भारत में माल खपाने की फिराक में चीन, सरकार ने किया तगड़ा इंतजाम
Trade War: अमेरिका की ओर से 145% रेसिप्रोकल टैरिफ लगाए जाने के बाद चीन के निर्यातक भारत में अपना माल खपा सकते हैं. केवल चीन ही नहीं, बल्कि वियतनाम भी अपना माल खपाने की फिराक में जुट सकता है. भारत सरकार ने आयात में असामान्य उछाल की आशंका को देखते हुए एक अंतर-मंत्रालयी ‘आयात वृद्धि निगरानी समूह’ का गठन किया है. यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है, जब अमेरिका ने चीन और वियतनाम जैसे देशों पर भारी टैरिफ लगा दिए हैं. इससे ये देश भारत को अपना अगला बड़ा बाजार बना सकते हैं.
वाणिज्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि इस निगरानी समूह में वाणिज्य विभाग, DGFT, CBIC और DPIIT के वरिष्ठ प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है. जरूरत पड़ने पर दूसरे मंत्रालयों से भी परामर्श लिया जाएगा.
डंपिंग का खतरा, सरकार पूरी तरह अलर्ट
वाणिज्य विभाग में अतिरिक्त सचिव एल सत्य श्रीनिवास ने बताया कि अमेरिका की ओर से चीनी उत्पादों पर 145% तक का टैरिफ लगाने के बाद चीन और दूसरे एशियाई देश अपने उत्पाद भारत में खपाने की कोशिश कर सकते हैं. इसके जवाब में चीन ने भी अमेरिकी सामानों पर 125% तक का शुल्क लगाया है, जिससे ट्रेड वॉर की स्थिति बन गई है.
भारत में कृषि उत्पादों पर असर
भारत में इस ट्रेड वॉर का असर अमेरिकी कृषि उत्पादों के सस्ते आयात के रूप में दिख सकता है, जिससे घरेलू उत्पादकों को नुकसान हो सकता है. यही कारण है कि सरकार संभावित डंपिंग या अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिसेज पर नजर बनाए हुए है.
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क्या है सरकार की रणनीति?
सरकार ने आयात के साप्ताहिक और मासिक ट्रेंड पर नजर रखने की व्यवस्था की है. अगर किसी वस्तु के आयात में अचानक वृद्धि होती है, तो उस पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी या सेफगार्ड टैरिफ लगाए जा सकते हैं. इस कदम का उद्देश्य देश में स्थानीय उद्योगों की रक्षा करना और गैर-जरूरी आयात को रोकना है.
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