल सैन्य खर्चों पर खर्च कर रहा है. इजरायली डिफेंस फोर्स के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी और वित्तीय सलाहकार ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) री’एम अमीनाच ने Ynet न्यूज को ये जानकारी दी है.
अमीनाच ने इस दौरान बताया कि युद्ध के पहले 48 घंटों में इजरायल ने लगभग 1.45 अरब डॉलर खर्च कर दिए थे. इसमें हवाई हमले, उड़ान घंटे और गोला-बारूद पर लगभग 593 मिलियन डॉलर खर्च हुए, जबकि बचाव के लिए मिसाइल इंटरसेप्शन सिस्टम और रिजर्व सैनिकों की तैनाती पर बाकी राशि खर्च हुई. ये आंकड़ा तो सिर्फ सैन्य खर्च को दर्शाता है, नागरिक संपत्ति को हुए नुकसान और व्यापक आर्थिक प्रभाव इसमें शामिल नहीं हैं.
इजरायल की अर्थव्यवस्था
इस कारोबारी साल के लिए इजरायल की वित्त मंत्रालय ने GDP का 4.9% (लगभग 27.6 अरब डॉलर) का बजट घाटा निर्धारित किया है. ईरान के साथ जारी युद्ध के कारण आर्थिक दबाव बढ़ रहा है. क्योंकि गाजा युद्ध के दौरान आपातकालीन फंड का अधिकांश हिस्सा पहले ही खर्च हो चुका है.
इजरायल का आर्थिक दृष्टिकोण भी युद्ध के चलते प्रभावित हुआ है, वित्त मंत्रालय ने 2025 के लिए GDP वृद्धि दर का अनुमान 4.3% से घटाकर 3.6% कर दिया है. युद्ध की वजह से प्रोडक्शन और सिटिजन प्रोडक्टिविटी में कमी आई है, जिससे देश की आर्थिक वृद्धि धीमी पड़ रही है.
7% तक रक्षा खर्च
विशेषज्ञों के अनुसार, युद्ध के चलते इजरायल की अर्थव्यवस्था पर लॉन्गटर्म प्रभाव पड़ेंगे. देश के GDP का लगभग 7% तक रक्षा खर्च पहुंच गया है, जो युद्ध प्रभावित यूक्रेन के बाद सबसे अधिक है. इसी खर्च में मिसाइल डिफेंस सिस्टम के इंटरसेप्टर की लागत भी शामिल है, जो भारी खर्च बढ़ा रहे हैं.
इजरायल में मिसाइल हमलों से शहरों को हुए नुकसान की मरम्मत पर भी अरबों डॉलर खर्च होंगे. अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजरायल के पास मिसाइल डिफेंस उपकरणों की कमी हो रही है, जिससे सुरक्षा व्यवस्था पर चिंता बढ़ रही है.
WSJ रिपोर्ट
वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) के अनुसार, इजरायल का ईरान के खिलाफ चल रहा युद्ध उसे हर दिन लगभग 400 मिलियन डॉलर तक का खर्चा करा रहा है. जिसके चलते इजरायल की आर्थिक स्थिति पर गंभीर दबाव पड़ रहा है और यह देश की युद्ध क्षमता को बनाए रखने की क्षमता को सीमित कर सकता है.
रिपोर्टस के मुताबिक, ईरानी सैन्य हमलों को रोकने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले इंटरसेप्टर मिसाइलों की लागत रोजाना कई करोड़ डॉलर से लेकर 200 मिलियन डॉलर तक हो सकती है.
इसके अलावा प्रतिदिन का खर्च 40 करोड़ डॉलर है, जो विमान, गोला-बारूद और युद्ध में इमारतों को हुए नुकसान की मरम्मत में हो रहा है.
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