IPL में नहीं लगी बोली, फिर भी 38 करोड़ कमाए, जानिए कौन है वो खिलाड़ी?

IPL: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) ने क्रिकेट की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई है और इसका रोमांच हर साल बढ़ता ही जा रहा है. आईपीएल की शुरुआत से ही इस लीग ने अपनी लोकप्रियता और व्यावसायिकता के कारण दुनियाभर के फैंस को आकर्षित किया है. 2025 के आईपीएल ऑक्शन में ऋषभ पंत पर लखनऊ सुपरजायंट्स ने बड़ी बोली लगाई, जो इस लीग के बढ़ते रोमांच को और भी बढ़ा देता है. हालांकि, आईपीएल का सफर हमेशा उतार-चढ़ाव से भरा रहा है. कुछ फैसले विवादों में रहे हैं, लेकिन कई फैसलों की आज भी सराहना की जाती है. आईपीएल के पहले 17 सीज़नों में भारतीय खिलाड़ियों का योगदान अहम रहा है. इनमें कुछ ऐतिहासिक फैसले शामिल हैं, जैसे 2008 में सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ को एक विशेष श्रेणी में रखना, या धोनी को अनकैप्ड खिलाड़ियों के तौर पर खिलाने के लिए नियमों में बदलाव करना.

लेकिन आईपीएल से जुड़ी एक दिलचस्प कहानी शायद बहुत कम लोग जानते होंगे. आईपीएल में एक ऐसा क्रिकेटर भी रहा है, जिस पर कभी बोली नहीं लगी, लेकिन उसने इस लीग से 38 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम कमाई. वह खिलाड़ी कोई और नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर थे.

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साल 2008 में जब आईपीएल की शुरुआत हुई, तो ऑक्शन से पहले एक बड़ा सवाल था कि भारत के दिग्गज खिलाड़ियों पर बोली कैसे लगाई जाएगी. इस पर विवाद था क्योंकि इन खिलाड़ियों का पहले से ही बड़ा नाम था और उनके लिए बोली लगाना एक मुश्किल काम हो सकता था. उस वक्त आईपीएल के कमिश्नर ललित मोदी ने एक नई सोच सामने रखी. उन्होंने सुझाव दिया कि भारत के दिग्गज खिलाड़ियों को ऑक्शन में न भेजा जाए, जिससे उनके लिए बोली लगाना एक समस्या न बने. इस विचार को बीसीसीआई अधिकारियों ने सराहा और तुरंत इसे मंजूरी दे दी. इसके बाद सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, वीरेंद्र सहवाग, राहुल द्रविड़ और युवराज सिंह को मार्की प्लेयर के तौर पर चुना गया. इन खिलाड़ियों को बिना बोली के सीधे आईपीएल टीमों में शामिल किया गया.

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सचिन तेंदुलकर को मुंबई इंडियंस ने अपनी टीम में लिया, सौरव गांगुली को कोलकाता नाइट राइडर्स ने, वीरेंद्र सहवाग को दिल्ली डेयरडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल्स) ने, राहुल द्रविड़ को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने, और युवराज सिंह को किंग्स इलेवन पंजाब (अब पंजाब किंग्स) ने अपनी टीम में शामिल किया. इस तरह सचिन तेंदुलकर ने बिना ऑक्शन में गए, मुंबई इंडियंस से 38 करोड़ से ज्यादा रुपये कमाए.

सचिन ने 2008 से 2013 तक मुंबई इंडियंस के लिए आईपीएल खेला. शुरुआती तीन सीज़न में (2008, 2009 और 2010) उन्हें हर सीजन के लिए लगभग साढ़े 4 करोड़ रुपये मिले. फिर अगले तीन सीजन में उनकी प्राइज मनी बढ़ाकर सवा 8 करोड़ रुपये कर दी गई. इस तरह, पूरे आईपीएल करियर में सचिन ने कुल 38 करोड़ 29 लाख 50 हजार रुपये कमाए, और 2013 में उन्होंने आईपीएल से संन्यास ले लिया.

यह कहानी एक तरफ जहां सचिन के महानतम क्रिकेट करियर को याद दिलाती है, वहीं दूसरी तरफ आईपीएल के आर्थिक पक्ष और फ्रेंचाइजी की सोच को भी दर्शाती है. इस लीग ने न केवल खिलाड़ियों को एक नई पहचान दी है, बल्कि भारतीय क्रिकेट को भी वैश्विक स्तर पर एक नई दिशा दिखाई है.

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