Chhath 2022: पटना में लगातार बढ़ रहा गंगा का जलस्‍तर, घाट की बजाय घर में ही देना पड़ सकता है छठ का अर्घ्‍य

Chhath 2022: पटना में लगातार बढ़ रहा गंगा का जलस्‍तर, घाट की बजाय घर में ही देना पड़ सकता है छठ का अर्घ्‍य

Chhath 2022: पटना में लगातार बढ़ रहा गंगा का जलस्‍तर, घाट की बजाय घर में ही देना पड़ सकता है छठ का अर्घ्‍य

पटना। Chhath Puja 2022: छठ पूजा से ठीक पहले गंगा पटना के पुराने घाटों पर बिल्‍कुल करीब आग गई हैं। ऐसा नजारा करीब चार दशक बाद देखने को मिल रहा है। ऐसा नजारा आम तौर पर अगस्‍त-सितंबर के आसपास ही देखने को मिलता है। इसके बाद गंगा घाटों से काफी दूर चली जाती हैं। इस बार गंगा का नया रूप पटना में छठ पूजा के आयोजन की बड़ी बाधा बन गया है।

गंगा का बढ़ता जलस्‍तर परेशानी

आम तौर पर दशहरा के बाद जलस्‍तर घटने के कारण गंगा के किनारे छठ से पहले काफी जगह खाली हो जाती है। इस बार दशहरा के बाद गंगा का जलस्‍तर लगातार बढ़ रहा है। पटना के कई घाटों पर गंगा खतरे के निशान को पार कर गई हैं। यही हाल बेगूसराय और गंगा की धारा में आगे पड़ने वाले कई जिलों का है।

मंगलवार तक बढ़ेगा नदी का जलस्‍तर

केंद्रीय जल आयोग ने 18 अक्टूबर की शाम तक पटना में जलस्तर बढऩे की संभावना जारी किया है। यदि 19 अक्टूबर से जलस्तर में कमी आती है तो घाट किनारे जमा दलदल हटाना चुनौती होगी। इस बार पटना के ढेरों घाट छठ पूजा के लायक नहीं रहेंगे।

28 अक्‍टूबर से शुरू होगा छठ

इस बार 28 अक्टूबर को नहाय-खाए अनुष्ठान के साथ छठ महापर्व आरंभ होगा। 29 अक्टूबर को खरना, 29 को अस्ताचलमागी सूर्य को अघ्र्यदान और 30 अक्टूबर को प्रात: अघ्र्यदान के साथ संपन्न होगा। छठ व्रती नहाय-खाए के दिन से गंगा में स्नान कर जल लेकर घर में प्रसाद बनाते हैं। खरना दिन से गंगा घाटों पर स्नान और गंगाजल के लिए भीड़ शुरू हो जाती है। जिला प्रशासन के पास गंगा घाट तैयार करने के लिए अधिकतम आठ दिनों का समय रहेगा।

दीपावली के पूजन सामग्री विसर्जन बाधा

छठ महापर्व के चार दिन पहले दीपावली के मौके पर घरों का पूजन सामग्री लोग गंगा में प्रवाहित करते हैं। दुर्गा पूजा की तरह गंगा किनारे कृत्रिम तालाबों में मां लक्ष्मी की मूर्ति विसर्जन और पूजन सामग्री का प्रबंधन 25 अक्टूबर को कराना होगा।

दलदल में कसौटी पर तैयारी

गंगा का जलस्तर यदि छठ तक यथावत रहता तो लोगों को शहर किनारे छठ कर सकते थे। हालांकि शहर के नाले का पानी बंद करना पड़ता। पूर्व की तरह जलस्तर घटने पर दलदल पार कर गंगा के मुख्य धारा तक पहुंचने के लिए संपर्क पथ, भीड़ पर निगरानी के लिए वाच टावर, शौचालय, पेयजल और रोशनी का प्रबंध करना चुनौती होगा।

रात में पदाधिकारी कर रहे गंगा का निरीक्षण

गंगा के जलस्तर बढऩे से छठ घाटों पर प्रशासनिक इंतजाम में आई बाधा से निपटने के लिए पुलिस और प्रशासनिक पदाधिकारी रात में गंगा घाटों का जायजा है। सोमवार को सभी पदाधिकारी गंगा घाटों की रिपोर्ट डीएम को सौंपेंगे। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

नगर निगम से मांगी गई रिपोर्ट

पटना के डीएम डा. चंद्रशेखर का कहना है कि 105 गंगा घाटों के लिए प्रतिनियुक्त सेक्टर पदाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी, नगर निगम की टीम को पैदल भ्रमण कर जलस्तर की ताजा स्थिति, संपर्क पथ का हाल और छठ व्रतियों के लिए सुविधाओं के संबंध में रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रशासन रणनीति बनाकर व्रतियों और श्रद्धालुओं के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराएगी। जलस्तर पर 24 घंटे नजर रखी जा रही है।

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