मीरापुर विधानसभा उपचुनाव में ब्रांड इमेज का सवाल, सपा-भाजपा के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई

Meerapur By-Election: उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं. इन उपचुनावों को 2027 के विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है. हालांकि इन नतीजों का सरकार की स्थिरता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन राजनीतिक दृष्टि से यह ब्रांड इमेज को जरूर प्रभावित करेगा. इस सीट पर सपा-भाजपा के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई जारी है. मीरापुर विधानसभा सीट पश्चिमी उत्तर प्रदेश की एक महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है. मीरापुर विधानसभा क्षेत्र के वोटर 20 नवंबर दिन बुधवार की सुबह से शाम तक अपने अपने मतदान केंद्रों पर मतदान करेंगे. यहां राष्ट्रीय लोक दल का दबदबा तो जरूर है, लेकिन एकाधिकार नहीं कहा जा सकता. वैसे यह मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है और 40% मतदाता मुस्लिम हैं. लेकिन मुकाबला कतई एकतरफा नहीं है. पिछली बार विधानसभा चुनाव में सपा-आरएलडी गठबंधन के तहत आरएलडी प्रत्याशी चंदन चौहान जीते.

सपा-भाजपा के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई

2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा और आरएलडी का गठबंधन हुआ तो चंदन चौहान बिजनौर लोकसभा सीट से सांसद बने. इससे खाली मीरापुर सीट पर उपचुनाव हो रहा है. इस बार भाजपा और आरएलडी साथ हैं. आरएलडी ने मिथलेश पाल को प्रत्याशी बनाया है. मुकाबले में सपा ने जातीय समीकरणों के हिसाब से पूर्व सांसद कादिर राणा की बहू सुम्बुल राणा को टिकट दिया है. बसपा ने शाहनजर और आजाद समाज पार्टी ने जाहिद हुसैन को टिकट दिया है. मुख्य मुकाबला सपा और भाजपा के बीच होने के आसार हैं.

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जातीय वोटर

मुस्लिम- 1,35,000
एससी- 50,000
जाट- 38,000
अति पिछड़ा- 30,000
पाल- 20,000
सैनी- 20,000
गुर्जर- 15,000
चौहान- 7,000

मीरापुर में चप्पे-चप्पे पर पुलिस की नजर

मीरापुर विधानसभा उपचुनाव के लिए पोलिंग पार्टियां चुनाव सामग्री लेकर अपने अपने मदतान केंद्र पर पहुंच गयी है. वहीं मीरापुर उपचुनाव के लिए होने वाले मतदान को शांतिपूर्वक कराने के लिए मेरठ, बिजनौर और हरिद्वार जनपद की सीमा को सील कर दिया गया है. एसएसपी अभिषेक सिंह ने पुलिस जवान और अर्द्धसैनिक बलों के अधिकारियों को चुनाव आयोग के निर्देशों की जानकारी देकर मतदान निष्पक्ष कराने के साथ ही शरारती तत्वों से सख्ती से निबटने के आदेश दिए.

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