भालूओं की गिरफ्त में भारतीय बाजार, निफ्टी और सेंसेक्स धड़ाम
Share Market: प्रमुख सूचकांक, निफ्टी 50 और बीएसई सेंसेक्स ने शुरुआती सत्र में गिरावट दर्ज की, वही अधिकांश सेक्टरों में बिकवाली का दबाव बना रहा.
Share Market: भारतीय शेयर बाजार पर मंदी का दबाव लगातार बना हुआ है, क्योंकि निफ्टी और सेंसेक्स अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकियों के कारण गिरावट के साथ खुले. प्रमुख सूचकांक, निफ्टी 50 और बीएसई सेंसेक्स ने शुरुआती सत्र में गिरावट दर्ज की, वही अधिकांश सेक्टरों में बिकवाली का दबाव बना रहा. निफ्टी 50 इंडेक्स 22,821.10 अंकों पर खुला, जो 111.80 अंक या 0.49% की गिरावट दर्शाता है, जबकि बीएसई सेंसेक्स 75,672.84 पर खुला, जो 266.34 अंक नीचे था. बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की टैरिफ टिप्पणियां उनके द्वारा व्यापार वार्ता में दबाव बनाने और रियायतें हासिल करने की मंशा को दर्शाती हैं. इस अनिश्चितता के कारण निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई है.
ट्रंप की टैरिफ रणनीति का प्रभाव
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वी. के. विजयकुमार ने कहा, “ट्रंप की टैरिफ वार्ता बाजारों को प्रभावित कर रही है. अमेरिका द्वारा ऑटोमोबाइल, सेमीकंडक्टर और फार्मास्यूटिकल्स पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा से भारतीय फार्मा स्टॉक्स प्रभावित हुए, क्योंकि भारत की प्रमुख फार्मा कंपनियां अमेरिका को बड़े पैमाने पर निर्यात करती हैं. ऐसा प्रतीत होता है कि ट्रंप का उद्देश्य टैरिफ लागू करने से पहले बातचीत करना और रियायतें हासिल करना है. अब देखना होगा कि यह किस दिशा में आगे बढ़ता है.”
उन्होंने आगे कहा, “एक सकारात्मक खबर यह है कि आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में विकास में सुधार के संकेत दिए हैं. यह वृद्धि और आय में सुधार के लिए अच्छा संकेत है. बाजार उच्च आवृत्ति वाले डेटा को देखकर सकारात्मक प्रतिक्रिया देना शुरू कर सकता है. रक्षा क्षेत्र जैसे पिटे हुए मिडकैप शेयरों में कुछ खरीदारी देखी जा रही है.”
वैश्विक व्यापार तनाव से निवेशकों में चिंता
आरबीआई के विकास संकेतकों से बाजार को कुछ समर्थन मिल सकता है, लेकिन वैश्विक व्यापार तनाव और अनिश्चितता निवेशकों की धारणा पर भारी पड़ रही है.
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