Gujarat Election 2022: किन मुद्दों पर होगा गुजरात चुनाव, कौन से चेहरे CM पद के दावेदार? जानें सभी समीकरण
Gujarat Election 2022: किन मुद्दों पर होगा गुजरात चुनाव, कौन से चेहरे CM पद के दावेदार? जानें सभी समीकरण
गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का आज एलान हो सकता है। राज्य में विधानसभा की कुल 182 सीटें हैं। पिछले 24 साल से राज्य में भाजपा की सरकार है। ऐसे में सबकी नजर इस बार के चुनाव पर टिकी हैं। सवाल है कि क्या इस बार गुजरात में कोई बदलाव होगा या भाजपा का जादू बरकरार रहेगा? क्या आम आदमी पार्टी मुकाबले को त्रिकोणीय बना पाएगी। आइए सारे समीकरण समझते हैं।
पिछली बार कब हुए थे चुनाव?
गुजरात में पिछली बार दो चरणों में चुनाव हुए थे। 25 अक्टूबर 2017 को चुनाव तारीखों का एलान हुआ। पहले चरण के लिए 14 नवंबर को अधिसूचना जारी हुई थी और दूसरे चरण के लिए 20 नवंबर को। पहले चरण का चुनाव नौ दिसंबर 2017 और दूसरे चरण का चुनाव 14 दिसंबर को हुआ। नतीजे 18 दिसंबर को आए थे। पहले चरण में 89 और दूसरे चरण में 93 सीटों पर वोटिंग हुई थी।
क्या इस बार बदलेंगे समीकरण?
यूं तो पिछले 24 साल से गुजरात की सत्ता में भारतीय जनता पार्टी ही काबिज है, लेकिन इस बार समीकरण बदले नजर आएंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि दिल्ली और पंजाब जीतने के बाद आम आदमी पार्टी ने गुजरात में भी पूरी ताकत लगा दी है। ऐसे में मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है।
कांग्रेस में 2017 के साथ रहे कई बड़े चेहरे इस बार पार्टी का साथ छोड़ चुके हैं। इसमें हार्दिक पटेल और अल्पेश ठाकोर जैसे नाम शामिल हैं। हार्दिक ने हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा जॉइन कर ली है। अल्पेश ठाकोर 2017 में कांग्रेस विधायक बने थे। उन्होंने विधायकी छोड़कर भाजपा का दामन थामा था। हालांकि, बाद में हुए उपचुनाव में उन्हें हार मिली थी।
मुख्यमंत्री पद के चेहरे
भूपेंद्र भाई पटेल: भाजपा के मौजूदा मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल सीएम पद की रेस में सबसे आगे हैं। अगर भाजपा चुनाव जीतने में कामयाब होती है, तो भूपेंद्र भाई पटेल को फिर से मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। 2017 में भी ऐसा ही हुआ था। उस वक्त भी चुनाव से 15 महीने पहले विजय रूपाणी को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया था। उन्हीं के नेतृत्व में चुनाव हुए और पार्टी ने जीतने के बाद उन्हें फिर से सीएम बनाया गया।
जगदीश भाई मोतीजी ठाकोर : गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष जगदीश भाई कांग्रेस की तरफ से सीएम पद की रेस में हैं। हालांकि, अभी पार्टी ने किसी भी नाम का एलान नहीं किया है। जगदीश भाई के अलावा कांग्रेस सांसद शक्ति सिंह गोहिल, जिग्नेश मेवानी व कुछ अन्य नेता भी इस दौड़ में हैं।
गोपाल इटालिया: आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया भी सीएम पद की रेस में हैं। अगर आम आदमी पार्टी को जीत मिलती है तो गोपाल इटालिया पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं। गोपाल इटालिया इन दिनों काफी विवादों में हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अपशब्द का प्रयोग किया था। इसके बाद उन्हें हिरासत में भी ले लिया गया था।
