Digital Arrest से खौफनाक फर्जीवाड़ा, 20 साल के लड़कों ने 86 वर्षीय महिला से ठगे 20.25 करोड़
Digital Arrest: करीब-करीब पिछले दो महीने से आपने गौर किया होगा कि जब भी आप किसी को कॉल करते हैं, तो आपको ‘डिजिटल अरेस्ट’ के बारे में जानकारी देने वाला संदेश सुनाई देता है। ‘डिजिटल अरेस्ट’ के मामले इतने तेजी से बढ़ रहे हैं कि प्रधानमंत्री भी अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में इसका उल्लेख कर चुके हैं। हाल ही में मुंबई की दक्षिण साइबर पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने दक्षिण मुंबई में रहने वाली 86 वर्षीय महिला को ‘डिजिटल अरेस्ट’ के नाम पर डराकर उनसे 20 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की.
देशवासियों को Digital Arrest के नाम पर हो रहे Scam से बहुत सावधान रहने की जरूरत है। मैं आपको Digital सुरक्षा के ये तीन चरण बता रहा हूं, जिन्हें आप जरूर याद रखें…. #MannKiBaat pic.twitter.com/mnjzD7bOLo
— Narendra Modi (@narendramodi) October 27, 2024
कैसे दिया घटना को अंजाम?
इंडियन एक्स्प्रेस की खबर के मुताबिक आरोपियों ने पुलिस अधिकारी बनकर महिला से संपर्क किया और उन पर मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने का झूठा आरोप लगाया. पुलिस अधिकारियों के अनुसार, गिरफ्तार किए गए आरोपियों में 20 वर्षीय शायन जमील शेख और 20 वर्षीय रजीक आजम बट शामिल हैं. ये दोनों क्रमशः मालाड (पश्चिम) और मीरा रोड (पूर्व) के निवासी हैं. जांच में यह भी पता चला कि बट एक बड़े अंतरराष्ट्रीय गिरोह का हिस्सा है.
ठगी की योजना और ‘डिजिटल अरेस्ट ‘
आरोपियों ने महिला को डराया कि उनके आधार कार्ड और अन्य व्यक्तिगत जानकारियों का उपयोग कर किसी ने इंडियन बैंक में खाता खोला है. उन्होंने दावा किया कि इस खाते का उपयोग बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया गया है और यदि वह सहयोग नहीं करेंगी, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. आरोपियों ने महिला को मानसिक रूप से परेशान करते हुए दावा किया कि उन्हें “डिजिटल रूप से” उनके घर में गिरफ्तार कर लिया गया है, जिससे महिला और अधिक भयभीत हो गईं.
ठगी की राशि और पुलिस में शिकायत
डर के चलते, महिला ने 26 दिसंबर 2024 से 3 मार्च 2025 के बीच कुल 20.25 करोड़ रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर कर दिए. बाद में जब महिला को एहसास हुआ कि वह ठगी का शिकार हो चुकी हैं, तो उन्होंने राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद उन्होंने दक्षिण साइबर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करवाई.
पुलिस कार्रवाई और गिरोह का खुलासा
जांच के दौरान पता चला कि ठगी की रकम के कुछ हिस्से को शायन जमील शेख के खाते में ट्रांसफर किया गया था. पुलिस ने शायन का पता लगाने के बाद उसे मालाड के एमएचबी कॉलोनी के मलवानी इलाके से गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ के दौरान, शायन ने कबूल किया कि उसके खाते में आए 4.99 लाख रुपये को उसने अपने साथी रयान अरशद शेख को सौंपा था, जिसने वह रकम रजीक आजम बट को दी थी. इसके बाद पुलिस ने मीरा रोड के सौभाग्य पार्क हाउसिंग सोसाइटी में छापा मारकर रजीक आजम बट को गिरफ्तार कर लिया. हालांकि, इस दौरान रयान फरार हो गया.
अंतरराष्ट्रीय गिरोह का कनेक्शन
शायन और रजीक के मोबाइल फोन की जांच में पता चला कि रजीक एक अंतरराष्ट्रीय ठगी गिरोह से जुड़ा है. उसने टेलीग्राम ऐप पर 13 विदेशी नागरिकों का एक समूह बनाया था, जिसके माध्यम से वह भारत में बैंक खातों की जानकारी विदेश में मौजूद ठगी के सरगनाओं को भेजता था. पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने ठगी की रकम को अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर के विदेश में सक्रिय सरगनाओं तक पहुंचाया. फिलहाल पुलिस इस गिरोह के अन्य सदस्यों और बैंक खातों की जांच में जुटी है.
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