रणधीर वर्मा चौक पर अभाविप का खुला अधिवेशन, 3.5 किलोमीटर लंबी शोभायात्रा में शामिल सैंकड़ों कार्यकर्ता

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) की रजत जयंती पर प्रदेश अधिवेशन के तीसरे दिन रणधीर वर्मा चौक पर खुला अधिवेशन हुआ. इससे पहले शहर में परिषद कार्यकर्ताओं ने शोभायात्रा निकाली. इसमें पूरे झारखंड से आये सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने पारंपरिक वेशभूषा में हिस्सा लिया. 3.5 किमी लंबी यह शोभायात्रा गोल्फ ग्राउंड से शुरू होकर कला भवन, सिटी सेंटर , बेकारबांध, पूजा टॉकिज, डीआरएम चौक, कोट रोड होते हुए रणधीर वर्मा चौक पर पहुंची. पूरे रास्ते अभाविप कार्यकर्ता राष्ट्रवादी नार लगाते रहे. मार्ग में विभिन्न स्थानों पर पुष्पवर्षा कर विभिन्न सामाजिक संगठनों ने शोभायात्रा का स्वागत किया. इस शोभायात्रा ने नगरवासियों का ध्यान आकर्षित किया. इसके बाद खुले अधिवेशन में अभाविप के नेताओं ने झारखंड सरकार पर तीखे प्रहार किये और कई मुद्दों पर अपनी मांगों को जोरदार तरीके से रखा. वक्ताओं ने जनजातीय समाज, महिला सशक्तीकरण, बेरोजगारी, घुसपैठ और विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव जैसे मुद्दों पर जोरदार तरीके उठाया. वक्ताओं ने झारखंड में युवाओं को सशक्त बनाने, सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने और विकास के पथ पर राज्य को आगे बढ़ाने के लिए युवाओं का आह्वान किया. अभाविप के अखिल भारतीय जनजातीय कार्य सह प्रमुख निलेश सोलंकी ने जनजातीय समाज की महत्ता पर प्रकाश डाला. कहा, ‘जनजातीय समाज प्राचीन काल से स्वाभिमानी रहा है और जल, जंगल, जमीन के संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाता आया है. यह समाज सनातन संस्कृति का सबसे बड़ा वाहक है और श्री राम, श्री कृष्ण तथा महादेव के आदर्शों पर चलता है’.

महिला सशक्तीकरण और झारखंड सरकार पर सवाल :

राष्ट्रीय मंत्री क्षमा शर्मा ने कहा कि देश की बेटियों को पुण्यशिला अहिल्या बाई होलकर और रानी लक्ष्मीबाई से प्रेरणा लेकर आत्मनिर्भर बनना चाहिए. झारखंड सरकार पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि युवाओं के प्रति सरकार को संवेदनशील होना पड़ेगा. बेरोजगारी, बांग्लादेशी घुसपैठ और छात्र संघ चुनाव न करवाने जैसे मुद्दों पर सरकार को ठोस कदम उठाने होंगे.

बेरोजगारी और झारखंड की चुनौतियों पर चर्चा :

प्रदेश मंत्री मनोज सोरेन ने कहा कि झारखंड में बेटी, रोटी और माटी तीनों संकट में हैं. राज्य की लड़कियां अपनी अस्मिता के लिए संघर्ष कर रहीं. कई घरों में खाने को रोटी नहीं और युवा रोजगार के लिए लाठी खा रहे हैं. प्रदेश सह मंत्री शुभम राय ने कहा कि झारखंड में ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेल, पैसे लेकर नौकरी बेचना और धर्मांतरण जैसे मुद्दे राज्य को खोखला कर रहे हैं. इन समस्याओं का समाधान किये बिना राज्य का विकास संभव नहीं है. रांची की छात्रा कार्यकर्ता रायना खान ने कहा कि हम सभी राम के वंशज हैं और हमारी जड़ें सनातन संस्कृति से जुड़ी हैं. मुस्लिम युवाओं को रज़िया सुल्तान और एपीजे अब्दुल कलाम से प्रेरणा लेनी चाहिए.

कार्यक्रम में विशेष उपस्थिति :

खुला अधिवेशन में क्षेत्रीय संगठन मंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ला, प्रांत संगठन मंत्री नीलेश कटारे, और अखिल भारतीय जनजातीय कार्य प्रमुख प्रमोद राउत सहित परिषद के अधिकारी के साथ ही धनबाद के विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में मौजूद थे.

समस्याओं पर चर्चा :

इससे पहले गोविंदपुर स्थित केके पॉलिटेक्निक परिसर में अधिवेशन के मुख्य कार्यक्रम स्थल पर अलग अलग सत्र का आयोजन किया गया. इसमें झारखंड की वर्तमान समस्याओं पर गंभीर चर्चा करते हुए समाधान के लिए ठोस मांगें उठाई गयी. रविवार को अभाविप का प्रांतीय अधिवेशन समाप्त हो जायेगा. अंतिम दिन विभिन्न सत्रों हुए चर्चा के दौरान लिए गये निर्णयों को पास किया जायेगा. इसके साथ ही अधिवेशन के अंतिम दिन अभाविप के पूर्व कार्यकर्ताओं का भी सम्मेलन होगा. इनमें रांची की पूर्व मेयर आशा लकड़ा, किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष पवन साहू के साथ विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे पूर्व कार्यकर्ता शामिल होंगे.

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