रुपया 85 के पार, इसका क्या असर पड़ेगा आम लोगों पर, जानें आसान शब्दों में

Rupee vs Dollar : डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार कमजोर हो रहा है. शुक्रवार को 10 पैसे मजबूत होकर रुपया 85.03 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ. इसका आम लोगों पर क्या असर पड़ेगा? आइए जानते हैं यहां.

कमजोर रुपये का क्या मतलब है?

डॉलर मजबूत और रुपया कमजोर होने का सीधा सा मतलब है कि डॉलर की तुलना में रुपये का मूल्य कम हो चुका है. सामान्य भाषा में, अब एक डॉलर खरीदने के लिए आपको पहले से ज्यादा रुपये चुकाने होंगे.

क्या रुपये के कमजोर होने से महंगाई बढ़ सकती है?

रुपया कमजोर होता है तो विदेश से आयात होने वाले सामान महंगे में खरीदे जाते हैं. यानी महंगाई देश में बढ़ जाती है. खासकर पेट्रोल, डीजल जैसे उत्पादों की कीमतें बढ़ने की संभावना रहती है.

क्या रुपये के कमजोर होने से विदेशी निवेश कम हो सकता है?

रुपया कमजोर होता है तो विदेशी निवेशक पर इसका असर नजर आ सकता है. भारत में निवेश करने से ये हिचकिचा सकते हैं. इसके पीछे की वजह यह है कि उन्हें लगता है कि भविष्य में रुपये का मूल्य और कम हो सकता है, जिसकी वजह से उन्हें नुकसान हो सकता है.

क्या रुपये के कमजोर होने से ब्याज दरें बढ़ सकती हैं?

रुपये को मजबूत करने के लिए सरकार और रिजर्व बैंक कुछ कदम उठा सकते हैं. वे ब्याज दरें बढ़ा सकते हैं. इससे लोगों को लोन लेना महंगा पड़ेगा. कारोबार पर भी इसका असर पड़ता नजर आ सकता है.

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शुक्रवार को यूएस डॉलर इंडेक्स और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के संभावित हस्तक्षेप की वजह से रुपया 10 पैसे मजबूत होता नजर आया. विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा है कि डॉलर की हाई डिमांड के कारण रुपये में कमजोरी बने रहने की आशंका है.

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