IND vs ENG: विजेता को मिलेगी चमचमाती एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी, पटौदी का भी जुड़ा रहेगा नाम

IND vs ENG: महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और जेम्स एंडरसन ने गुरुवार को भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मैच से पहले एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी का औपचारिक रूप से अनावरण किया. इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) और भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने मिलकर दोनों देशों के बीच होने वाली सीरीज का नाम बदलकर एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी रखा है. इससे अब यह भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट मैच के लिए पटौदी ट्रॉफी (इंग्लैंड में श्रृंखला के लिए) और एंथोनी डि मेलो ट्रॉफी (भारत में श्रृंखला के लिए) की जगह लेगी. यह ट्रॉफी पहले 14 जून को लांच होनी थी लेकिन अहमदाबाद में एयर इंडिया विमान दुर्घटना के कारण इसकी तारीख आगे खिसका दी गई. पटौदी परिवार के प्रति सम्मान को बरकरार रखते हुए भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के विजेता कप्तान को नए पटौदी पदक से सम्मानित किया जाएगा. ट्रॉफी में एंडरसन और तेंदुलकर की ‘एक्शन’ की छवि है और साथ ही उनके उभरे हुए हस्ताक्षर भी हैं. winner get glittering Anderson-Tendulkar trophy Pataudi medal also

इंग्लैंड में सचिन का रहा है जलवा

महान बल्लेबाज तेंदुलकर ने एक दशक से भी अधिक समय पहले अपने 200वें टेस्ट के बाद क्रिकेट से संन्यास ले लिया था, वहीं एंडरसन ने अपना 188वां और आखिरी टेस्ट 2024 में खेला था. सोलह साल की उम्र में डेब्यू करने वाले तेंदुलकर 15,921 रनों के साथ टेस्ट इतिहास में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बने हुए हैं. तेंदुलकर ने इंग्लैंड के खिलाफ 32 टेस्ट मैचों में 51.73 के औसत से 2,535 रन बनाए हैं. उन्होंने 2002 में हेडिंग्ले में सर्वश्रेष्ठ 193 रन का स्कोर बनाया था. वहीं स्विंग के महान गेंदबाजों में शुमार एंडरसन ने 704 टेस्ट विकेट झटके हैं जो किसी भी तेज गेंदबाज द्वारा लिए गए सबसे ज्यादा विकेट हैं. वह सर्वकालिक सूची में केवल मुथैया मुरलीधरन (800 विकेट) और शेन वार्न (708 विकेट) से पीछे तीसरे स्थान पर हैं.

टेस्ट क्रिकेट को सचिन ने कहा जीवन का प्रतीक

ट्रॉफी का अनावरण करते हुए महान बल्लेबाज तेंदुलकर ने कहा कि उनके लिए टेस्ट क्रिकेट हमेशा शीर्ष पर बना रहेगा. उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए टेस्ट क्रिकेट जीवन का प्रतीक है जिसमें आप अपना सर्वश्रेष्ठ देते हो और अगर चीजें गलत हो जाती हैं तो इसमें आपको फिर से एक और दिन एकजुट होने, सोचने और वापसी का मौका देता है.’ तेंदुलकर ने कहा, ‘यह खेल का शीर्ष प्रारूप है जो आपको सभी बाधाओं से निपटने के लिए सहनशीलता, अनुशासन और अनुकूलनता सिखाता है। मैं टेस्ट क्रिकेट को अपनी नींव का श्रेय देता हूं क्योंकि इसने मुझे निराशाओं से जीत तक पहुंचाया और उम्मीदों को पूरा करते हुए दिखाया है.’

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IND vs ENG: new Anderson-Tendulkar trophy after its unveiling at Lord’s Cricket Ground in London

सचिन ने एंडरसन को बताया जेंटलमैन

इस महान बल्लेबाज ने कहा कि भारत और इंग्लैंड ने पिछले कुछ वर्षों में टेस्ट क्रिकेट के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा, ‘भारत और इंग्लैंड ने टेस्ट क्रिकेट को इस तरह से आकार देने में बड़ी भूमिका निभाई है कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बना रहेगा और अब, जब मैं मैदान पर मुझे चुनौती देने वाले और मैदान के बाहर ‘जेंटलमैन’ जेम्स के साथ यह सम्मान साझा कर रहा हूं तो मुझे उम्मीद है कि दुनिया टेस्ट क्रिकेट के सार का और भी अधिक जश्न मनाएगी.’

एंडरसन ने अपने परिवार के लिए गर्व का क्षण बताया

एंडरसन ने कहा कि यह उनके और तेंदुलकर के लिए वास्तव में सम्मान की बात है. उन्होंने कहा, ‘सचिन और मेरे नाम पर इस प्रतिष्ठित सीरीज का नाम रखना मेरे और मेरे परिवार के लिए गर्व की बात है. हमारे दोनों देशों के बीच प्रतिद्वंद्विता हमेशा से ही कुछ खास रही है जो कभी नहीं भुलाने वाले पलों से भरी हुई है.’ बीसीसीआई अध्यक्ष रोजर बिन्नी ने इस मौके को अहम बताते हुए कहा, ‘यह क्रिकेट के लिए सही में एक महत्वपूर्ण मौका है. भारत और इंग्लैंड के बीच प्रतिष्ठित टेस्ट सीरीज का नाम खेल के दो महान खिलाड़ियों सचिन तेंदुलकर और जेम्स एंडरसन के नाम पर रखना उनके योगदान के लिए उचित सम्मान है.’

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