8वें वेतन आयोग में सैलरी रिवीजन का नया फॉर्मूला तैयार, जानिए किसे कितना फायदा

8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन की घोषणा की थी, जो कि दिसंबर 2025 में 7वें वेतन आयोग की मियाद पूरी होने के बाद लागू होगा. इस घोषणा के बाद से ही यह चर्चा तेज हो गई है कि नया वेतन आयोग किस तरह से कर्मचारियों की सैलरी तय करेगा. खासकर, फिटमेंट फैक्टर और महंगाई भत्ता (DA) के मर्जर को लेकर सबकी नजरें टिकी हैं.

क्या होता है फिटमेंट फैक्टर?

फिटमेंट फैक्टर वह गुणांक (multiplier) होता है जिसकी मदद से कर्मचारियों के बेसिक वेतन को नए वेतनमान में बदला जाता है. इसका मकसद यह सुनिश्चित करना होता है कि सभी स्तरों पर एक समान बढ़ोतरी हो, और इसमें महंगाई और भत्तों का प्रभाव भी शामिल किया जाता है.

पिछले वेतन आयोगों में कैसे हुआ था DA मर्ज

वेतन आयोग DA मर्ज के समय प्रतिशत लागू फिटमेंट फैक्टर
5वां आयोग 74% 1.86
6वां आयोग 115% 1.86 + ग्रेड पे
7वां आयोग 125% 2.57

7वें वेतन आयोग के दौरान जनवरी 2016 में लागू होने से पहले केंद्र सरकार के कर्मचारी अपने मूल वेतन पर 125% DA प्राप्त कर रहे थे. आयोग ने इस आधार पर 2.57 का फिटमेंट फैक्टर निर्धारित किया, जिसमें मूल वेतन, 125% DA और लगभग 14.22% की वास्तविक वृद्धि शामिल थी.

7वें वेतन आयोग के तहत उदाहरण से समझते है. मान लीजिए किसी कर्मचारी का मूल वेतन ₹10,000 था.

  • 125% DA = ₹12,500
  • कुल = ₹22,500
  • 14.22% वास्तविक वृद्धि = ₹3,199.5
  • नया वेतन = ₹25,700
  • फिटमेंट फैक्टर = 25,700 / 10,000 = 2.57

8वें वेतन आयोग में क्या हो सकता है बदलाव

वर्तमान में कर्मचारियों को 50% से अधिक DA मिल रहा है और 2025 तक इसके 70% के करीब पहुंचने की संभावना है. ऐसे में यह पूरी संभावना है कि नया वेतन आयोग भी पहले की ही तरह DA को मूल वेतन में मर्ज कर, उस पर एक फिटमेंट फैक्टर लागू करेगा. सूत्रों की मानें तो नया फिटमेंट फैक्टर 3.0 या उससे अधिक हो सकता है.

क्या 1 जनवरी 2026 से पहले रिटायर होने वाले कर्मचारी छूट जाएंगे?

अक्सर यह सवाल उठता है कि जो कर्मचारी नए आयोग के लागू होने से पहले रिटायर हो जाएंगे, क्या वे इसके लाभ से वंचित रहेंगे? आमतौर पर सरकार ऐसे मामलों में retrospective effect देती है यानी नया वेतनमान पिछले तारीख से लागू होता है. ऐसे में संभावना है कि उन्हें भी इसका फायदा मिलेगा, हालांकि अंतिम निर्णय सरकार की अधिसूचना पर निर्भर करेगा.

Also Read: ट्रंप के टैरिफ से दुनिया में हाहाकार! सेंसेक्स-निफ्टी में भारी गिरावट, निवेशकों के डूबे लाखों करोड़

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *