रुपये ने डॉलर को फिर दी पटखनी! लगातार 7वें दिन हुआ मजबूत

Rupees vs Dollar: रुपये ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 31 पैसे की छलांग लगाई, जिससे यह 85.67 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. विदेशी निवेश, शेयर बाजार में तेजी और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ने रुपये को मजबूती दी.

Rupees vs Dollar: भारतीय मुद्रा रुपये ने एक बार फिर अमेरिकी मुद्रा डॉलर को पटखनी दी है. विदेशी निवेशकों की खरीदारी, घरेलू शेयर बाजार में तेजी और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के चलते भारतीय रुपये ने लगातार सातवें कारोबारी सत्र में मजबूती दर्ज की. सोमवार को अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 31 पैसे चढ़कर 85.67 प्रति डॉलर पर बंद हुआ.

रुपये की मजबूती के पीछे क्या कारण हैं?

विशेषज्ञों के अनुसार, रुपये में मजबूती के पीछे कई कारक काम कर रहे हैं.

  • विदेशी निवेश में तेजी: विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने भारतीय शेयर बाजार में बड़े पैमाने पर निवेश किया.
  • घरेलू शेयर बाजार में उछाल: बीएसई सेंसेक्स 1,078.87 अंक बढ़कर 77,984.38 पर और निफ्टी 307.95 अंक चढ़कर 23,658.35 पर बंद हुआ.
  • कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट: वैश्विक स्तर पर ब्रेंट क्रूड 72.55 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया, जिससे व्यापारिक धारणा मजबूत हुई.
  • डॉलर में कमजोरी: अमेरिकी मुद्रा अन्य वैश्विक मुद्राओं के मुकाबले कमजोर रही, जिससे रुपये को फायदा मिला.

रुपये का उतार-चढ़ाव और बाजार प्रदर्शन

सोमवार को कारोबार के दौरान रुपया 85.93 प्रति डॉलर पर खुला और 85.49 के उच्चतम स्तर और 86.01 के निचले स्तर को छूने के बाद 85.67 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. पिछले शुक्रवार को भी रुपये ने 38 पैसे की बढ़त दर्ज की थी और 85.98 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. रुपये ने इस सात दिन की तेजी में कुल 154 पैसे की मजबूती हासिल की है.

आगे क्या उम्मीद की जा सकती है?

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार के अनुसार, वित्तीय वर्ष के अंत से पहले विदेशी बैंकों और निर्यातकों द्वारा डॉलर बेचने से रुपया मजबूत हुआ. इसके साथ ही, 2 अप्रैल को संभावित जवाबी शुल्क लागू होने से पहले अमेरिकी प्रतिनिधियों की भारत यात्रा की घोषणा ने निवेशकों की धारणा को सकारात्मक किया. हालांकि, नकदी की कमी और व्यापार संतुलन जैसे जोखिम रुपये के लिए भविष्य में चुनौती बने रह सकते हैं.

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रुपये ने की नुकसान की भरपाई

रुपये ने 2025 में अब तक के अपने सभी नुकसान की भरपाई कर ली है. 31 दिसंबर 2024 को रुपया 85.64 प्रति डॉलर पर था, जो अब 85.67 प्रति डॉलर तक पहुंच गया है. अगर बाजार में विदेशी निवेश का प्रवाह जारी रहता है और वैश्विक अर्थव्यवस्था स्थिर बनी रहती है, तो रुपये की मजबूती आगे भी बनी रह सकती है.

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