विदेशी निवेश में भारत ने तोड़ दिया रिकॉर्ड, एफपीआई ने ताबड़तोड़ किया निवेश

FPI Investment: मई 2025 भारतीय पूंजी बाजार के लिए ऐतिहासिक महीना साबित हुआ है. नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) के अनुसार, इस महीने भारत में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) का शुद्ध प्रवाह 19,860 करोड़ रुपये रहा, जो इस वर्ष का अब तक का सबसे ऊंचा आंकड़ा है. इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत वैश्विक निवेशकों के लिए एक बार फिर से पसंदीदा गंतव्य बन रहा है.

साप्ताहिक निवेश में दिखा निरंतर उत्साह

26 मई से 30 मई 2025 के बीच के सप्ताह में एफपीआई निवेश का रुझान लगातार सकारात्मक रहा. सप्ताह के पहले चार कारोबारी दिनों में विदेशी निवेशकों ने जबरदस्त खरीदारी की, जबकि केवल शुक्रवार को 1,758.23 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी हुई. फिर भी, सप्ताहभर का कुल शुद्ध प्रवाह 6,024.77 करोड़ रुपये रहा.

अब भी सालभर का नेट निवेश नकारात्मक

इस महीने की बड़ी छलांग के बावजूद, जनवरी से मई 2025 के बीच विदेशी निवेशकों द्वारा किया गया कुल शुद्ध निवेश अभी भी 92,491 करोड़ रुपये के घाटे में है. पिछले महीनों में भारी निकासी देखी गई थी. इसमें मार्च में 3,973 करोड़, फरवरी में 34,574 करोड़ और जनवरी में 78,027 करोड़ रुपये की बिक्री हुई थी.

क्या बदल रही है विदेशी निवेशकों की सोच?

एफपीआई निवेश में हाल की तेजी को अमेरिकी डॉलर की कमजोरी, भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती और शेयर बाजार के स्थायित्व से जोड़ा जा रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह रुझान जून और आगे भी जारी रहता है, तो यह साल के बाकी हिस्सों में भी एफपीआई गतिविधियों को सकारात्मक दिशा दे सकता है.

बाजार में हल्की गिरावट लेकिन निवेश बरकरार

मई के अंतिम कारोबारी दिन (शुक्रवार) को वैश्विक संकेतों के कारण बाजार थोड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ.

  • सेंसेक्स 182 अंक (0.22%) गिरकर 81,451.01 पर बंद हुआ.
  • निफ्टी 50 83 अंक (0.33%) गिरकर 24,750.70 पर बंद हुआ।
  • बावजूद इसके, एफपीआई निवेशकों की खरीदारी में कमी नहीं आई.

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मई में विदेशी निवेशकों की हुई वापसी

भारत में मई 2025 का एफपीआई निवेश रुझान विदेशी निवेशकों की वापसी और विश्वास का संकेत देता है. यदि वैश्विक आर्थिक परिस्थितियां स्थिर रहती हैं, तो भारत की पूंजी बाजार में मजबूती बनी रह सकती है और यह निवेश के लिहाज से एक गोल्डन क्वार्टर की शुरुआत हो सकती है.

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