2003 के समझौते के कारण भोजशाला परिसर पहुंचे हिंदू

MP News: मध्य प्रदेश के धार में भोजशाला परिसर में आज सूर्योदय के बाद के ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगनी शुरु हो गई. जी हां, हर मंगलवार को हिंदू सूर्योदय से सूर्यास्त तक परिसर में पूजा करते है, जबकि मुस्लिम हर जुम्मे दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक नमाज अदा करते है. जानकारी हो कि बीते दिनों भोजशाला परिसर में ASI सर्वे की मंजरी मिली थी और वह जारी भी है. इन सबके बीच आज भारी मात्रा में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे है.

MP News: क्या है 2003 का समझौता?

जानकारी हो कि दशकों पुराने इस भोजशाला परिसर को हिंदू देवी वाग्देवी (सरस्वती) को समर्पित एक मंदिर बताते है जबकि मुस्लिम पक्ष की ओर से इस परिसर के कमल मौला मस्जिद होने का दावा किया जाता है. इस विवाद के बीच ही साल 2003 में यह आपसी समझौता किया गया था और इस बात पर संधि बनी थी कि हर मंगलवार सुबह से शाम तक हिंदू श्रद्धालु पूजा-अर्चना करेंगे जबकि हर शुक्रवार मुस्लिम पक्ष के लोग दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक नमाज अदा कर सकेंगे.

MP News: ASI की सर्वे को रोकने के लिए दायर याचिका खारिज

एएसआई की सर्वे के बीच इसे रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों रोक लगाने से इनकार कर दिया था लेकिन यह भी कहा गया था कि एएसआई के सर्वेक्षण के परिणाम पर उसकी अनुमति के बिना कोई कार्रवाई न की जाए. हिंदू और मुस्लिम दोनों एएसआई द्वारा संरक्षित 11वीं सदी के इस परिसर पर अपना दावा जता रहे हैं. हिंदू भोजशाला को वाग्देवी (देवी सरस्वती) का मंदिर मानते हैं जबकि मुस्लिम उसे कमाल मौला मस्जिद बताते हैं.

एएसआई द्वारा सात अप्रैल 2003 को किए एक समझौते के तहत हिंदू मंगलवार को भोजशाला परिसर में पूजा करते हैं जबकि मुस्लिम शुक्रवार को इसमें नमाज पढ़ते हैं. न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति पी के मिश्रा ने वैज्ञानिक सर्वेक्षण पर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के 11 मार्च के आदेश को चुनौती देने वाली ‘मौलाना कमालुद्दीन वेल्फेयर सोसायटी’ की याचिका पर केंद्र, मध्य प्रदेश सरकार, एएसआई और अन्य को नोटिस जारी किए.

MP News: ‘ऐसी कोई खुदाई न की जाए जिससे परिसर का चरित्र बदल जाए’

पीठ ने कहा, ‘चार सप्ताह में नोटिस का जवाब दें. तब तक सर्वेक्षण के नतीजे पर इस अदालत की अनुमति के बगैर कोई कार्रवाई न की जाए.’ उसने कहा, ‘यह स्पष्ट किया जाता है कि ऐसी कोई खुदाई न की जाए जिससे परिसर का चरित्र बदल जाए.’ उच्च न्यायालय ने अपने 11 मार्च के आदेश में एएसआई को भोजशाला परिसर का ‘वैज्ञानिक सर्वेक्षण’ छह सप्ताह में करने का निर्देश दिया था. MP News

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