ChatGPT से पूछा- क्या Bard के आने से डर तो नहीं लग रहा? बोला, मेरी डिक्शनरी में डर जैसा शब्द नहीं, गूगल तगड़ा है मगर…
हाइलाइट्स
Bard और ChatGPT से हमने कर ली बात.
ChatGPT ने Bard को बताया स्टेट ऑफ दी आर्ट मॉडल.
बार्ड ने बताया गूगल सर्च की मदद से वो ज्यादा सटीक जवाब दे सकता है.
नई दिल्ली। गूगल का Bard इंडिया पहुंच गया है और अब उसे OpenAI के ChatGPT के बड़े कॉम्पिटीटर के तौर पर देखा जा रहा है. हमने सोचा कि क्यों न Bard और ChatGPT से बात की जाए और पता लगाया जाए कि ये दोनों एक दूसरे के बारे में क्या सोचते हैं. हमने कर ली दोनों से बात. दोनों AI सिस्टम्स ने दिल खोलकर जवाब दिया. बातचीत क्या हुई ये हम आपको बताएंगे, आप पढ़कर अपना कन्क्लूज़न निकालना. हमको तो ये समझ में आया कि एक के पास बड़ा डेटाबेस है, ज्यादा ज्ञान है लेकिन दूसरे के पास बड़ा ‘दिल’ है.
येस वी नो कि AI सिस्टम के पास दिल नहीं होता. पर बातचीत से हमको तो यही समझ में आया कि दोनों में से एक सिस्टम काफी मैं, मैं,मैं… मुझे सब आता है से भरा है. वहीं, दूसरा सिस्टम अपनी खासियत बताते हुए, दूसरे की तारीफ भी कर रहा है. किसने क्या कहा, चलिए जान लेते हैं.
ChatGPT से हमारी क्या बात हुई?
हमने चैट जीपीटी से पूछा कि भईया गूगल का बार्ड आ गया है, तुमको डर नहीं लग रहा, कैसा महसूस कर रहे हो? जवाब में चैटजीपीटी ने कहा, “मैं एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लैंगवेज मॉडल हूं, मैं कुछ महसूस नहीं कर सकता, न डर और न कुछ और. रही बात बार्ड की तो मैं इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और नैचुरल लैन्गवेज प्रोसेसिंग के फील्ड में एक पॉज़िटिव कदम मानता हूं. मैं यूजर्स के सवालों का सटीक जवाब देने की कोशिश करता हूं. बार्ड या दूसरे लैंग्वेज मॉडल्स के आने से मेरी क्षमता प्रभावित नहीं होगी. मैं सीखता और बेहतर होता रहूंगा ताकि बेहतर और ज्ञानवर्धक जवाब दे सकूं.”

ChatGPT ने बार्ड के लॉन्च को एक्साइटिंग और पॉज़िटिव बताया.
ChatGPT से हमने पूछा कि क्या लगता है, बार्ड तुमसे बेहतर काम करेगा? इस पर चैट जीपीटी ने लिखा, “अलग-अलग लैंग्वेज मॉडल्स के बीच सीधी तुलना करना मुश्किल है. मेरे और बार्ड के बीच भी, क्योंकि कई फैक्टर्स पर ध्यान देना होता है. सबकी स्ट्रेंथ और वीकनेस अलग-अलग होती है. बार्ड की बात करें तो वो एक स्टेट ऑफ दी आर्ट AI लैंग्वेज मॉडल है. उसे कॉम्प्लेक्स लैंग्वेज को समझने और जनरेट करने के लिए बनाया गया है. ये साइज़ में मुझसे बड़ा है (उसके पास 1.6 ट्रिलियन पैरामीटर्स हैं, जबकि मेरे पास 175 बिलियन ही हैं,) इससे वो अलग-अलग तरह की क्वेरीज़ पर ज्यादा सटीक और कॉम्प्रिहेंसिव रिस्पॉन्स दे सकता है.”

