हर लीटर पेट्रोल-डीजल पर कितना कमाते हैं पेट्रोल पंप मालिक? जानिए पूरा गणित

Petrol Pump Income: पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों पर अक्सर बहस होती है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पेट्रोल पंप का मालिक हर लीटर ईंधन बेचकर कितना कमा लेता है? क्या सच में वह मोटी कमाई करता है? आइए जानते हैं असल हकीकत.

कैसे तय होता है पेट्रोल-डीजल का रेट?

पेट्रोल और डीजल की कीमत कई घटकों से मिलकर बनती है. मान लीजिए दिल्ली में पेट्रोल का रेट है. ₹96 प्रति लीटर (उदाहरण के लिए )

इस ₹96 में शामिल है

घटक कीमत (₹ प्रति लीटर)
बेस प्राइस (रिफाइनरी से) ₹50
एक्साइज ड्यूटी (केंद्र सरकार) ₹20
वैट (राज्य सरकार) ₹16
डीलर कमीशन (पेट्रोल पंप मालिक का हिस्सा) ₹4 से ₹5
कुल कीमत (ग्राहक के लिए) ₹96

डीजल के लिए भी इसी तरह ब्रेकअप होता है

मान लीजिए डीजल का रेट है ₹89 प्रति लीटर:

घटक कीमत (₹ प्रति लीटर)
बेस प्राइस ₹48
एक्साइज ड्यूटी ₹14
वैट ₹23
डीलर कमीशन ₹2.5 से ₹3.5
कुल कीमत ₹89

पेट्रोल पंप मालिक को कितना फायदा होता है?

डीलर कमीशन से ही पेट्रोल पंप मालिक को अपने सारे खर्च निकालने होते हैं. इसमें शामिल खर्च

  • बिजली का बिल
  • कर्मचारियों की सैलरी
  • मशीन मेंटेनेंस
  • जमीन का किराया/लीज
  • बैंक लोन का ब्याज
  • प्रशासनिक खर्चे
  • इन सबके बाद शुद्ध मुनाफा अक्सर 1 रुपये से 1.5 रुपये प्रति लीटर ही बचता है.

Petrol Pump Income: क्या पेट्रोल पंप चलाना फायदे का सौदा है?

जहां बिक्री ज्यादा होती है (जैसे हाईवे, मेट्रो सिटी), वहां मुनाफा अच्छा निकलता है. लेकिन छोटे कस्बों, गांवों में जहां बिक्री कम है, वहां लागत निकालना भी मुश्किल हो जाता है.

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