शेयर से इनकम पर लगने वाला है तगड़ा टैक्स, बहाना ऐसा कि आप कुछ बोल नहीं पाएंगे
Tax on Share Earnings: भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (ICAI) ने जलवायु परिवर्तन रणनीति और लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सरकार से बजट में शेयरों से होने वाली आय पर टैक्स लगाने की सिफारिश की है. संस्थान ने सुझाव दिया है कि शेयरों और प्रतिभूतियों से होने वाली आय जैसे ब्याज, लाभांश और पूंजीगत लाभ को दिखाने के लिए आयकर रिटर्न (ITR) फॉर्म में एक अलग कॉलम जोड़ा जाना चाहिए. ICAI का मानना है कि इस कदम से न केवल टैक्स अनुपालन में सुधार होगा, बल्कि जलवायु परिवर्तन के लक्ष्यों को हासिल करने में भी मदद मिलेगी. आइए, जानते हैं कि आखिर ICAI ने सरकार से ऐसी सिफारिश क्यों की?
जलवायु परिवर्तन रणनीति
जलवायु परिवर्तन रणनीति वह योजना है, जो जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने, समाज को अनुकूल बनाने और सतत विकास को बढ़ावा देने पर केंद्रित है. यह तीन मुख्य कारकों पर निर्धारित
- मिटिगेशन (घटाव): इसमें ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करना, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को अपनाना और स्वच्छ तकनीकों को बढ़ावा देना शामिल है.
- एडैप्टेशन (अनुकूलन): इसमें समाज और पर्यावरण को जलवायु परिवर्तन के साथ अनुकूल बनाने के उपाय किए जाते हैं. इसमें बाढ़ और सूखे से बचाव के उपाय, कृषि में नई तकनीकों का उपयोग और जल प्रबंधन आदि शामिल हैं.
- सतत विकास: इसमें वित्तीय संसाधनों की व्यवस्था, हरित तकनीकों के लिए सहायता और शोध और इनोवेशन को प्रोत्साहित करना शामिल है. यह पेरिस समझौते और सतत विकास लक्ष्यों जैसे अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के साथ जुड़ा हुआ है.
जलवायु परिवर्तन लक्ष्य
जलवायु परिवर्तन लक्ष्य ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को नियंत्रित करने, नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने और पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए निर्धारित किए जाते हैं.
वैश्विक लक्ष्य
2015 के पेरिस समझौते के तहत दुनिया के 195 देशों ने वैश्विक तापमान वृद्धि को औद्योगिक-पूर्व स्तरों से 2 डिग्री सेल्सियस के नीचे सीमित करने और 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने का प्रयास करने की प्रतिबद्धता जताई. इसमें 2070 तक नेट-जीरो उत्सर्जन का लक्ष्य भी शामिल है.
भारत के लक्ष्य
भारत ने पेरिस समझौते के तहत अपने जलवायु परिवर्तन लक्ष्यों को निर्धारित किया है.
- 2030 तक कार्बन उत्सर्जन को 2005 के स्तर से 45% तक कम किया जाएगा.
- गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा क्षमता को 50% तक बढ़ाना है.
- 2070 तक नेट-जीरो उत्सर्जन लक्ष्य हासिल करना है.
सरकार के प्रयास
जलवायु परिवर्तन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए भारत सरकार ने कई योजनाएं और नीतियां लागू की हैं.
- राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन कार्य योजना (NAPCC):
- राष्ट्रीय सौर मिशन: 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य
- राष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता मिशन: ऊर्जा कुशल उपकरणों और तकनीकों का इस्तेमाल
- राष्ट्रीय जल मिशन: जल संरक्षण और कुशल जल प्रबंधन
- राष्ट्रीय हरित भारत मिशन: वनों का विस्तार और गुणवत्ता में सुधार
- नवीकरणीय ऊर्जा का विस्तार: 2022 तक 175 गीगावाट और 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने के लक्ष्य हासिल करना
- जलवायु वित्त और सब्सिडी: एलपीजी कनेक्शन, इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन और हरित परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता
- सतत परिवहन: मेट्रो परियोजनाओं का विस्तार और सार्वजनिक परिवहन को ऊर्जा-कुशल बनाना
जलवायु परिवर्तन से संबंधित टैक्स
जलवायु परिवर्तन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए सरकार विभिन्न प्रकार के टैक्स वसूलती है.
- कार्बन टैक्स: ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए
- ग्रीन टैक्स: पुराने और प्रदूषणकारी वाहनों पर लगाया जाने वाला टैक्स
- प्लास्टिक अपशिष्ट टैक्स: प्लास्टिक के उपयोग को नियंत्रित करने के लिए
- नवीकरणीय ऊर्जा अधिभार: हरित ऊर्जा परियोजनाओं के लिए वित्त जुटाने के लिए
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बजट के लिए आईसीएआई की सिफारिशें
आईसीएआई ने वित्त वर्ष 2025–26 के वार्षिक बजट के लिए सरकार से कई सिफारिशें की हैं.
- शेयरों और प्रतिभूतियों से आय पर टैक्स: आयकर रिटर्न फॉर्म में अलग कॉलम जोड़कर ब्याज, लाभांश और पूंजीगत लाभ पर टैक्स को जोड़ा जाए.
- ई-फाइलिंग प्रक्रिया में सुधार: आईटीआर को सरल बनाने और टैक्सपेयर्स को सुनवाई का अवसर देने की प्रक्रिया लागू की जाए.
जलवायु परिवर्तन रोकथाम को प्रोत्साहन: जलवायु रणनीतियों को बढ़ावा देने के लिए कर लाभ का प्रावधान किया जाए.
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