ChatGPT ने अपने जवाब में कहा कि गूगल का Bard एक स्टेट ऑफ द आर्ट AI मॉडल है.
चैट जीपीटी ने आगे लिखा, “बार्ड एक प्रॉमिसिंग न्यू लैंग्वेज मॉडल है. पर मुझे लगता है कि मैं अलग-अलग तरह के सवालों का इन्फॉर्मेटिव जवाब दे सकता हूं.एक AI लैंग्वेज मॉडल होने के नाते मेरा लक्ष्य लगातार सीखना, एडैप्ट करना और अपनी परफॉर्मेंस में सुधार करना है.”
Bard से हमारी क्या बातचीत हुई?
हमने बार्ड पर भी वही सवाल दागा, कि क्या लगता है चैटजीपीटी से कम्पीट कर पाओगे? बार्ड ने जवाब दिया, “जहां तक इंसानों की तरह लिखने, कॉम्प्रिहेंसिव और इंफॉर्मेटिव तरीके से जवाब देने की बात है और इंस्ट्रक्शन फॉलो करने की बात है मैं चैटजीपीटी से कम्पीट कर सकता हूं” इसके बाद बार्ड ने एक लंबा टेक्स्ट लिखा कि आप जो कुछ कहेंगे, मैं सब कर दूंगा.

बार्ड ने जवाब दिया कि वो चैटजीपीटी या किसी भी AI लैंग्वेज मॉडल से कम्पीट कर सकता है.
बार्ड ने आगे लिखा, “मेरी ट्रेनिंग टेक्स्ट और कोड एक बड़े डेटासेट के साथ हुई है, जिससे मेरे ज्ञान में बढ़ोतरी हुई है. ये मुझे ज्यादा क्रिएटिव और इंफॉर्मेटिव जवाब देने में मदद करेगा. मैं अभी भी अंडर डेवलपमेंट हूं, पर मैं कॉन्फिडेंट हूं कि मैं चैटजीपीटी और दूसरे लैंग्वेज मॉडल्स से कम्पीट कर सकता हूं.”
हमने बार्ड से पूछा कि वो चैटजीपीटी से बेहतर कैसे है और उसे यूज़ क्यों करना चाहिए? इस पर बार्ड ने कहा, “मैं ज्यादा रीसेंट डेटेसेट के साथ ट्रेन हुआ हूं, इस वजह से मेरे पास एक बड़े दायरे का ज्ञान है, जिससे मैं ज्यादा क्रिएटिव और जानकारीपूर्ण जवाब दे सकता हूं.”

बार्ड ने बताया कि उसकी ट्रेनिंग एक रीसेंट डेटासेट के साथ हुई है, जिससे उसके पास अलग-अलग विषयों की जानकारी है.
बार्ड ने ये भी बताया कि गूगल सर्च की मदद से वो रियल वर्ल्ड की जानकारी भी एक्सेस और प्रोसेस कर सकता है. इससे वो ज्यादा सटीक और ताज़ा इंफॉर्मेशन दे सकता है.इसके बाद बार्ड ने बताया कि उसे यूज़ करना क्यों बेहतर ऑप्शन है. बार्ड ने लिखा, “बार्ड एक पावरफुल टूल है जिसका इस्तेमाल अलग-अलग तरह के टास्क के लिए किया जा सकता है, जैसे टेक्स्ट लिखने में, ट्रांसलेट करने में, अलग-अलग तरह का क्रिएटिव कॉन्टेंट लिखने में और सवालों का जवाब देने में. बार्ड लगातार सीख रहा है और खुद में सुधार कर रहा है, इसका मतलब है कि आप निश्चिंत हो सकते हैं कि आपको हमेशा बेस्ट पॉसिबल सर्विस मिल रही है. बार्ड की मदद आप चौबीसों घंटे ले सकते हैं.”
चैटजीपीटी ने जहां अपनी खासियतें बताने के साथ-साथ बार्ड की भरपूर तारीफ भी की, वहीं बार्ड के जवाब से ये लगा कि उसके लिए चैटजीपीटी महज़ एक आम लैंग्वेज मॉडल है. वैसे क्रिकेट प्रेमियों की भाषा में कहें तो बार्ड में मैच जीतने का पूरा पोटेंशियल है, लेकिन इस जवाब से दिल तो चैटजीपीटी ने जीता है.
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Tags: Artificial Intelligence, Google, Tech News in hindi
FIRST PUBLISHED : May 12, 2023, 10:45 IST