China: मुकेश अंबानी से कितना अधिक अमीर हैं टिकटॉक के मालिक, चीन के अमीरों में टॉप पर China: मुकेश अंबानी से कितना अधिक अमीर हैं टिकटॉक के मालिक, चीन के अमीरों में टॉप पर

China: चीन के सबसे अमीर व्यक्तियों की वार्षिक सूची में बाइटडांस के संस्थापक झांग यिमिंग इस वर्ष टॉप पर आ गए हैं. हुरुन रिसर्च इंस्टिट्यूट द्वारा प्रकाशित इस सूची में यह खुलासा हुआ कि पिछले वर्ष की तुलना में चीन के सबसे अमीर व्यक्तियों की संपत्ति में गिरावट दर्ज की गई है. आइए जानते है मुकेश अंबानी से कितना अमीर है झांग यिमिंग

China: चीन के सबसे अमीर व्यक्तियों की वार्षिक सूची में बाइटडांस के संस्थापक झांग यिमिंग इस वर्ष टॉप पर आ गए हैं. हुरुन रिसर्च इंस्टिट्यूट द्वारा प्रकाशित इस सूची में यह खुलासा हुआ कि पिछले वर्ष की तुलना में चीन के सबसे अमीर व्यक्तियों की संपत्ति में गिरावट दर्ज की गई है, जिससे यह देश की वर्तमान आर्थिक स्थिति की एक झलक प्रदान करती है. सूची में शामिल उद्यमियों की कुल संपत्ति में पिछले साल के मुकाबले 10 प्रतिशत की कमी आई है, और अरबपतियों की संख्या में भी 142 की गिरावट हुई है, जिससे कुल संख्या अब 753 रह गई है.

झांग यिमिंग का शीर्ष स्थान और बाइटडांस का बढ़ता प्रभाव

बाइटडांस के संस्थापक झांग यिमिंग, जिनकी कुल संपत्ति अब 49.3 अरब अमेरिकी डॉलर है, इस वर्ष हुरुन की सूची में शीर्ष स्थान पर पहुंच गए हैं. बाइटडांस, जो लोकप्रिय शॉर्ट-वीडियो प्लेटफ़ॉर्म डॉयिन और इसके वैश्विक संस्करण टिकटॉक का मूल संगठन है, ने 2023 में 110 अरब अमेरिकी डॉलर का राजस्व हासिल किया. यह झांग की अद्वितीय रणनीति और तकनीकी नवाचार का परिणाम है, जिसने बाइटडांस को डिजिटल युग में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है. साथ ही, झांग यिमिंग हुरुन की इस सूची में स्थान बनाने वाले 1980 के दशक में जन्मे पहले व्यक्ति बन गए हैं, जो उनके युवा उद्यमिता का प्रतीक है.

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नोंगफू स्प्रिंग के झोंग शानशान: दूसरे स्थान पर खिसकने का कारण

बोतलबंद पानी की प्रमुख कंपनी नोंगफू स्प्रिंग के संस्थापक झोंग शानशान, जो 2023 में शीर्ष पर थे, इस वर्ष 47.9 अरब अमेरिकी डॉलर की संपत्ति के साथ दूसरे स्थान पर खिसक गए हैं. उनके ब्रांड ‘नोंगफू स्प्रिंग’ को इस वर्ष उपभोक्ताओं द्वारा कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा. आरोप था कि बोतल का डिज़ाइन राष्ट्रीय प्रतीकात्मकता को आहत करता है, जिससे कंपनी को नुकसान उठाना पड़ा और इसके बाजार मूल्यांकन में अरबों डॉलर का नुकसान हुआ. यह घटनाक्रम झोंग शानशान की संपत्ति पर नकारात्मक प्रभाव डालने का प्रमुख कारण बना.

टेनसेंट के पोनी मा: तीसरे स्थान पर काबिज

इस सूची में तीसरे स्थान पर चीन की दिग्गज टेक कंपनी टेनसेंट के संस्थापक पोनी मा हैं, जिनकी कुल संपत्ति 44.4 अरब अमेरिकी डॉलर है. टेनसेंट, जो मुख्य रूप से गेमिंग और सोशल मीडिया उद्योग में अग्रणी है, ने इस साल अपने राजस्व में वृद्धि की है. हालांकि, कंपनी को बढ़ती सरकारी नियामक कार्रवाइयों के चलते चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिससे इसके वित्तीय प्रदर्शन पर प्रभाव पड़ा.

केवल 54 नए अरबपति शामिल

हुरुन की इस सूची में इस साल केवल 54 नए नाम शामिल हुए हैं, जो पिछले दो दशकों में सबसे कम है. यह चीन में आर्थिक सुस्ती और नियामक बदलावों के प्रभाव को दर्शाता है. नए शामिल किए गए नामों में सोशल मीडिया और लाइफस्टाइल प्लेटफार्म ज़ियाओहोंगशू के संस्थापक चार्लविन माओ और मिरांडा क्यू फैंग हैं. उनका यह मंच चीन के युवा उपयोगकर्ताओं के बीच काफी लोकप्रिय हो गया है, जो उनके तेजी से बढ़ते डिजिटल बाजार में सफलता को दर्शाता है.

चीन की अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 और रियल एस्टेट संकट का असर

कोविड-19 महामारी के बाद चीन की अर्थव्यवस्था को गहरा झटका लगा, जिसने विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित किया है. इसके अतिरिक्त, रियल एस्टेट संकट और शेयर बाजार की अस्थिरता ने भी चीन की आर्थिक गतिविधियों पर नकारात्मक असर डाला है. इन चुनौतियों के चलते कई प्रमुख उद्योगों को नुकसान हुआ, जो अमीरों की संपत्ति में कमी का मुख्य कारण बना.

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अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के प्रयास

चीन के नीति-निर्माता वर्तमान में खपत और व्यय को प्रोत्साहन देने के लिए उपायों पर विचार कर रहे हैं. इसके तहत घरेलू मांग को बढ़ाने के लिए विशेष प्रोत्साहन योजनाओं की घोषणा की जा सकती है, ताकि देश की अर्थव्यवस्था को पुनः सशक्त बनाया जा सके. इस पहल का उद्देश्य है कि चीन की धीमी होती अर्थव्यवस्था में नए सिरे से जान फूंकी जा सके, और व्यापारिक गतिविधियों में स्थिरता लाने में मदद मिल सके.

हुरुन रिपोर्ट: तीसरे वर्ष में संपत्ति में गिरावट

हुरुन रिपोर्ट के चेयरमैन एवं मुख्य शोधकर्ता रूपर्ट हूगेवेरफ ने कहा कि यह लगातार तीसरा साल है जब हुरुन चाइना रिच लिस्ट में अभूतपूर्व गिरावट देखी गई है. चीन की अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार की चुनौतियों के कारण यह वर्ष व्यापारियों के लिए कठिन साबित हुआ है. रूपर्ट का मानना है कि देश की अर्थव्यवस्था में स्थिरता लाने और निवेशकों का विश्वास बहाल करने के लिए सरकारी प्रयासों की आवश्यकता है.

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