महत्तम समापवर्तक तथा लघुत्तम समापवर्त्य HCF and LCM
महत्तम समापवर्तक तथा लघुत्तम समापवर्त्य HCF and LCM
महत्तम समापवर्तक (Highest Common Factor, HCF)
दो या दो से अधिक संख्याओं का म.स. वह अधिकतम संख्या होती है जो दी गई सभी संख्याओं को पूर्णतः विभाजित करती है।
उदाहरण 18, 36 तथा 45 का म.स. 9 है, क्योंकि 9 वह अधिकतम संख्या है, जो इन सभी संख्याओं को पूर्णतः विभाजित करती है।
महत्तम समापवर्तक ज्ञात करने की विधियाँ (Methods to Find HCF)
महत्तम समापवर्तक ज्ञात करने की दो विधियाँ हैं
1. गुणनखण्ड विधि (Factorization Method) यह विधि निम्न उदाहरण द्वारा समझी जा सकती है
उदाहरण 28, 42 और 98 का म.स. ज्ञात कीजिए।
हल ∴ 28 = 2 × 2 × 7
42 = 2 x 3 x7
98 = 2 × 7 × 7
∴ 28, 42 और 98 का म.स. 2×7 = 14
2. भाग विधि (Division Method) इस विधि में दी गई दो संख्याओं में से बड़ी संख्या में छोटी संख्या से भाग दिया जाता है तथा शेषफल द्वारा भाजक में पुनः भाग दिया जाता है। यह क्रिया तब तक जारी रहती है, जब तक शेषफल शून्य न प्राप्त हो जाये । अन्तिम भाजक ही दी गई दो संख्याओं का म.स. होता है। दो से अधिक संख्याओं का म.स. निकालने में पहले दो संख्याओं का म.स. ज्ञात किया जाता है तथा इस म.स. का तीसरी संख्या के साथ म.स. निकालते हैं। यही म.स. तीनों संख्याओं का अभीष्ट म. स. होता है। यह विधि निम्न उदाहरण द्वारा समझी जा सकती है
उदाहरण 36, 54, 63 का म.स. ज्ञात कीजिए।
हल सर्वप्रथम 36 तथा 54 का म.स. इस विधि से निकालते हैं
लघुत्तम समापवर्त्य(Least Common Multiple, LCM)
वह छोटी-से-छोटी संख्या, जो दो या दो से अधिक संख्याओं में से प्रत्येक से पूर्णतया विभाजित हो जाती है, उन संख्याओं का लघुत्तम समापवर्त्य कहलाती हैं।
उदाहरण 3, 5 का लघुत्तम समापवर्त्य 15 है।
लघुत्तम समापवर्त्य ज्ञात करने की विधियाँ(Methods to Find LCM )
लघुत्तम समापवर्त्य ज्ञात करने की दो विधियाँ हैं
1. गुणनखण्ड विधि (Factorization Method) यह विधि निम्न उदाहरण द्वारा समझी जा सकती है।
उदाहरण 16, 24, 40,42 का ल.स. ज्ञात कीजिए।
हल 16 = 2 × 2 × 2 x 2 = 24
24 = 3 × 2 × 2 x 2 = 3 x 2³
40 = 5 x 2 x 2 x 2 = 5 x 2³
42 = 7 × 3 x 2 = 7 × 3 × 2
ल. स. = 24 x 3x5x7= 16 x 105 = 1680
2. भाग विधि (Division Method)इस विधि को निम्न उदाहरण द्वारा समझा जा सकता है
उदाहरण 36, 48 और 80 का ल.स. ज्ञात कीजिए ।
हल
2 | 36 , 48 , 80 |
2 | 18 , 24 , 40 |
2 | 9, 12 , 20 |
2 | 9 , 6 , 10 |
3 | 9 , 3 , 5 |
3 | 3 , 1 , 5 |
5 | 1 ,1 , 5 |
1 ,1 ,1 |
अतः 36, 48 और 80 का ल.स.
= 2 x 2 x 2 x 2 x 3x3x5= 720
इसमें संख्याओं को उभयनिष्ठ अभाज्य भाजकों द्वारा विभाजित किया जा सकता है तथा इस क्रिया की पुनरावृत्ति तब तक करते हैं, जब तक शेषफल एक प्राप्त हो। इन अभाज्य भाजकों का गुणनफल ही अभीष्ट ल. स. होगा।
महत्त्वपूर्ण तथ्य एवं सूत्र
♦ दशमलव संख्याओं का म.स. तथा ल.स. निकालने के लिए सर्वप्रथम सभी दी गई संख्याओं को समान दशमलव रूप में लिखते हैं। इन संख्याओं को प्राकृतिक संख्या मानकर इनका म.स. या ल.स. निकालते हैं। इसके बाद प्राप्त म.स. या ल.स. में दशमलव समान दशमलव रूप के अनुसार लगाया जाता है।
♦ यदि किन्ही संख्याओं में कोई उभयनिष्ठ गुणनखण्ड न हो, तो उनका म.स. 1 तथा ल.स. उनका गुणनफल होता है।
♦ भिन्नों का ल.स. = अंशों का ल.स./हरों का म. स.
♦ भिन्नों का म.स = अंशों का म. स./हरों का ल. स.
♦ पहली संख्या x दूसरी संख्या = ल.स. x म.स.
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