7.75 करोड़ किसानों को मोदी सरकार का तोहफा, केसीसी के जरिए मिलता रहेगा सस्ता लोन
Kisan Credit Card (KCC): किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना के तहत अब किसानों को 2025-26 में भी सस्ती ब्याज दर पर शॉर्ट टर्म लोन मिलता रहेगा. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने MISS योजना को मंजूरी दी है, जिससे 3 लाख तक के लोन पर 4% प्रभावी ब्याज दर लागू होगी. इससे 7.75 करोड़ से अधिक किसानों को लाभ मिलेगा. योजना से सरकारी खजाने पर 15,640 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा, लेकिन किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी.
Kisan Credit Card (KCC): देश के लाखों किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के जरिए शॉर्ट टर्म लोन मिलता रहेगा. बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए संशोधित ब्याज सहायता योजना (MISS) को जारी रखने की बुधवार को मंजूरी दे दी. इसके तहत किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के माध्यम से सस्ती दर पर शॉर्ट टर्म लोन मिलता है.
सरकारी खजाने पर 15,640 करोड़ रुपये का बोझ
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए MISS को मौजूदा 1.5% ब्याज सहायता के साथ जारी रखने का निर्णय मंत्रिमंडल द्वारा लिया गया है. योजना को जारी रखने से सरकारी खजाने पर 15,640 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा.
क्या है MISS
एमआईएसएस एक केंद्र सरकार की योजना है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि KCC के माध्यम से सस्ती ब्याज दर पर किसानों को शॉर्ट टर्म लोन उपलब्ध कराया जाएगा. एमआईएसएस के तहत किसानों को केसीसी के माध्यम से 7% की रियायती ब्याज दर पर 3 लाख रुपये तक का शॉर्ट टर्म लोन मिलता है, जिसमें पात्र लोन देने वाली संस्थाओं को 1.5% ब्याज सहायता दी जाती है.
वक्त पर कर्ज चुकाने वाले किसानों प्रोत्साहन राशि
केसीसी के जरिए लोन लेने का फायदा यह है कि समय पर कर्ज चुकाने वाले किसान शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन (PRI) के रूप में 3% तक की प्रोत्साहन राशि के लिए पात्र होते हैं. इससे केसीसी लोन पर उनकी ब्याज दर प्रभावी रूप से कम हो कर 4% रह जाती है. केवल पशुपालन या मत्स्य पालन के लोन पर ब्याज लाभ 2 लाख रुपये तक हो सकता है. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, योजना की संरचना या अन्य हिस्सों में कोई बदलाव प्रस्तावित नहीं किया गया है.
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भारत में 7.75 करोड़ से अधिक केसीसी खाते
भारत में 7.75 करोड़ से अधिक केसीसी खाते हैं. केसीसी के माध्यम से इंस्टीट्यूशनल लोन डिस्ट्रीब्यूशन 2014 के 4.26 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर दिसंबर, 2024 तक 10.05 लाख करोड़ रुपये हो गया. समग्र एग्रीकल्चर लोन फ्लो भी 2013-14 के 7.3 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2023-24 में 25.49 लाख करोड़ रुपये हो गया.
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