चुनाव प्रचार के प्रमुख चेहरे
1. नरेंद्र मोदी: 2014 के बाद चुनाव कहीं भी हों, भाजपा के लिए चेहरा प्रधानमंत्री मोदी ही होते हैं। गुजरात में तो भाजपा के लिए सबसे बड़ा चेहरा पीएम मोदी का ही है। मोदी 12 साल से भी ज्यादा समय तक राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। मोदी ने चुनाव की घोषणा से पहले ही रैलियां कर रहे हैं। फिलहाल वह सरकारी योजनाओं का शुभारंभ और शिलान्यास कर रहे हैं।
2. अमित शाह: पीएम मोदी के बाद गुजरात चुनाव में भाजपा के लिए दूसरा सबसे बड़ा चेहरा गृहमंत्री अमित शाह का होगा। अमित शाह गुजरात के गांधीनगर से सांसद हैं। गुजरात के ही रहने वाले हैं और राष्ट्रीय राजनीति में आने से पहले इनकी पूरी राजनीति गुजरात पर ही फोकस रही है।
3. अरविंद केजरीवाल: पंजाब में आम आदमी पार्टी को जीत दिलाने के बाद अरविंद केजरीवाल का मनोबल काफी बढ़ गया है। यही कारण है कि उन्होंने इस बार पीएम मोदी के गृहराज्य गुजरात में चुनौती दी है। आम आदमी पार्टी की तरफ से केजरीवाल चुनाव प्रचार में प्रमुख चेहरे हैं।
4. प्रियंका गांधी : कांग्रेस नेता राहुल गांधी अभी भारत जोड़ो यात्रा पर निकले हैं। गुजरात चुनाव के दौरान भी वह यात्रा पर रहेंगे। ऐसे में कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार का सबसे बड़ा चेहरा प्रियंका गांधी होंगी। प्रियंका राज्य के चुनाव प्रचार में सक्रिय भूमिका में दिखाई देंगी। इसके साथ ही पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की पहली परीक्षा गुजरात और हिमचाल चुनाव में ही होनी है।
चुनाव में विपक्ष के बड़े मुद्दे
1. किसान: केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानून वापस लेने के बाद भी विपक्ष किसानों के मुद्दे पर सरकार को घेरता रहा है। गुजरात में भी ये बड़ा मुद्दा बन रहा है। विपक्ष का आरोप है कि भाजपा सरकार उद्योगपतियों का कर्ज माफ कर रही है, लेकिन किसानों का नहीं। इसी को लेकर विपक्ष लगातार सरकार को घेरने में जुटा है।
2. बेरोजगारी: बेरोजगारी के मुद्दे की भी विपक्ष चुनाव प्रचार के दौरान लगातार उठाएगा। युवाओं में रोजगार के कम अवसर की वजह असंतोष की बातें भी गुजरात में लगातार होती रही हैं। भर्ती परीक्षाओं में देरी का भी मुद्दा भी चुनाव के दौरान हावी रह सकता है।
3. महंगाई: इस वक्त राष्ट्रीय स्तर पर महंगाई का मुद्दा हावी रहा है। इसका असर गुजराज चुनाव में भी देखने को मिलेगा। अभी से विपक्षी दलों के नेता महंगाई पर सरकार को घेरने में जुटे हैं। पेट्रोल-डीजल की कीमतों, सब्जियों और खाद्य पदार्थों की महंगाई को लेकर भी सरकार निशाने पर है।
सत्ताधारी भाजपा के क्या हैं मुद्दे?
भाजपा ने विकास, राष्ट्र सुरक्षा, आम लोगों की सहूलियत, गरीबों-किसानों को मजबूत बनाने के मुद्दे पर चुनाव मैदान पर उतरने का फैसला लिया है। भाजपा हर जगह अपने विकास कार्यों की गिनती करा रही है। एम्स, आईआईटी जैसे राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों को बनाने की बात कह रही है। हाईवे, पुल, अंडर ब्रिज, टनल, मेट्रो जैसे अन्य कार्यों को बताकर लोगों से भाजपा के पक्ष में वोट करने की अपील की जा रही है।
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