भारत में बैठा था पाकिस्तान का एजेंट! एटीएस के हत्थे चढ़ा मस्जिद का इमाम
UP NEWS: उत्तर प्रदेश एटीएस (एंटी टेररिज्म स्क्वॉड) ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए एक ऐसे इमाम को हिरासत में लिया है, जो पाकिस्तान के एक संदिग्ध व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ा हुआ था. यह गिरफ्तारी तब हुई जब इमाम एक प्राइवेट बस में सफर कर रहा था. एटीएस ने गुप्त सूचना के आधार पर बस को बीच रास्ते में रोककर इमाम को हिरासत में ले लिया। इस पूरी कार्रवाई ने सुरक्षा एजेंसियों में हलचल मचा दी है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, गिरफ्तार किया गया इमाम उत्तर प्रदेश के एक जिले की मस्जिद में पिछले कुछ वर्षों से इमामत कर रहा था. उसके खिलाफ खुफिया एजेंसियों को लंबे समय से इनपुट मिल रहे थे कि वह पाकिस्तान स्थित कुछ कट्टरपंथी संगठनों से जुड़े व्हाट्सएप ग्रुप में सक्रिय है. जांच में सामने आया है कि वह ग्रुप में लगातार देश विरोधी कंटेंट को पढ़ता, साझा करता और उस पर प्रतिक्रिया भी देता था.
भारत के खिलाफ नफ़रत फैलाने की कोशिश
सूत्रों के मुताबिक, यह व्हाट्सएप ग्रुप पाकिस्तान में बैठे कुछ ऐसे लोगों द्वारा संचालित किया जा रहा है, जो भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं. इस ग्रुप के माध्यम से युवाओं को कट्टरपंथ की ओर उकसाने, फर्जी सूचनाएं फैलाने और भारत के खिलाफ नफरत फैलाने का प्रयास किया जा रहा था.
इमाम की गतिविधियों पर लंबे समय से नजर रखी जा रही थी. उसके मोबाइल फोन की निगरानी के दौरान पाया गया कि वह ग्रुप में लगातार सक्रिय था. इतना ही नहीं, वह कई बार ग्रुप में मौजूद अन्य सदस्यों से भारत की सुरक्षा व्यवस्था, धार्मिक मुद्दों और संवेदनशील विषयों पर बातचीत करता था. उसके फोन से कुछ ऑडियो क्लिप्स, वीडियो, और चैट्स भी बरामद हुए हैं, जिनमें भारत विरोधी भावनाएं स्पष्ट रूप से देखी जा सकती हैं.
बीच रास्ते बस रोक हुई गिरफ्तारी
एटीएस की टीम ने जैसे ही पुख्ता सबूत इकट्ठे किए, तुरंत कार्रवाई करते हुए बस को रास्ते में रोककर इमाम को हिरासत में लिया. उसके पास से मोबाइल फोन, कुछ कागजात और अन्य डिजिटल उपकरण जब्त किए गए हैं. इन सभी सामग्रियों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है, जिससे पता चल सके कि उसने और किन लोगों से संपर्क किया है और क्या कोई नेटवर्क भारत में भी सक्रिय है.
प्राथमिक जांच में यह भी सामने आया है कि इमाम सिर्फ ग्रुप में मौजूद नहीं था, बल्कि वह ग्रुप के अन्य सदस्यों को भारत के भीतर संपर्क सूत्र देने की कोशिश भी कर रहा था. इस मामले में एटीएस ने कई और संदिग्धों की सूची तैयार की है, जिनकी जांच की जा रही है.
एटीएस के अधिकारी ने बताया है
एटीएस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह मामला सिर्फ साइबर क्राइम का नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मसला है. आरोपी से गहन पूछताछ की जा रही है और उसके मोबाइल फोन में मिले डेटा के आधार पर कई अन्य लिंक खंगाले जा रहे हैं. अगर आवश्यक हुआ, तो राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NIA) भी इस मामले में शामिल हो सकती है. फिलहाल आरोपी को अदालत में पेश करने की तैयारी की जा रही है. उस पर आईटी एक्ट, देशद्रोह और अन्य गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाएगा. इस गिरफ्तारी ने साफ कर दिया है कि सोशल मीडिया के जरिए देशविरोधी गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिशें अभी भी जारी हैं, और सुरक्षा एजेंसियां सतर्कता से इन पर निगरानी बनाए हुए हैं.
फिलहाल यह मामला सुरक्षा एजेंसियों के प्रारंभिक इनपुट और जांच पर आधारित है. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, इस मामले में और भी महत्वपूर्ण खुलासे होने की संभावना है.