मुख्य जांच आयुक्त निदेशालय का गठन

सरकारी कर्मियों की अनुशासनिक कार्रवाई में आयेगी तेजी

संवाददाता,पटना

बिहार सरकारी सेवक नियमावली के प्रावधानों के तहत सरकारी सेवकों के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के संचालन, पर्यवेक्षण एवं निरीक्षण के कार्यों में अब तेजी और सटीकता आयेगी. इसके लिए मुख्य जांच आयुक्त निदेशालय का गठन और इसकी नियमावली भी बनायी गयी है. सामान्य प्रशासन विभाग की बिहार सरकारी सेवक नियमावली के प्रावधानों के तहत सरकारी सेवकों के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई का संचालन किया जाता है.अनुशासनिक कार्रवाई के क्रम में कई मामलों में कार्रवाई के संचालन में हुई प्रक्रियागत त्रुटियों के कारण सरकार को हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट असहज स्थिति का भी सामना करना पड़ता है. अनुशासनिक कार्रवाई की प्रक्रिया को त्रुटिरहित बनाने के लिए जांच निदेशालय का गठन किया गया है.

महानिदेशक सह मुख्य जांच आयुक्त में विभागाध्यक्ष की शक्ति होगी निहित : महानिदेशक सह मुख्य जांच आयुक्त में ही विभागाध्यक्ष की शक्ति निहित होगी. वहीं, प्रमंडल स्तर पर मदद के लिए संयुक्त जांच आयुक्त और जिला स्तर अपर समाहर्त्ता (विभागीय जांच) नोडल पदाधिकारी होंगे.सभी विभागों द्वारा संयुक्त सचिव से स्तर के एक पदाधिकारी को नोडल पदाधिकारी घोषित किया जायेगा.मुख्य जांच आयुक्त को वेतन स्तर-9 या इससे उच्च स्तर के पदाधिकारियों के विरुद्ध गंभीर आरोप यथा कदाचार, बेईमानी, गबन आदि से संबंधित मामले ही जांच के लिए सौंपे जायेंगे.अपर सचिव या इससे उच्च स्तर के पदाधिकारियों के विरुद्ध सामान्य आरोप के मामले भी मुख्य जांच आयुक्त को जांच के लिए सौंपा जा सकेगा.

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