साइबर सुरक्षा में एयरटेल की बड़ी उपलब्धि, लाखों ऑनलाइन फ्रॉड्स को लगी करोड़ों की चपत
Online Fraud: प्राइवेट सेक्टर की प्रमुख टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल ने दावा किया है कि उसने अपनी एआई-ऑपरेटेड फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम के जरिए केवल 35 दिनों में पंजाब राज्य के 22.5 लाख से अधिक मोबाइल यूजर्स को ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाया है. कंपनी के अनुसार, यह पहल ऑनलाइन सुरक्षा को लेकर ग्राहकों के विश्वास को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है.
क्या है एयरटेल की फ्रॉड डिटेक्शन प्रणाली?
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, एयरटेल की ओर से 15 मई 2025 को शुरू की गई इस प्रणाली को विभिन्न ओटीटी ऐप्स व्हाट्सएप, टेलीग्राम, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ईमेल और दूसरे ब्राउजर्स के जरिए भेजे गए लिंक को स्कैन और ब्लॉक करने के लिए डेवलप किया गया. इसका उद्देश्य दुर्भावनापूर्ण यूआरएल को पहचानकर उन्हें 100 मिलीसेकंड से कम समय में रोकना है.
यह एआई-पावर्ड सिस्टम रोजाना 1 अरब से अधिक यूआरएल की स्कैनिंग कर सकती है और खतरे की वास्तविक समय की खुफिया जानकारी का इस्तेमाल करती है. यह सिस्टम सभी मोबाइल और ब्रॉडबैंड ग्राहकों के लिए ऑटो इनेबल्ड रहता है, जिससे यूजर्स को किसी विशेष प्रयास की जरूरत नहीं होती.
देश में 8.6 करोड़ यूजर्स को फायदा
पंजाब के अलावा, एयरटेल ने देशभर में कुल 8.6 करोड़ यूजर्स को ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाने का दावा किया है. कंपनी ने अब तक 1,88,000 से अधिक दुर्भावनापूर्ण वेब लिंक को ब्लॉक किया है, जो फिशिंग, मालवेयर या धोखाधड़ी का हिस्सा थे.
ऑनलाइन धोखाधड़ी के खिलाफ रणनीति
एयरटेल की इस पहल का मकसद डिजिटल लेन-देन और संचार माध्यमों में सुरक्षा सुनिश्चित करना है. भारत में डिजिटल स्कैम और ऑनलाइन फ्रॉड की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं. खासकर, ई-कॉमर्स, बैंकिंग और सोशल मीडिया के जरिए लोगों के बैंक खातों से भी पैसे उड़ा लिये जा रहे हैं. एयरटेल की यह तकनीक इस तरह के साइबर खतरों को रोकने में एआई और डेटा एनालिटिक्स में भूमिका निभाती है.
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यूजर्स को मिलेगी और अधिक सुरक्षा
कंपनी का कहना है कि आने वाले समय में वह इस सिस्टम को और बेहतर बनाकर पूरे देश में अधिक व्यापक सुरक्षा कवच प्रदान करेगी. एयरटेल की यह पहल न केवल टेलीकॉम इंडस्ट्री के लिए मिसाल है, बल्कि अन्य कंपनियों को भी ग्राहक सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए प्रेरित करती है.
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