विज्ञान के चमत्कार
विज्ञान के चमत्कार
मनुष्य आरम्भ से ही कुछ न कुछ जानकारी प्राप्त करने की कोशिश में रहा है। अपनी इस इच्छा के कारण ही उसने विभिन्न प्रकार के ज्ञान को प्राप्त कर लिया है। सामान्य ज्ञान से विशेष ज्ञान की प्राप्ति को ही विज्ञान कहते हैं। अति प्राचीन काल में मनुष्य की इच्छाएँ और आवश्यकताएँ बहुत कम थीं, परन्तु जब उसकी इच्छाएं व आवश्यकताएं बढ़ने लगीं, तब इन बढ़ती हुई आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए मनुष्य विज्ञान के द्वारा नए-नए आविष्कारों को करने लगा। उसे कभी सफलता मिली, तो कभी असफलता मिली; लेकिन इससे उसने अपने अपार उत्साह और दिलेरी से एक से एक महान् आविष्कारों को प्राप्त कर लिया। विज्ञान के द्वारा मनुष्य ने एक से एक बढ़कर चमत्कारी आविष्कार कर लिया। विज्ञान के द्वारा मनुष्य ने ऐसे चमत्कारी आविष्कारों को प्राप्त कर लिया जिसे देखकर देव-शक्तियाँ दाँतों तले अंगुली दबा लेती हैं, क्योंकि मनुष्य द्वारा किए गए खोज और उससे प्राप्त सुविधाएँ देव-शक्ति से कहीं बढ़कर अधिक प्रभावशाली और उपयोगी सिद्ध होती हैं ।
विज्ञान ने प्राचीनकाल के ऋषियों-महर्षियों और गुरुओं के मंत्रों और अस्त्रों के प्रयोग को आज विभिन्न प्रकार के आविष्कारों के द्वारा सत्य कर दिया है। रामायण काल के पुष्पक विमान, वर्षा, अग्नि, वायु आदि की शक्तियों को प्रकट करने वाले वाणों, समुद्र सोख कर जमीन निकालने वाले मंत्र से चलने वाले अद्भुत वाण-अस्त्र, महाभारतकालीन संजय की प्राप्त हुई दिव्य-दृष्टि आदि को साक्षात् और सत्य करने के लिए विज्ञान ने हमें टेलीविजन, टेलीफोन, टेलीप्रिन्टर, टेपरिकार्डर, मिसाइल, उपग्रह, अणु-बम, गर्म और अन्य प्रकार के उपग्रह, रडार, दूरमारक यंत्र आदि उपलब्ध करा दिया है।
विज्ञान ने मनुष्य को वरदान स्वरूप सब कुछ प्रदान किया है। इसने हमारे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र को तीव्रगति से प्रभावित किया है; उदाहरण के लिए यात्रा, अध्ययन, व्यापार, उद्योग, दर्शन, उत्पादन, मनोविनोद, ध्वनि, संदेश, संचार आदि के क्षेत्र में विज्ञान ने विभिन्न प्रकार के साधन और आधार प्रस्तुत किये हैं। फलस्वरूप आज हम मानव नहीं रह गये हैं; अपितु देवत्व को प्राप्त होकर देव शक्तियों को चुनौती दे रहे हैं।
यात्रा के क्षेत्र में विज्ञान ने मनुष्य को बहुत से साधन प्रदान किए हैं; जैसे साइकिल, स्कूटर, मोटर साइकिल, कार, मोटरकार, बस, रेलगाड़ी, हवाई जहाज आदि। इन साधनों के द्वारा आज मनुष्य को तनिक भी पैदल चलने की आवश्यकता नहीं पड़ती है, बल्कि वह पलक गिरते-गिरते ही बहुत दूर निकल जाता है। आज मनुष्य को रावण के पुष्पक विमान की तरह मन की गति से चलने वाले बहुत प्रकार के वायुयान प्राप्त हो चुके हैं। इससे वह आकाश की अधिक-से-अधिक ऊंचाई पर हवा के समान जिस दिशा में चाहे आ जा रहा है। धरती की यात्रा करने के लिए तो विज्ञान ने हमें जो भी स्कूटर, मोटरकार, बस, रेलगाड़ी आदि प्रदान किए हैं। वे एक-दूसरे में अद्भुत और बेमिसाल हैं।
अंतरिक्ष (आकाश) की कठिन-से-कठिन बातों की जानकारी प्राप्त करने में आज विज्ञान सफल हो रहा है। उसने चाँद का पता लगा लिया है। उसने मौसम सम्बन्धी विभिन्न प्रकार की जानकारी प्राप्त कर ली है। चाँद से अब वह मंगल ग्रह पर जाने की तैयारी कर रहा है। इसके बाद वह अन्य ग्रहों पर भी जा सकेगा,
ऐसा विश्वास उसको मिली हुई सफलताओं के आधार पर आज करते जा रहे हैं; क्योंकि प्रकृति की सारी शक्तियाँ आज मनुष्य के आगे हाथ बाँधे खड़ी हैं।
विज्ञान ने हमारी बुद्धि, ज्ञान और सोच-समझ को बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के साधन दिये हैं। आज हमें अपने ज्ञान की वृद्धि के लिए किसी पुस्तकालय और किसी ज्ञान-मंडल या विशेष स्थान पर जाने की कोई बहुत अधिक आवश्यकता नहीं होती है। आज हम घर बैठे ही टेलीविजन, रेडियो, वी.सी.आर., वी.डी.ओ, टेपरिकार्डर, वीडियो गेम, फोटो कैमरा आदि के द्वारा मनोरंजन प्राप्त करते हुए ज्ञान की वृद्धि भी कर रहे हैं। विज्ञान के साधनों के द्वारा हम अत्यधिक दूर के मनुष्य को देख, सुन और समझ सकते हैं। रेडियो और टेलीविजन का कार्य इस क्षेत्र में सर्वोपरि है। विज्ञान की सहायता से हम बड़ी मशीनों छोटी मशीनों को बनाते हैं, जो हमारे उद्योगों के काम आकर हमारे उत्पादन को बढ़ाती हैं। इन्हीं उद्योगों के द्वारा हमें रोटी, कपड़ा और मकान की प्राप्ति हो जाती है, जो हमारे जीवन की पहली आवश्यकता है। चिकित्सा के क्षेत्र में भी विज्ञान ने एक महान क्रान्ति उत्पन्न कर दी है। कठिन से कठिन रोगों के इलाज के लिए एक-से-एक यंत्र हमें आज उपलब्ध हो गए हैं। एक्सरे का कार्य इसके लिए अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। इस प्रकार विज्ञान ने हमें विभिन्न प्रकार के चमत्कारों को प्रदान किया है ।
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