Ahmedabad: क्रैश हुए एयर इंडिया विमान से मिला ब्लैक बॉक्स, जानें क्यों जरूरी है ये बॉक्स
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अहमदाबाद में एयर इंडिया के दुर्घटनाग्रस्त विमान से ब्लैक बॉक्स मिल गया है. क्रैश हुए विमान से इतनी जल्दी ब्लैक बॉक्स का मिलना एक बडी बात है. ये बॉक्स क्या होता है और क्यों इतना जरूरी है कि जांच एजेंसि…और पढ़ें

हाइलाइट्स
- ब्लैक बॉक्स विमान दुर्घटना के कारणों का पता लगाने में मदद करता है.
- ब्लैक बॉक्स में पायलट की बातचीत और उड़ान डेटा रिकॉर्ड होता है.
- ब्लैक बॉक्स मिलने से भविष्य की दुर्घटनाओं को रोकने के उपाय किए जा सकते हैं.
नई दिल्ली. गुरुवार को अहमदाबाद में उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर इंडिया बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर का ब्लैक बॉक्स मिल गया है. विमान में महत्वपूर्ण डेटा रिकॉर्ड करने वाला ये मजबूत डिवाइस डॉक्टरों के हॉस्टल की छत पर पाया गया, जो विमान से टकराया था. गुजरात सरकार के 40 कर्मियों की सहायता से विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की एक बड़ी टीम ने डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (DFDR) या ब्लैक बॉक्स पाया.
ब्लैक बॉक्स, जिसे फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर भी कहा जाता है, विमान की उड़ान के दौरान होने वाली सभी गतिविधियों को रिकॉर्ड करता है. इसमें पायलट की बातचीत, विमान की गति, ऊंचाई और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां होती हैं. दुर्घटना के बाद, ब्लैक बॉक्स की मदद से विशेषज्ञ यह पता लगा सकते हैं कि दुर्घटना कैसे और क्यों हुई. ब्लैक बॉक्स मिलने से जांचकर्ताओं को दुर्घटना के कारणों का पता लगाने में मदद मिलेगी. इससे भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के उपाय किए जा सकते हैं. इसलिए, ब्लैक बॉक्स विमान दुर्घटनाओं की जांच में एक महत्वपूर्ण उपकरण है.
इस डिवाइस को स्टील और टाइटेनियम जैसे मजबूत मटीरियल से बनाया जाता है. इसमें दो मुख्य हिस्से होते हैं: DFDR और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR). DFDR तकनीकी उड़ान पैरामीटर को रिकॉर्ड करता है, जबकि CVR कॉकपिट से ऑडियो रिकॉर्ड करता है, जिसमें पायलट की बातचीत और एयर ट्रैफिक कंट्रोल के साथ रेडियो एक्सचेंज शामिल होते हैं.