भारत छोड़कर भागने की तैयारी में था साइबर ठग, पुलिस ने ऐसे जाल बिछाकर फिल्मी अंदाज में धर दबोचा
Cyber Crime : आरपीएफ ने धनबाद स्टेशन से एक साइबर ठग को पकड़ा है. पकड़ा गया युवक एनाइस्लामपुर झरिया निवासी नियाज अंसारी का बेटा समीर अंसारी है. उसे शक्तिपुंज एक्सप्रेस पकड़कर हावड़ा जाना था. हावड़ा से फ्लाइट लेकर चेन्नई और वहां से वह कोलंबो (श्रीलंका) भागने की फिराक में था. इसी बीच उसे पकड़ लिया गया.
समीर अंसारी के खाते से हुए करोड़ों के ट्रांजेक्शन
समीर अंसारी के खाते से करोड़ों का ट्रांजेक्शन हुआ है. हाल में ही बेकारबांध के रहने वाले एक व्यक्ति के खाते से भी 49 लाख रुपये की ठगी की गयी थी. यह राशि भी समीर के खाते में आयी थी. बुधवार की देर रात साइबर पुलिस उसे अपने साथ ले गयी है. उसके खिलाफ रांची साइबर थाना में 25 जुलाई को कांड संख्या 179/24 दर्ज है. उसपर धारा 318(4), 319(2), 336(3), 338, 340(2), 61 बीएनएस तथा धारा 66(बी), 66(सी), 66(1) आइटी एक्ट दर्ज है.
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आरपीएफ ने बिछाया था जाल
रांची साइबर सेल की डीएसपी नेहा वाला ने आरपीएफ के प्रभारी निरीक्षक पंकज कुमार को सूचना दी कि मो समीर अंसारी साइबर अपराधी है. वह शक्तिपूंज या शताब्दी एक्सप्रेस से धनबाद से हावड़ा जाने वाला है. उन्होंने उसकी तस्वीर भी भेजी. इसके बाद प्रभारी निरीक्षक के नेतृत्व में रेसुब पोस्ट धनबाद के अधिकारी व जवानों ने सादे लिबास में धनबाद स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या सात व आठ की घेराबंदी कर चेकिंग शुरू की. इसी दौरान आपीएफ को रांची से समीर का लोकेशन दिया गया, जो धनबाद स्टेशन के आसपास दिख रहा था. शक्तिपूंज एक्सप्रेस के धनबाद स्टेशन पर आने पर कालका छोर ब्रिज के पास फोटो से उसकी पहचान की गयी. उसके बाद उसे पकड़ लिया गया.
पहचान के लिए उसका फोटाे लेकर रांची भेजा गया
पकड़ाये युवक की पहचान कराने के लिए उसका फोटो लेकर रांची साइबर सेल में भेजा गया. डीएसपी ने उसकी पहचान समीर अंसारी के रूप में की. इसके बाद देर रात साइबर थाना रांची के पुलिस निरीक्षक मनोज कुमार राय दल बल के साथ आरपीएफ धनबाद पोस्ट पहुंचे. प्रक्रिया पूरी कर उसे सौंप दिया गया.
सिमकार्ड पोर्ट कराने में पकड़ाया
मो समीर अंसारी के पास जो नंबर है, उसका नेटवर्क श्रीलंका में नहीं है. उसने नंबर पोर्ट कराने के लिए आवेदन किया था. इसपर उस सिमकार्ड कंपनी की ओर से उसे फोन किया गया था. पोर्ट कराने का कारण पूछा गया, तो उसने श्रीलंका जाने की बात कही. इसके बाद ही मामले की जानकारी साइबर थाना रांची को दी गयी.