रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण Chemical Reactions and Equations
रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण Chemical Reactions and Equations
♦ जब एक पदार्थ किसी दूसरे पदार्थ के साथ क्रिया करके अथवा कोई पदार्थ अकेले ही क्रिया करके एक या एक से अधिक नये पदार्थ की रचना करता है तो यह क्रिया रासायनिक अभिक्रिया कहलाती है।
♦ रासायनिक अभिक्रिया में निम्नलिखित परिवर्तन या उत्सर्जन देखने को मिलते हैं
♦ अवस्था में परिवर्तन
♦ रंग में परिवर्तन
♦ गैस का निकास/ उत्सर्जन
♦ तापमान में परिवर्तन
रासायनिक समीकरण
♦ जब ऑक्सीजन की उपस्थिति में मैग्नीशियम रिबन का दहन होता है तब यह मैग्नीशियम ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाता है। वाक्य के रूप में किसी रासायनिक अभिक्रिया का विवरण बहुत लम्बा हो जाता है। इसे संक्षिप्त रूप में भी लिखा जा सकता है। इसे शब्द – समीकरण के रूप में लिखना सबसे सरलतम विधि है। इस अभिक्रिया का शब्द – समीकरण इस प्रकार होगा
♦ मैग्नीशियम + ऑक्सीजन → मैग्नीशियम ऑक्साइड
(अभिकारक) (उत्पाद)
♦ इस अभिक्रिया में मैग्नीशियम तथा ऑक्सीजन ऐसे पदार्थ है जिनमें रासायनिक परिवर्तन होता है, इन्हें अभिकारक कहते हैं। इस अभिक्रिया से एक नये पदार्थ मैग्नीशियम ऑक्साइड का निर्माण होता है, इसे उत्पाद कहते हैं।
♦ शब्द- समीकरण में अधिकारकों के उत्पाद में परिवर्तन को उनके मध्य एक तीर का निशान लगाकर दर्शाया जाता है। अभिकारकों के बीच योग (+) का चिह्न लगाकर उन्हें बाईं ओर (LHS) लिखा जाता है। इसी प्रकार उत्पादों के बीच भी योग (+) का चिह्न लगाकर उन्हें दाईं ओर (RHS) लिखा जाता है। तीर का सिरा उत्पाद की ओर होता है तथा यह अभिक्रिया होने की दिशा को दर्शाता है।
रासायनिक समीकरण लिखना
♦ शब्दों की जगह रासायनिक सूत्र का उपयोग करके रासायनिक समीकरणों को अधिक संक्षिप्त तथा उपयोगी बनाया जा सकता है। रासायनिक समीकरण किसी रासायनिक अभिक्रिया को दर्शाता है। मैग्नीशियम, ऑक्सीजन तथा मैग्नीशियम ऑक्साइड के सूत्रों का प्रयोग कर मैग्नीशियम और ऑक्सीजन की रासायनिक अभिक्रिया को इस प्रकार लिखा जा सकता है Mg + O2→MgO
♦ उपरोक्त समीकरण में तीर के निशान के बाईं और दाईं ओर के तत्त्वों के परमाणुओं की संख्या की गिनती कर उनकी तुलना करने पर पता चलता है कि दोनों ओर तत्त्वों के परमाणुओं की संख्या समान नहीं है। इसलिए यह असन्तुलित समीकरण है। अभिक्रिया की सही अभिव्यक्ति के लिए इसे सन्तुलित कर लिखना अनिवार्य है।
♦ असन्तुलित समीकरण में तीर के दोनों ओर के परमाणुओं के द्रव्यमान बराबर नहीं होते। किसी अभिक्रिया का ऐसा रासायनिक समीकरण कंकाली रासायनिक समीकरण कहलाता है।
♦ सन्तुलित रासायनिक समीकरण का महत्त्व किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का न तो निर्माण होता है न ही विनाश । अर्थात् किसी भी रासायनिक अभिक्रिया के उत्पाद तत्त्वों का कुल द्रव्यमान अभिकारक तत्त्वों के कुल द्रव्यमान के बराबर होता है। दूसरे शब्दों में, रासायनिक अभिक्रिया के पहले एवं उसके पश्चात प्रत्येक तत्त्व के परमाणुओं की संख्या समान रहती है। इसलिए कंकाली समीकरण को सन्तुलित करना आवश्यक है।
♦ समीकरण को सन्तुलित करना किसी भी रासायनिक समीकरण को सन्तुलित करने के लिए तीर के निशान के बाईं एवं दाईं ओर के परमाणुओं की द्रव्यमान संख्या को सन्तुलित करते हैं।
रासायनिक अभिक्रियाओं के प्रकार
♦ संयोजन अभिक्रिया ऐसी अभिक्रिया जिसमें दो या दो से अधिक अभिकारक मिलकर एकल उत्पाद का निर्माण करते हैं उसे संयोजन अभिक्रिया कहा जाता है। उदाहरण– कैल्शियम ऑक्साइड जल के साथ तीव्रता से अभिक्रिया करके बुझे हुए चूने (कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड) का निर्माण करके अधिक मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न करता है।
CaO(s) + H₂O(I) → Ca(OH)2 (aq)
(बिना बुझा हुआ चूना) (बुझा हुआ चूना)
♦ वियोजन (अपघटन) अभिक्रिया जब एकल अभिकर्मक टूट कर छोटे-छोटे उत्पाद में परिवर्तित हो जाते हैं, तो ऐसी अभिक्रिया को वियोजन या अपघटन अभिक्रिया कहा जाता है। यह संयोजन अभिकिया की विपरीत अभिक्रिया है।
उदाहरण
CaCO3(S) ऊष्मा → CaO(s)+CO2 (g)
(चूना पत्थर) बुझा हुआ चूना
♦ विस्थापन अभिक्रिया ऐसी अभिक्रिया जिसमें किसी तत्त्व का परमाणु दूसरे तत्त्व के यौगिक से उस तत्त्व के परमाणु को हटाकर खुद उसका स्थान ग्रहण करता है तथा एक नया यौगिक बनाता है, उसे विस्थापन अभिक्रिया कहते हैं।
उदाहरण
Fe(s) + CuSO4 (aq) →FeSO4 (aq) + Cu (s)
(कॉपर सल्फेट) (आयरन सल्फेट)
इस अभिक्रिया में लोहे (आयरन) ने दूसरे तत्त्व कॉपर को कॉपर सल्फेट के विलयन से विस्थापित कर दिया या हटा दिया ।
♦ द्विविस्थापन अभिक्रिया वैसी रासायनिक अभिक्रिया जिसमें अभिकारकों के बीच आयनों का आदान-प्रदान होता हैं, उसे द्विविस्थापन अभिक्रिया कहते हैं।
उदाहरण
Na₂SO4 (aq) + BaCl₂ (aq) → BaSO4 (s) + 2NaCl (aq)
(सोडियम सल्फेट) (बेरियम क्लोराइड) (बेरियम सल्फेट) (सोडियम क्लोराइड)
♦ उपचयन एवं अपचयन ऐसी रासायनिक अभिक्रिया जिसमें किसी पदार्थ के ऑक्सीजन में वृद्धि होती है तथा किसी अन्य पदार्थ में ऑक्सीजन का ह्रास होता है, उसे उपचयन-अपचयन या रेडॉक्स अभिक्रिया कहते हैं। जिस पदार्थ में ऑक्सीजन की वृद्धि होती है, उसका उपचयन होता है तथा जिसमें इसकी कमी होती है उसका अपचयन होता है।
उदाहरण
CuO + H2 ताप → Cu + H2O
♦ इस अभिक्रिया में कॉपर ऑक्साइड में ऑक्सीजन का ह्रास हो रहा है इसलिए यह अपचयित हुआ है। हाइड्रोजन में ऑक्सीजन की वृद्धि हो रही है इसलिए यह उपचयित हुआ है। अर्थात्, किसी अभिक्रिया में एक अभिकारक उपचयित तथा दूसरा अभिकारक अपचयित होता है। इन अभिक्रियाओं को उपचयन-अपचयन अथवा रेडॉक्स अभिक्रियाएँ कहते हैं।
♦ संक्षारण एवं विकृतगंधिता उपचयन अभिक्रियाओं के उदाहरण जब कोई धातु अपने आस-पास अम्ल, आर्द्रता आदि के सम्पर्क में आती है तब ये संक्षारित होती हैं और इस प्रक्रिया को संक्षारण कहते हैं।
♦ जिन अभिक्रियाओं में उत्पाद के साथ ऊष्मा का भी उत्सर्जन होता है उन्हें ऊष्माक्षेपी अभिक्रियाएँ कहते हैं।
♦ जिन अभिक्रियाओं में ऊष्मा का अवशोषण होता है उन्हें ऊष्माशोषी अभिक्रियाएँ कहते हैं ।
♦ जब कोई तत्त्व दूसरे तत्त्व को उसके यौगिक से विस्थापित कर देता है, विस्थापन अभिक्रिया होती है।
♦ अवक्षेपण अभिक्रिया से अविलेय लवण प्राप्त होता है।
♦ अभिक्रिया में पदार्थों से ऑक्सीजन या हाइड्रोजन का योग अथवा ह्रास भी होता है। ऑक्सीजन का योग या हाइड्रोजन का ह्रास ऑक्सीकरण या उपचयन कहलाता है। ऑक्सीजन का ह्रास या हाइड्रोजन का योग अपचयन कहलाता है।
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