5 MPs के खत के बाद कांग्रेस ने उठाया बड़ा कदम, आंतरिक चुनाव नियमों में किया बदलाव

5 MPs के खत के बाद कांग्रेस ने उठाया बड़ा कदम, आंतरिक चुनाव नियमों में किया बदलाव

5 MPs के खत के बाद कांग्रेस ने उठाया बड़ा कदम, आंतरिक चुनाव नियमों में किया बदलाव

नई दिल्ली: 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के एक वर्ग की मांग के बाद अध्यक्ष पद के अहम चुनाव से पहले पार्टी नेतृत्व मतदान प्रक्रिया में एक बड़ा बदलाव करने के लिए सहमत हो गया. कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए जो कोई भी नामांकन दाखिल करना चाहता है, वह निर्वाचक मंडल बनाने वाले सभी 9,000 डेलिगेट्स की सूची देख सकेगा. कांग्रेस नेता मधुसूदन मिस्त्री ने कहा है कि यह सूची 20 सितंबर से पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के कार्यालय में उपलब्ध होगी.

यह कदम शशि थरूर, कार्ति चिदंबरम और मनीष तिवारी सहित पांच सांसदों द्वारा चुनाव प्रक्रिया में “पारदर्शिता, निष्पक्षता” की मांग करते हुए मिस्त्री को खत लिखे जाने के बाद उठाया गया है.

कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव 17 अक्टूबर को होगा और 24 से 30 सितंबर तक नामांकन दाखिल किए जा सकेंगे.

पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मिस्त्री ने कहा है कि जो लोग चुनाव लड़ना चाहते हैं, वे अपने राज्य के 10 डेलिगेट्स के नाम राज्य कांग्रेस कार्यालय में देख सकते हैं

उन्होंने सांसदों को लिखे एक पत्र में कहा कि एक बार नामांकन पर हस्ताक्षर कर मुख्य रिटर्निंग अधिकारी को सौंप दिए जाने के बाद, उन्हें डेलिगेट्स की पूरी सूची मिल जाएगी.

साथ ही उन्होंने कहा, ‘यदि कोई विभिन्न राज्यों के दस समर्थकों से नामांकन चाहता है, तो सभी 9000+ प्रतिनिधियों की सूची AICC, दिल्ली में मेरे कार्यालय में 20 सितंबर (सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे) से 24 सितंबर को नामांकन दाखिल करने से पहले उपलब्ध होगी.’

उन्होंने कहा, ‘वे आ सकते हैं और सूची से अपने 10 समर्थकों (डेलिगेट्स) को चुन सकते हैं और नामांकन के लिए उनके (डेलिगेट्स) हस्ताक्षर करा सकते हैं.’

मिस्त्री ने अपने पत्र में यह भी कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि इससे आप और अन्य सहयोगी (जिन्होंने पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं) संतुष्ट होंगे. मैं शशि जी का आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने आज मुझे फोन किया और मुझसे बातचीत की.’

इस कदम का स्वागत करते हुए शशि थरूर ने ट्वीट किया कि मुझे खुशी है कि हमारे पत्र के जवाब में यह कदम उठाया गया है. मैं इससे संतुष्ट हूं. चुनाव प्रक्रिया में इस कदम से कईयों को खुशी होगी, मेरे विचार में इससे केवल पार्टी को मजबूती मिलेगी.

कांग्रेस पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के छोड़कर जाने के बाद पार्टी अध्यक्ष पद का चुनाव होने जा रहा है. हालही में पार्टी के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने पार्टी का साथ छोड़ा है. 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा से टक्कर से पहले वरिष्ठ नेताओं के पार्टी छोड़ने के बाद पार्टी में बलदाव की मांग को बल मिला है.

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