G-20 Presidency: जी-20 की कमान मिलते ही पीएम मोदी ने बताया एजेंडा, विदेश मंत्री जयशंकर ने भी दिया संदेश
G-20 Presidency: जी-20 की कमान मिलते ही पीएम मोदी ने बताया एजेंडा, विदेश मंत्री जयशंकर ने भी दिया संदेश
भारत को जी-20 समिट की अध्यक्षता मिलते ही प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपना बयान जारी किया है। पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत ने अपनी G-20 अध्यक्षता शुरू की है। G-20अध्यक्षता ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ की थीम से प्रेरित होकर एकता को और बढ़ावा देने के लिए काम करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि हम जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और महामारी जैसी जिन सबसे बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, उनका समाधान आपस में लड़कर नहीं, बल्कि मिलकर निकाला जा सकता है। बता दें कि भारत ने आज G-20 की अध्यक्षता संभाल ली है।
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने पीएम मोदी के बयानों का किया उल्लेख
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री मोदी के बयानों का हवाला देते हुए लिखा कि जैसा कि हम आज जी20 की अध्यक्षता संभाल रहे हैं, यह एकता की सार्वभौमिक भावना को बढ़ावा देने के लिए काम करेगा। यह प्रकाशित करता है कि हमारी G20 प्राथमिकताओं को न केवल G20 भागीदारों बल्कि ग्लोबल साउथ में हमारे साथी यात्रियों के परामर्श से आकार दिया जाएगा। पीएम मोदी की बातें इस बात को रेखांकित करते हैं कि आज की बड़ी चुनौतियों का समाधान आपस में लड़कर नहीं बल्कि मिलकर काम करके किया जा सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत का एजेंडा समावेशी, महत्वाकांक्षी, कार्रवाई उन्मुख और निर्णायक होगा।
पीएम मोदी ने किया था लॉन्च
जी20 की अध्यक्षता का एलान होने के बाद पीएम मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जी20 के नए लोगो-थीम और वेबसाइट का अनावरण किया था। इस मौके पर संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि G-20 का ये Logo केवल एक प्रतीक चिन्ह नहीं है बल्कि ये एक संदेश है। ये एक भावना है, जो हमारी रगों में है। ये एक संकल्प है, जो हमारी सोच में शामिल रहा है। पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि एक दिसंबर से भारत G20 की अध्यक्षता करेगा। भारत के लिए यह एक ऐतिहासिक अवसर है इसलिए आज इस समिट की वेबसाइट, थीम और लोगो को लांच किया गया है। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर मैं सभी देशवासियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
40 से अधिक मिशन प्रमुखों ने अंडमान का किया था दौरा
वहीं, एक दिसंबर को जी20 की अध्यक्षता ग्रहण करने से पहले हाल ही में 40 से अधिक मिशन प्रमुखों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों ने जी20 कार्यक्रम के लिए अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का दौरा किया था। इस दौरान प्रतिनिधियों ने सेल्युलर जेल का दौरा किया जहां लेखक और विचारक वीर सावरकर को अंग्रेजों ने कैद कर रखा गया था।
75 वर्षों की अपनी उपलब्धियों और प्रगति बताएगा भारत
भारत जी-20 में संस्कृति, सांस्कृतिक विरासत, विविधता और 75 वर्षों की अपनी उपलब्धियों और प्रगति को भी पेश करेगा। विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के अनुसार भारत अपनी अध्यक्षता में अगले साल 9 और 10 सितंबर को जी-20 के नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। पहली तैयारी बैठक 4-7 दिसंबर को उदयपुर में होगी।
सबसे बड़ा आयोजन बनाने की मुहिम
मंत्रालय के मुताबिक कार्यक्रम को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया चल रही है। भारत जिस बड़े पैमाने पर सम्मेलन के आयोजन की रूपरेखा तैयार कर रहा है उतने बड़े पैमाने पर अब तक जी-20 की बैठक नहीं हुई है। चीन में 14 और इंडोनेशिया में 25 शहरों में जी-20 की बैठक आयोजित हुई थीं।
75 विश्वविद्यालयों के युवा बनेंगे सम्मेलन का हिस्सा
देश के 75 विश्वविद्यालयों के युवाओं को सम्मेलन का हिस्सा बनाने की योजना है। जी-20 से संबंधित सेल्फी प्वाइंट बनाए जाएंगे जहां लोग फोटो खिंचा सकेंगे। ऑडियो-वीडियो के माध्यम से देश के नागरिकों को सम्मेलन की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। एफएम रेडियो भी प्रचार का माध्यम बनेगा।
दक्षिण एशियाई देशों के हितों और चिंताओं को प्रमुखता : जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत जी-20 की अपनी अध्यक्षता के दौरान दक्षिणी एशियाई देशों के मौजूदा हितों और चिंताओं को प्रमुखता के साथ दुनिया के सामने रखना चाहेगा। विदेश मंत्रालय की तरफ से आयोजित ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट के सातवें संस्करण में जयशंकर ने कहा, हमें लगता है कि इन देशों को दरकिनार किया गया है। उन्होंने भू-राजनीतिक और उभरती विश्व व्यवस्था में तकनीक के महत्व को रेखांकित किया।
source – amarujala
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