मुजफ्फरपुर नगर निगम बैठक में जलापूर्ति पर संग्राम! आपस में भिड़े पार्षद, बुलानी पड़ी पुलिस

देवेश कुमार/Meeting: मुजफ्फरपुर नगर निगम बोर्ड की बैठक में एक सप्ताह पहले जलापूर्ति बेहतर बताने वाले पार्षद जल संकट की समस्या सदन में गिना रहे थे. कुछ पार्षद जिन्होंने एक सप्ताह पूर्व सार्वजनिक रूप से जलापूर्ति व्यवस्था को बेहतर बताया था, सोमवार को सदन में अपने-अपने वार्डों में पेयजल संकट की शिकायत करने लगे. इस पर वार्ड नंबर 27 के पार्षद अजय ओझा, जो स्वयं शहर की जलापूर्ति समस्या को लेकर धरना और अनशन पर बैठे थे. उन्होंने अपने वार्ड की पेयजल संकट व सफाई की मुद्दा उठाने वाले पार्षदों को टोक दिया. ओझा ने कहा, जब मैं धरना और अनशन कर रहा था, तब इन्हीं पार्षदों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा था कि महापौर के नेतृत्व में बहुत अच्छा काम हो रहा है. कहीं कोई समस्या नहीं है.

धरना पर बैठे पार्षद के टोकने पर भड़का हंगामा

नगर निगम बढ़िया काम करना शुरू किया है, तब पार्षद अजय ओझा अनशन पर बैठ विरोध शुरू कर दिये हैं. उनका निजी राजनीतिक है. फिर आज ये पेयजल संकट पर क्यों आंसू बहा रहे हैं. पार्षद अजय ओझा के इतना कहते ही सार्वजनिक रूप से उनके अनशन और धरने का विरोध करने वाले पार्षद सदन में खड़े होकर हंगामा मचाने लगे. जल्द ही, पार्षद सनत कुमार सहित कई अन्य पार्षद भी अजय ओझा के समर्थन में आ गये, जिससे सदन में तू-तू, मैं-मैं की स्थिति बन गयी. लगभग पांच मिनट तक सदन ठप रहा. मीटिंग के दौरान उप महापौर डॉ मोनालिसा, एमएलसी बंशीधर ब्रजवासी, विधायक विजेंद्र चौधरी, नगर आयुक्त विक्रम विरकर आदि मौजूद थे.

बुलानी पड़ी महिला पुलिस, और भड़का आक्रोश

हंगामा इतना बढ़ गया कि नगर भवन के बाहर तैनात महिला पुलिसकर्मी को अंदर बुलाना पड़ा. पुलिसकर्मी को देखकर पार्षद और भी आक्रोशित हो गये. आनन-फानन में स्थानीय विधायक विजेंद्र चौधरी, पार्षद राजीव कुमार पंकू और संजय केजरीवाल ने हस्तक्षेप किया, जिसके बाद पुलिसकर्मी को बाहर भेजा गया और माहौल कुछ शांत हुआ.

नेम प्लेट हटाने व सीट में बदलाव पर मीटिंग का कर दिया बहिष्कार

हालांकि, शांति ज्यादा देर तक कायम नहीं रह सकी. बैठक के अंतिम क्षणों में, जब महापौर द्वारा रखे गये प्रस्ताव के अंतिम एजेंडा पर चर्चा हो रही थी, तब पार्षद राजीव कुमार पंकू अपनी सीट से नेम प्लेट हटाए जाने पर भड़क उठे. उन्होंने गुस्से में पूछा, जहां हम बैठते थे, वहां से मेरा नेम प्लेट किसने हटाया. इसके बाद उन्होंने बैठक का बहिष्कार करने की धमकी देते हुए हंगामा किया और बाहर निकल गये. उनके साथ कई अन्य पार्षद भी चलते बने. स्थिति को बिगड़ता देख महापौर निर्मला साहू ने तुरंत पहलगाम में शहीद हुए लोगों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा और बैठक समाप्त करने की घोषणा कर दी.

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