सड़क हादसे रोकने के लिए शॉर्ट और लॉन्ग टर्म नीति पर हो रहा है काम

NH: देश में हर साल सड़क हादसे में हजारों लोगों को जान गंवानी पड़ती है. सड़क हादसे को रोकने के लिए सरकार की ओर से कई कदम उठाए गए हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग पर सड़क हादसों को रोकने के लिए ब्लैक स्पाट की पहचान का काम किया गया है. ब्लैक स्पाट सड़क हादसे में मरने वाले और घायल होने के आंकड़ों के आधार पर तय किया जाता है. इसके लिए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ब्लैक स्पाट पर रोड मार्किंग को बेहतर करने, स्पीड की गति को नियंत्रित करने के उपाय, साइनेज, क्रैश बैरियर, अवैध निकासी को बंद करने जैसे कदम उठाए हैं. इसके अलावा हादसों को रोकने के लिए दीर्घकालिक नीतियों पर भी काम किया जा सकता है.

मौजूदा समय में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर 13795 ब्लैक स्पाट की पहचान की है, जिसमें शॉर्ट टर्म तरीके अपनाकर 9525 स्पॉट को ठीक किया गया है, जबकि 4777 ब्लैक स्पॉट के लिए दीर्घकालिक उपाय किया गया है. देश में राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण इंडियन रोड कांग्रेस के तहत तय मानक के अनुसार किया जाता है. सड़क की डिजाइन के दौरान रोड सेफ्टी के लिए जरूरी कदम उठाए जाते हैं. सड़क निर्माण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए हर स्तर जांच की जाती है.

सड़क निर्माण में आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल पर है जोर

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सड़क निर्माण में ऑटोमेटेड एंड इंटेलीजेंट मशीन एडेड कंस्ट्रक्शन(एआईएमसी) सिस्टम का इस्तेमाल कानपुर-लखनऊ ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण में कर रहा है. यह सिस्टम सड़क की गुणवत्ता से समझौता किए बिना सड़क निर्माण में समय को बचाने का काम कर रहा है. इस सिस्टम के उपयोग से सड़क निर्माण की उत्पादकता बढ़ रही है और रियल टाइम डेटा भी उपलब्ध हो रहा है. सिस्टम के उपयोग से बनने वाली सड़क की गुणवत्ता अन्य सड़कों से अच्छी है. अगर यह प्रयास सफल रहा है तो सड़क निर्माण में इस सिस्टम का उपयोग व्यापक पैमाने पर होगा. इस सिस्टम के उपयोग के लिए सरकार नीति बनाने का काम कर रही है.

लोकसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अप्रैल 2014 से दिसंबर 2024 तक देश में 1.01 लाख किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण हो चुका है. मौजूदा समय में देश में 32366 किलोमीटर लंबे 1366 रोड प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है और अधिकांश प्रोजेक्ट के वर्ष 2028 में पूरा होने की संभावना है. 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *