भारत-चीन के कारोबार में जबरदस्त उछाल, लेकिन दुनिया में आर्थिक मंदी की आशंका

India-China Trade Growth: सीमा विवाद की वजह से भारत और चीन के भले ही कूटनीतिक खटास चल रही हो, लेकिन कारोबारी माहौल अब भी दुरुस्त है. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट की मानें, तो साल 2024 की चौथी तिमाही में भारत और चीन के बीच हुए द्विपक्षीय कारोबार में जबरदस्त उछाल आया है. संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 2024 की चौथी तिमाही में विकासशील देशों खासकर, भारत और चीन के व्यापार में मजबूत बढ़ोतरी देखी गई है. यह रिपोर्ट “संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास” (यूएनसीटीएडी) की ओर से जारी की गई है, जो मार्च तक के आंकड़ों पर आधारित है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2024 में वैश्विक व्यापार में करीब 9% की वृद्धि हुई, जो कुल 33,000 अरब डॉलर तक पहुंच गई. इस वृद्धि में भारत और चीन की अहम भूमिका रही, जबकि कई विकसित देशों में व्यापार में गिरावट आई है.

भारत और चीन का व्यापार प्रदर्शन

रिपोर्ट के मुताबिक, चीन और भारत ने 2024 की चौथी तिमाही में औसत से बेहतर व्यापार प्रदर्शन किया। खासतौर पर, इन दोनों देशों में निर्यात में वृद्धि जारी रही। भारत ने चौथी तिमाही में माल व्यापार में 8% की तिमाही आयात वृद्धि और 6% की वार्षिक आयात वृद्धि दर्ज की। वहीं, निर्यात में तिमाही आधार पर 7% और वार्षिक आधार पर 2% की वृद्धि हुई। यह वृद्धि यह संकेत देती है कि भारतीय व्यापारिक क्षेत्र मजबूत है, खासतौर पर चीनी और अन्य वैश्विक व्यापार साझेदारों के साथ। इसके अलावा, भारत के सेवा व्यापार में भी वृद्धि जारी रही, हालांकि यह वृद्धि वार्षिक आंकड़ों की तुलना में धीमी रही।

विकसित देशों का व्यापार संकुचन

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अमेरिका जैसे प्रमुख वैश्विक खिलाड़ी ने आयात वृद्धि में सकारात्मक रुझान देखा, जबकि निर्यात में गिरावट आई. जापान, रूस, दक्षिण अफ्रीका और यूरोपीय संघ में आयात वृद्धि नकारात्मक रही. इस सब के बीच चीन और भारत की मजबूत व्यापारिक वृद्धि ने वैश्विक आर्थिक परिदृश्य को एक सकारात्मक दिशा दी है.

इसे भी पढ़ें: ब्रायन लारा के पास कितनी है संपत्ति, जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में बनाया है 400 रन का रिकॉर्ड

आर्थिक मंदी की चेतावनी

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में एक चेतावनी भी दी गई है. इसमें कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर आर्थिक मंदी का खतरा बढ़ सकता है, जो आने वाली तिमाहियों में विकसित देशों के व्यापार को प्रभावित कर सकता है. इस मंदी का असर विश्वव्यापी व्यापार पर पड़ेगा, खासतौर पर उन देशों में जो अभी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं.

इसे भी पढ़ें: Unsuccess Story: कभी भारत की सबसे सस्ती फ्लाइट थी किंगफिशर, विजय माल्या की विलासिता में हो गई तबाह

विकासशील देशों का सेवा व्यापार

रिपोर्ट के अनुसार, चीन और भारत के अलावा दूसरे विकासशील देशों ने भी व्यापार में सकारात्मक वृद्धि दिखाई. भारत और दक्षिण अफ्रीका के लिए सेवा व्यापार में मजबूत वृद्धि देखी गई, जबकि अन्य देशों में यह रुझान स्थिर रहा. सेवा व्यापार के आंकड़े यह दिखाते हैं कि अधिकांश देशों के लिए यह क्षेत्र स्थिर और मजबूत रहा है, लेकिन वैश्विक मंदी की आशंका के बावजूद विकासशील देशों के लिए यह एक आशाजनक संकेत है.

इसे भी पढ़ें: इरफान पठान की पत्नी सबा बेग के पास कितनी है संपत्ति, मॉडलिंग से कितनी है कमाई?

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Related articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *