राजस्थान सरकार स्टार्टअप्स को देगी 5 करोड़ का इनाम, 100 करोड़ का इक्विटी फंड

राजस्थान सरकार ने राज्य के स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा ऐलान किया है. अब सफल स्टार्टअप्स को 5 करोड़ रुपए का इनाम दिया जाएगा, साथ ही 100 करोड़ का इक्विटी फंड भी उपलब्ध कराया जाएगा. यह फैसला राज्य में नए उद्यमों को प्रोत्साहित करने और नौजवानों को अपना बिजनेस शुरू करने में मदद करने के उद्देश्य से लिया गया है. इस पहल से प्रदेश में नवाचार और उद्यमिता का माहौल बनेगा, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. सरकार का यह कदम राजस्थान को देश के प्रमुख स्टार्टअप हब के तौर पर स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है, जो राज्य की आर्थिक तरक्की को नई गति देगा.

राजस्थान में स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन: 5 करोड़ का इनाम और 100 करोड़ का इक्विटी फंड

राजस्थान सरकार राज्य में स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करने और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है. इसी दिशा में, सरकार ने स्टार्टअप्स को 5 करोड़ रुपये तक का इनाम देने और 100 करोड़ रुपये का इक्विटी फंड स्थापित करने की घोषणा की है. यह पहल राज्य में युवा उद्यमियों को नए और इनोवेटिव विचारों को वास्तविकता में बदलने के लिए प्रेरित करेगी, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और आर्थिक विकास को गति मिलेगी.

पृष्ठभूमि और उद्देश्य

राजस्थान सरकार काफी समय से स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है. साल 2015-2020 की राजस्थान स्टार्टअप नीति और 2022 की नई स्टार्टअप नीति इसी का हिस्सा हैं. इन नीतियों का मुख्य उद्देश्य राज्य में नवाचार को बढ़ावा देना, रोजगार सृजित करना और निवेश के माहौल को बेहतर बनाना है. यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि गुजरात भले ही बेस्ट परफॉर्मर राज्यों में शामिल हो, लेकिन टॉप परफॉर्मर राज्यों में राजस्थान का नंबर है. केरल और तेलंगाना के बाद, राजस्थान स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करने और नवाचार को आगे बढ़ाने पर तेजी से काम करने वाला तीसरा राज्य है.

यह नई पहल ‘इनोवेशन चैलेंज’ के तहत की गई है, जिसमें उन स्टार्टअप्स को शामिल किया जाएगा जो लीक से हटकर काम कर रहे हैं. स्टार्टअप्स को यह बताना होगा कि उनके विचार से आर्थिक विकास कैसे होगा और जनहित में इसका कैसे उपयोग किया जाएगा. यह ग्रांट केवल स्टार्टअप को और इनोवेटिव बनाने के लिए ही उपयोग की जाएगी, जिसके लिए कुछ माइलस्टोन भी तय किए गए हैं.

नया इक्विटी फंड और इनाम

राज्य सरकार अब युवाओं के विचारों को उड़ान देने के लिए 100 करोड़ रुपये का इक्विटी फंड बना रही है. यह फंड पात्र स्टार्टअप्स को इक्विटी के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करेगा, जिसमें सरकार प्रति स्टार्टअप 5 करोड़ रुपये तक की राशि का मिलान कर सकती है. यह फंड उन स्टार्टअप्स के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगा जो विकास के चरण में हैं और जिन्हें अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए पूंजी की आवश्यकता है.

इनाम के रूप में 5 करोड़ रुपये तक की राशि उन स्टार्टअप्स को मिलेगी जो इनोवेशन चैलेंज में उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगे. यह प्रोत्साहन राशि स्टार्टअप्स को नए और मौलिक विचार विकसित करने के लिए प्रेरित करेगी जो राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास में योगदान कर सकें.

मौजूदा नीतियां और प्रोत्साहन

राजस्थान सरकार की स्टार्टअप नीति 2022 में कई महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल हैं जो स्टार्टअप्स के विभिन्न चरणों को समर्थन देते हैं.

  • सीड सपोर्ट: नीति में प्री-सीड और सीड चरणों में स्टार्टअप्स को नए विचार उत्पन्न करने और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करने का लक्ष्य है.
  • स्केल-अप फंडिंग: स्टार्टअप्स को उनके प्रदर्शन के आधार पर स्केल-अप फंडिंग भी मिल सकती है.
  • अतिरिक्त बूस्टर: नीति में संतुलित और समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त बूस्टर भी प्रस्तावित हैं, जिनमें महिला, ट्रांसजेंडर, विशेष रूप से सक्षम संस्थापकों और एससी/एसटी तथा ग्रामीण क्षेत्रों के संस्थापकों के लिए विशेष प्रावधान शामिल हैं.

इसके अलावा, ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यम प्रोत्साहन योजना’ के तहत युवाओं को 25 लाख से 5 करोड़ रुपये तक का लोन भी दिया जाता है. यह लोन बिना किसी गारंटी के उपलब्ध है, जिसका उद्देश्य राज्य में स्व-रोजगार को बढ़ावा देना है. इस योजना के तहत प्रस्ताव को विस्तृत रूप देने और प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने के लिए 15,000 रुपये की आर्थिक मदद भी दी जाती है.

“राजस्थान सरकार की योजनाओं में मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के तहत महिलाओं को 15% और पुरुष उद्यमियों को 10% मार्जिन मनी अधिकतम 5 लाख रुपये तक ऋण में दी जाएगी.”

इनक्यूबेशन सेंटर और कौशल विकास

राज्य में स्टार्टअप्स को सहारा देने के लिए इनक्यूबेशन सेंटर भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने जोधपुर और पाली में आई-स्टार्ट नेस्ट इनक्यूबेटर सेंटर का लोकार्पण किया है, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों में उद्यमिता और कौशल विकास को बढ़ावा देना है. जोधपुर में सरकारी इनक्यूबेशन सेंटर को 13 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है, जिसमें 125 व्यक्तियों के लिए को-वर्किंग स्पेस है.

आई-स्टार्ट नेस्ट, राजस्थान सरकार का इनक्यूबेशन सेंटर, देश का एकमात्र केंद्रीकृत इनक्यूबेटर है जो उभरते स्टार्टअप्स को मुफ्त इनक्यूबेशन प्रदान करता है. यह कार्यक्रम स्टार्टअप्स को मेंटर एंगेजमेंट, तीव्र पुनरावृत्ति चक्र और धन उगाहने की तैयारी के माध्यम से गति प्राप्त करने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

राज्य में अन्य प्रमुख इनक्यूबेशन सेंटर और एक्सेलेरेटर भी हैं जो स्टार्टअप्स को फंडिंग, मेंटरशिप और उद्योग कनेक्शन प्रदान करते हैं. इनमें मारवाड़ी कैटेलिस्ट्स, राजस्थान एंजेल इन्वेस्टर नेटवर्क (RAIN), TiE राजस्थान, GCEC इनक्यूबेशन सेंटर, अटल इनक्यूबेशन सेंटर बानस्थली विद्यापीठ, IIM उदयपुर इनक्यूबेशन सेंटर और BITS पिलानी – टेक्नोलॉजी आधारित इनक्यूबेटर शामिल हैं.

“राजस्थान में 89 विश्वविद्यालय संचालित हैं और घर के नजदीक ही शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए निजी सेक्टर को भी बढ़ावा दिया जा रहा है.”

राजस्थान सरकार ने युवाओं को फ्यूचर रेडी और इंडस्ट्री रेडी बनाने के लिए इंडस्ट्री पार्टनर्स के सहयोग से प्रत्येक संभाग में सेंटर फॉर एडवांस स्किलिंग एंड करियर काउंसलिंग की स्थापना करने की घोषणा की है. इसके साथ ही, आगामी वर्ष 50,000 युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने का प्रस्ताव है. कोटा में विश्वकर्मा स्किल इंस्टीट्यूट की स्थापना 150 करोड़ रुपये की लागत से की जाएगी.

प्रभाव और भविष्य की संभावनाएं

इन पहलों से राजस्थान में एक मजबूत और गतिशील स्टार्टअप इकोसिस्टम बनने की उम्मीद है. 5 करोड़ रुपये का इनाम और 100 करोड़ रुपये का इक्विटी फंड युवा उद्यमियों को अपने सपनों को पूरा करने के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता और प्रोत्साहन प्रदान करेगा. यह न केवल राज्य के भीतर स्टार्टअप्स को बनाए रखने में मदद करेगा बल्कि बाहर से निवेशकों को भी आकर्षित करेगा.

राज्य सरकार एआई पॉलिसी 2025 जैसी नई नीतियों पर भी विचार कर रही है, जिसका उद्देश्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, गेमिंग और विजुअल इफेक्ट्स जैसे रचनात्मक क्षेत्रों में राज्य को अग्रणी बनाना है. इसके क्रियान्वयन के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर एआई (सीओई-एआई) की स्थापना की जाएगी, जो स्टार्टअप्स, शैक्षणिक संस्थानों और निजी क्षेत्र के साथ मिलकर नवाचार को गति देगा.

यह नीतियां राज्य में स्व-रोजगार को बढ़ावा देंगी, बेरोजगारी को कम करेंगी और राजस्थान को नवाचार तथा उद्यमिता के केंद्र के रूप में स्थापित करेंगी. विभिन्न क्षेत्रों में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना से विशिष्ट क्षेत्रों में विशेषज्ञता और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को बहुआयामी लाभ होंगे.

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