लोकतन्त्र क्या है ? लोकतन्त्र क्यों है ? What is Democracy? Why is Democracy?

लोकतन्त्र क्या है ? लोकतन्त्र क्यों है ?   What is Democracy? Why is Democracy?

 

लोकतन्त्र क्या है ?
♦ लोकतन्त्र शासन का एक ऐसा रूप है जिसमें शासकों का चुनाव लोग करते हैं।
♦ अब्राहम लिंकन ने लोकतन्त्र की परिभाषा इस प्रकार दी है — “लोकतन्त्र लोगों का, लोगों के द्वारा और लोगों के लिए शासन प्रणाली हैं। “
लोकतन्त्र की विशेषताएँ
प्रमुख फैसले निर्वाचित नेताओं के हाथ लोकतन्त्र में अन्तिम निर्णय लेने की शक्ति लोगों द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों के पास ही होनी चाहिए।
स्वतन्त्र और निष्पक्ष चुनावी मुकाबला लोकतन्त्र निष्पक्ष और स्वतन्त्र चुनावों पर आधारित होना चाहिए ताकि सत्ता में बैठे लोगों के लिए जीत-हार के समान अवसर उपलब्ध हों।
एक व्यक्ति एक वोट- एक मोल लोकतन्त्र में हर व्यस्क नागरिक का एक वोट होना चाहिए और हर वोट का एक समान मूल्य होना चाहिए।
कानून का राज और अधिकारों का आदर एक लोकतान्त्रिक सरकार संवैधानिक कानून और नागरिक अधिकारों द्वारा खींची लक्ष्मण रेखाओं के भीतर ही काम करती है। अतः इस वयवस्था में यह आवश्यक है कानून का राज हो और कानूनी अधिकारों का आदर किया जाए।
लोकतन्त्र की विस्तृत परिभाषा
♦ लोकतन्त्र की विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था को इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है। लोकतन्त्र शासन का एक ऐसा रूप है जिसमें
♦ लोगों द्वारा चुने गए शासक ही सारे प्रमुख फैसले करते हैं;
♦ चुनाव लोगों के लिए निष्पक्ष अवसर और इतने विकल्प उपलब्ध कराता है कि वे चाहें तो मौजूदा शासकों को बदल सकते हैं।
♦ यह विकल्प और अवसर सभी लोगों को समान रूप से उपलब्ध होता है; और
♦ इस चुनाव से बनी सरकार संविधान द्वारा तय बुनियादी कानूनों और नागरिक अधिकारों के दायरे को मानते हुए काम करती है।
लोकतन्त्र ही क्यों ?
लोकतन्त्र क्यों आवश्यक है, यह जानने के लिए इसके गुणों एवं अवगुणों, दोनों को समझना आवश्यक है।
लोकतन्त्र के विपक्ष में तर्क
♦ लोकतन्त्र में नेता बदलते रहते हैं। इससे अस्थिरता पैदा होती है।
♦ लोकतन्त्र का मतलब सिर्फ राजनीतिक लड़ाई और सत्ता का खेल है। यहाँ नैतिकता की कोई जगह नहीं होती।
♦ लोकतान्त्रिक व्यवस्था में इतने सारे लोगों से बहस और चर्चा करनी पड़ती है कि हर फैसले में देरी होती है।
♦ चुने हुए नेताओं को लोगों के हितों का पता ही नहीं होता। इसके चलते खराब फैसले होते हैं।
♦ लोकतन्त्र में चुनावी लड़ाई महत्त्वपूर्ण और खर्चीली होती है, इसलिए इसमें भ्रष्टाचार अधिक होता है।
♦ सामान्य लोगों को पता नहीं होता कि उनके लिए क्या चीज अच्छी है और क्या चीज बुरी; इसलिए उन्हें किसी चीज का फैसला नहीं करना चाहिए।
लोकतन्त्र के पक्ष में तर्क
♦ लोकतान्त्रिक शासन पद्धति दूसरों से बेहतर है क्योंकि यह शासन का अधिक जवाबदेही वाला स्वरूप है।
♦ लोकतन्त्र बेहतर निर्णय लेने की सम्भावना बढ़ाता है।
♦ लोकतन्त्र नागरिकों का सम्मान बढ़ाता है।
♦ लोकतान्त्रिक व्यवस्था दूसरों से बेहतर है क्योंकि इसमें हमें अपनी गलती ठीक करने का अवसर भी मिलता है।
लोकतन्त्र का वृहत्तर अर्थ
♦ इस समय लोकतन्त्र का सबसे आम रूप है प्रतिनिधित्व वाला लोकतन्त्र।
♦ लोकतन्त्र में सभी लोगों के शामिल होने की बात की जाती है, किन्तु जिन देशों में लोकतन्त्र है वहाँ सभी लोग शासन नहीं चलाते। सभी लोगों की ओर से बहुमत के फैसले लेने का अधिकार होता है और यह बहुमत भी स्वयं शासन नहीं चलाता।
♦ आधुनिक लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था में इतने अधिक लोग होते हैं कि हर बात के लिए सबको साथ बैठाकर सामूहिक फैसला कर पाना सम्भव नहीं हो सकता।
♦ आदर्श लोकतन्त्र वही हो सकता है, जिसमें उसके नागरिकों को वास्तव में सभी अधिकार प्राप्त हों और सत्ता में उसकी प्रत्यक्ष भागीदारी हो।
♦ वास्तव में देखा जाए तो किसी भी देश में आदर्श लोकतन्त्र नहीं है।
♦ लोकतन्त्र की जिन विशेषताओं की चर्चा इसके पहले की गई है, वे लोकतन्त्र की न्यूनतम शर्ते हैं पर इनसे आदर्श लोकतन्त्र नहीं बनता।
♦ एक आदर्श लोकतन्त्र में निर्णय लेने की प्रक्रिया लोकतान्त्रिक होनी चाहिए। हर लोकतन्त्र को इस आदर्श को प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए।
♦ नागरिक के तौर पर हम जो भी काम करते हैं वह हमारे देश के लोकतन्त्र को अच्छा या खराब बनाने में मदद करता है। यहो लोकतन्त्र की ताकत है और यही कमजोरी भी देश का भविष्य शासकों के कामकाज से ज्यादा नागरिकों के कामकाज पर निर्भर करता है।
♦ राजशाही, तानाशाही या एक दल के शासन जैसी अन्य व्यवस्थाओं में सभी नागरिकों को राजनीति में हिस्सेदारी करने को जरूरत नहीं रहती, क्योंकि गैर-लोकतान्त्रिक सरकारें चाहती हो नहीं कि लोग राजनीति में हिस्सा लें, किन्तु लोकतान्त्रिक व्यवस्था सभी नागरिकों की सक्रिय भागीदारी पर ही निर्भर करती है।
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