Air India ने कर दी पुष्टि, विमान में सवार 242 लोगों में जिंदा बचा केवल एक शख्स

Air India Plane Crash: एअर इंडिया ने पुष्टि की है कि गुरुवार को लंदन जा रहे उसके विमान के अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से उसमें सवार 241 लोगों की मौत हो गई है. विमानन कंपनी ने गुरुवार देर रात जारी एक बयान में कहा, ‘हमें यह बताते हुए दुख हो रहा है कि विमान में सवार 242 लोगों में से 241 की मौत की पुष्टि हो चुकी है.’ बयान में कहा गया है कि यात्रियों में 169 भारतीय नागरिक, 53 ब्रिटिश नागरिक, 7 पुर्तगाली नागरिक और 1 कनाडाई नागरिक शामिल थे. जीवित व्यक्ति भारतीय मूल का ब्रिटिश नागरिक है. एअर इंडिया का लंदन जा रहा विमान गुरुवार दोपहर अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद यहां एक मेडिकल कॉलेज परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. विमान में दो पायलट और चालक दल के 10 सदस्य सहित 242 लोग सवार थे. एयर इंडिया ने हॉटलाइन नंबर जारी किया है. बयान में कहा गया कि एयर इंडिया ने अधिक जानकारी प्रदान करने के लिए एक समर्पित यात्री हॉटलाइन नंबर 1800 5691 444 भी स्थापित किया है. भारत से बाहर से कॉल करने वाले लोग +91 8062779200 पर कॉल कर सकते हैं. Air India confirmed only 1 person survived out of 242 people in plane

1000 डिग्री तक पहुंच गया था दुर्घटनास्थल का तापमान

जिस समय यह विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ, विमान के अंदर और आसपास का तापमान लगभग 1,000 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जिससे बचाव अभियान बेहद मुश्किल हो गया. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार रात यह बात कही. अधिकारियों ने बताया कि दुर्घटनास्थल पर मौजूद कुत्ते और पक्षी भी बच नहीं सके. दुर्घटनास्थल का दौरा करने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संवाददाताओं से कहा, ‘विमान के अंदर 1.25 लाख लीटर ईंधन था. विमान गर्म हो गया था, इसलिए किसी को भी बचाने की गुंजाइश नहीं थी.’

एनडीआरएफ को काम करने में हो रही थी परेशानी

राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के एक अधिकारी ने बताया कि एसडीआरएफ कर्मी दोपहर दो से ढाई बजे के बीच बीजे मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों और कर्मचारियों के छात्रावास एवं आवासीय क्वार्टर पर पहुंचे, जहां विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था. उन्होंने बताया कि इससे पहले स्थानीय लोगों ने कुछ लोगों को जीवित बाहर निकाला था, लेकिन उनकी टीम को कोई भी जिंदा नहीं मिला. दमकल विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘जैसे ही (विमान का ईंधन) टैंक फटा, आग की लपटें उठने लगीं और कुछ ही समय में तापमान 1,000 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया1 इससे किसी के लिए बचने की कोई गुंजाइश नहीं रही.’

बच्चों सहित सैकड़ों शव मिले

साल 2017 में एसडीआरएफ में शामिल हुए एक कर्मी ने कहा कि उसने पहले भी कई दुर्घटनाओं और आपदाओं के दौरान काम किया है, लेकिन ऐसी आपदा कभी नहीं देखी. एसडीआरएफ कर्मी ने कहा, ‘हम यहां पीपीई किट के साथ आए थे, लेकिन तापमान इतना अधिक था कि अभियान बेहद मुश्किल हो गया. हर जगह मलबा था. इसलिए हमें पहले से ही सुलग रहे मलबे को हटाना पड़ा.’ एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि उनकी टीम ने मलबे से बच्चों सहित 25 से 30 लोगों के शव निकाले. उन्होंने कहा, ‘शवों की शिनाख्त के लिए डीएनए जांच करनी होगी.’ एसडीआरएफ के एक अन्य अधिकारी ने दावा किया कि उन्हें याद नहीं कि उन्होंने कितने शव निकाले. अधिकारी ने आवासीय परिसर में कुत्तों और पक्षियों के शव मिलने की जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘यह हादसा इतनी जल्दी हुआ कि जानवरों और पक्षियों को भी भागने का समय नहीं मिला.’

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