74 लाख करोड़ के पार पहुंचा म्यूचुअल फंड AUM, जून में SIP निवेश ने बनाया रिकॉर्ड, निवेशकों का भरोसा बुंलदियों पर
Mutual Fund SIP: जून का महीना म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के लिए इतिहास बनाने वाला रहा है. SIP (Systematic Investment Plan) के ज़रिए निवेश का नया रिकॉर्ड बना ₹27,269 करोड़ रुपये का इनफ्लो आया. इसका मतलब है कि आम निवेशक अब म्यूचुअल फंड्स और शेयर बाजार पर भरोसा जता रहे हैं और लगातार निवेश कर रहे हैं.
SIP में नया रिकॉर्ड
- मई में SIP के ज़रिए ₹26,688 करोड़ आए थे, जो जून में बढ़कर ₹27,269 करोड़ हो गए.
- SIP खातों की संख्या अब 9.19 करोड़ हो गई है, जो मई में 9.06 करोड़ थी.
इक्विटी फंड्स में बढ़ा निवेश
- जून में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में ₹23,568 करोड़ का निवेश आया, जबकि मई में ये ₹18,994 करोड़ था.
- मिडकैप, स्मॉलकैप और लार्जकैप तीनों कैटेगरी में अच्छी बढ़त दिखी.
लार्जकैप: ₹1,694 करोड़
मिडकैप: ₹3,754 करोड़
स्मॉलकैप: ₹4,024 करोड़
इसका मतलब अब निवेशक ज्यादा रिस्क लेने को तैयार हैं, और छोटे कंपनियों में भी पैसा लगा रहे हैं.
म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का कुल AUM
जून में कुल AUM (Asset Under Management) बढ़कर ₹74.40 लाख करोड़ हो गया है, जो मई में ₹72.2 लाख करोड़ था. इससे म्यूचुअल फंड कंपनियों की कमाई और पहुंच दोनों बढ़ी हैं.
कहां-कहां से पैसा निकला?
लिक्विड फंड्स से ₹25,196 करोड़ निकले.
ETF (Exchange Traded Fund) में निवेश गिरकर ₹844 करोड़ हो गया (मई में ₹4,086 करोड़ था).
इससे लगता है कि छोटे समय के ट्रेडिंग वाले निवेशक फिलहाल थोड़ा सतर्क हो गए हैं.
गोल्ड ETF में वापसी
जून में गोल्ड ETF में ₹2,080.9 करोड़ का निवेश आया, जबकि मई में सिर्फ ₹292 करोड़ आया था. यानी अब निवेशक सोने को भी सुरक्षित विकल्प मान रहे हैं.
कुछ फंड्स में धीमापन
सेक्टोरल/थीमैटिक फंड्स का निवेश घटा है. कॉरपोरेट बॉन्ड फंड्स और NFO (New Fund Offers) में भी गिरावट आई है. इसका मतलब है कि निवेशक अभी ज्यादा साफ-स्ट्रक्चर वाले, पुराने और भरोसेमंद फंड्स पर ध्यान दे रहे हैं.
इन आंकड़ों से साफ है कि SIP अब सिर्फ एक ट्रेंड नहीं, बल्कि आम निवेशकों की फाइनेंशियल प्लानिंग का हिस्सा बन चुका है. मिड और स्मॉलकैप में निवेश बढ़ना यह दर्शाता है कि लोग अब अधिक मुनाफे के लिए थोड़ा रिस्क उठाने को तैयार हैं. साथ ही गोल्ड में बढ़ता निवेश यह संकेत देता है कि लोग अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने लगे हैं. ETF और कॉरपोरेट बॉन्ड्स में गिरावट बताती है कि फिलहाल फोकस इक्विटी फंड्स पर है.
निवेशकों के लिए खास बात
SIP अब लंबे समय का मजबूत निवेश तरीका बन गया है. मिड और स्मॉलकैप में निवेश बढ़ रहा है, जो बताता है कि लोग ज्यादा रिटर्न के लिए थोड़ा रिस्क लेने को तैयार हैं. गोल्ड में बढ़ता निवेश डायवर्सिफिकेशन की समझ दिखाता है. ETF और कॉरपोरेट बॉन्ड में गिरावट बताती है कि फिलहाल फोकस इक्विटी फंड्स पर है.
Nj wealth partner के नवीन देव पोद्दार का इस पर कहना है कि अगर आप SIP कर रहे हैं या शुरू करना चाहते हैं, तो यह सही समय है. सही फंड चुनिए, नियमित निवेश जारी रखिए और लंबे समय के लिए बने रहिए. इससे आप अपने फाइनेंशियल फ्यूचर को मजबूत बना सकते हैं.
Also Read: कौन कहता है शेयर बाजार में पैसे नहीं बनते, 5000 से 50,000 करोड़ का सफर तय किया है राकेश झुनझुनवाला ने
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.