शेयर बाजार में मुनाफावसूली से सात दिनों की तेजी पर लगा ब्रेक, सेंसेक्स 315 अंक लुढ़का

Stock Market: भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) में लगातार सात दिनों की तेजी के बाद गुरुवार को मुनाफावसूली का दौर देखने को मिला. बीएसई सेंसेक्स 315 अंक और एनएसई निफ्टी 82 अंक गिरकर बंद हुए. यह गिरावट हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) के कमजोर तिमाही नतीजों, प्रमुख दिग्गज शेयरों में बिकवाली और वैश्विक बाजारों से मिले कमजोर संकेतों के कारण आई.

सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट

  • सेंसेक्स 315.06 अंक यानी 0.39% गिरकर 79,801.43 पर बंद हुआ.
  • निफ्टी 82.25 अंक यानी 0.34% टूटकर 24,246.70 पर बंद हुआ.
  • दिन के दौरान सेंसेक्स 391.94 अंक तक फिसल गया था.
  • पिछले सात सत्रों में सेंसेक्स में 6,269 अंक (8.48%) और निफ्टी में 1,929 अंक (8.61%) की बढ़त हुई थी.

HUL के नतीजे बने गिरावट का कारण

हिंदुस्तान यूनिलीवर के मार्च तिमाही में शुद्ध लाभ में 3.35% गिरावट दर्ज हुई, जिसके बाद शेयर में लगभग 4% की गिरावट आई. FMCG सेक्टर की प्रमुख कंपनियों के कमजोर प्रदर्शन ने बाजार की धारणा को प्रभावित किया.

गिरावट वाले प्रमुख शेयर

  • HUL, भारती एयरटेल, ICICI बैंक
  • जोमैटो, महिंद्रा एंड महिंद्रा, HCL टेक
  • HDFC बैंक, कोटक बैंक, TCS, बजाज फाइनेंस

बढ़त वाले प्रमुख शेयर

  • इंडसइंड बैंक, टाटा मोटर्स, टेक महिंद्रा
  • अल्ट्राटेक सीमेंट, टाइटन, एशियन पेंट्स

वैश्विक बाजारों से मिले कमजोर संकेत

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख विनोद नायर के मुताबिक, हालिया तेजी के बाद निवेशकों ने मुनाफा निकाला. अमेरिका-चीन ट्रेड वार की अनिश्चितता ने वैश्विक बाजारों को कमजोर किया. एशिया में कोरिया और हांगकांग के बाजार गिरे, जापान और चीन के बाजार चढ़े. यूरोप में नकारात्मक रुख के साथ कारोबार हुआ. अमेरिकी बाजार बुधवार को बढ़त के साथ बंद हुए. ब्रेंट क्रूड 0.03% गिरकर 66.10 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया.

एफआईआई का रुख और बुधवार की तेजी

बुधवार को एफआईआई (FII) ने 3,332 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी की थी. सेंसेक्स 520 अंक और निफ्टी 161 अंक की तेजी के साथ बंद हुए थे.

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क्या कहते हैं एक्सपर्ट

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ वीके विजयकुमार के अनुसार, “कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले बेगुनाहों की जान लेने में सफल हो सकते हैं, लेकिन हमारी अर्थव्यवस्था और बाजारों पर मामूली असर भी नहीं डाल सकते. पाकिस्तान की राजनीतिक अस्थिरता और खराब अर्थव्यवस्था भारतीय अर्थव्यवस्था और बाजारों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकती. बाजार आज यह संदेश दे सकते हैं और बुनियादी कारक अनुकूल हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का संकेत दिया है कि उनका फेड प्रमुख को हटाने का कोई इरादा नहीं है. इससे अमेरिकी बाजारों में स्थिरता दिखाई दे रही है. चीनी टैरिफ पर ट्रंप की टिप्पणी से संकेत मिलता है कि वह अमेरिका-चीन तनाव को कम कर सकते हैं. एफआईआई द्वारा धीमी खरीद भारतीय बाजारों के लिए एक मजबूत समर्थन है.

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