भारत का भूगोल

भारत का भूगोल

1. सामान्य जानकारी
◆ भारत उत्तरी गोलार्द्ध में 8°4′ – 37°6′ उत्तरी अक्षांश और 68°7’ – 97°25. पूर्वी देशान्तर के बीच स्थित है ।
◆ सम्पूर्ण भारत का अक्षांशीय विस्तार 6° 4′-37°6′ उत्तरी अक्षांश के मध्य है ।
◆ भारत का क्षेत्रफल 32 लाख 87 हजार 263 वर्ग किमी है ।
◆  क्षेत्रफल के दृष्टिकोण से भारत विश्व का 7वां सबसे बड़ा देश है, जबकि जनसंख्या के दृष्टिकोण से यह विश्व का दूसरा सबसे बड़ा देश है । क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत से बड़े छ: देश हैं—रूस, कनाडा, चीन, सं० रा० अमेरिका, ब्राजील एवं आस्ट्रेलिया । ( 8वां बड़ा देश अर्जेण्टीना)
◆  भारत का क्षेत्रफल सम्पूर्ण विश्व के क्षेत्रफल का 2.42% है, जबकि इसकी जनसंख्या सम्पूर्ण विश्व की जनसंख्या का 17.5% है । (2011 ई० की जनगणना के अनुसार )
◆ जनसंख्या की दृष्टि से विश्व के 8 बड़े देश हैं—चीन, भारत, सं०, रा० अमेरिका, इण्डोनेशिया, ब्राजील, पाकिस्तान, बांग्लादेश एवं रूस ।
◆ भारत का उत्तर से दक्षिण में विस्तार 3,214 किमी हैं व पूरब से पश्चिम में विस्तार 2, 933 किमी है ।
◆  भारत की स्थल- सीमा की लम्बाई 15,200 किमी है । इसके तटीय भाग की लम्बाई 7516.5 किमी है; परन्तु मुख्य भूमि के तटीय भाग की लम्बाई 6100 किमी है ।
◆ भारत की स्थल सीमा पर पाकिस्तान, अफगानिस्तान, चीन, नेपाल, भूटान, म्यांमार और बांग्लादेश हैं, जिसके साथ भारत की सीमा की लम्बाई क्रमश: 3,310 किमी, 80 किमी, 3,917 किमी, 1,752 किमी, 587 किमी, 1,458 किमी एवं 4, 096 किमी है।
◆ भारत का सबसे दक्षिणी बिन्दु इन्दिरा प्वाइन्ट है। यह निकोबार द्वीप समूह में स्थित है पहले इसका नाम पिगमिलयन प्वाइन्ट था। यह भूमध्य रेखा से 876 किमी दूर है। भारत के सबसे उत्तरी बिन्दु इन्दिरा-कॉल जम्मू-कश्मीर राज्य में है । ।
◆  कोलाबा प्वाइन्ट मुम्बई में, प्वाइन्ट कालीमेरे तमिलनाडु में एवं प्वाइन्ट पेड्रो जाफना (श्रीलंका के उत्तर पूर्व) में है ।
◆  भारत एवं चीन की सीमा को मैकमोहन रेखा कहते हैं । यह रेखा 1914 ई० में शिमला में निर्धारित की गयी थी । इसकी उत्तरी-पूर्वी सीमा की लम्बाई लगभग 4224 किमी है।
◆ भारत और अफ़गानिस्तान के बीच डुरण्ड रेखा है, जो 1896 में सर डुरण्ड द्वारा निर्धारित की गई थी । अब यह रेखा अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान के बीच है ।
◆  भारत एवं पाकिस्तान के बीच रेडक्लिफ रेखा है, जो 15 अगस्त 1947 ई० को सर एम० रेडक्लिफ के द्वारा निर्धारित की गई थी ।
◆ दक्षिण में श्रीलंका भारत से पाक जलसंधि तथा मन्नार की खाड़ी द्वारा अलग होता है।
◆ श्रीलंका के बाद भारत का दूसरा निकटतम समुद्री पड़ोसी देश इंडोनेशिया है, जो निकोबार द्वीप समूह के अन्तिम द्वीप ग्रेट निकोबार के दक्षिण में स्थित हैं ।
◆ भारत का मानक समय इलाहाबाद के निकट मिर्जापुर से गुजरनेवाली 82 1°/2 पूर्वी देशान्तर  रेखा  को माना गया है, जो ग्रीनविच समय से 5½ घंटा आगे है ।
◆  कर्क रेखा लगभग भारत के मध्य से गुजरती है। यह निम्न राज्यों से होकर जाती है राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, प० बंगाल, त्रिपुरा एवं मिजोरम |
◆ भारतीय उपमहाद्वीप में सम्मिलित देश हैं—भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल व भृटान ।
◆  भारतीय राज्यों में गुजरात राज्य की तटरेखा सर्वाधिक लम्बी (1663 किमी) है । इसके बाद आन्ध्र प्रदेश की तटरेखा लम्बी है। भारत के 9 राज्य तटरेखा से लगे हैं ।
◆  पाकिस्तान एवं भारत की सीमा को स्पर्श करनेवाले भारतीय राज्य हैं- जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान
तथा गुजरात |
◆  भारत एवं चीन की सीमा से सटे राज्य हैं.. उत्तराखण्ड जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम तथा अरुणाचल प्रदेश ।
◆  म्यांमार की सीमा को स्पर्श करने वाले भारतीय राज्य हैं-अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर तथा मिजोरम ।
◆ बांग्लादेश की सीमा से सटे भारतीय राज्य हैंमिजोरम, त्रिपुरा, असम, मेघालय एवं प० बंगाल |
◆ पूर्वोत्तर भारतीय राज्यों में नगालैंड, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश एवं सिक्किम की सीमाएँ बांग्लादेश से नहीं मिलती हैं ।
◆ जोजिला दर्रे का निर्माण सिंधु नदी द्वारा, शिपकीला का निर्माण सतलज नदी द्वारा एवं जैलेप्ला का निर्माण तिस्ता नदी द्वारा हुआ है।
◆ जम्मू-कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में स्थित काराकोरम दर्रा भारत का सबसे ऊँचा दर्रा (5624 मी०) है। यहाँ से चीन को जाने वाली एक सड़क बनाई गयी है ।
◆  बुर्जिल दर्रा श्रीनगर से गिलगित को जोड़ती है।
◆  बनिहाल दर्रे से जम्मू से श्रीनगर जाने का मार्ग गुजरता है। जवाहर सुरंग इसी में स्थित है।
◆  शिपकीला दर्रा शिमला में तिब्बत को जोड़ता है ।
◆ तीन अर्द्ध-चन्द्राकार समुद्र तट कन्याकुमारी में मिलते हैं । .
2. भारत का भौतिक स्वरूप
◆ देश के कुल क्षेत्रफल के 10.7% भाग पर उच्च पर्वत श्रेणियाँ हैं, जिनकी ऊँचाई समुद्रतल से 2,135 मी० या उससे अधिक है। 305 मी० से 2,135 मी० की ऊँचाई वाली पहाड़ियाँ 18.6% भू-भाग पर फैली हैं । 43% भू-भाग पर विस्तृत मैदान का विस्तार है ।
◆ भौतिक रचना तथा धरातल के स्वरूप के अनुसार भारत को पाँच भागों में बाँटा गया है; यथा-(i) उत्तरी पर्वतीय मैदान, (ii) विशाल मैदान, (iii) प्रायद्वीपीय पठार, (iv) मरुस्थलीय प्रदेश और (v) समुद्रतटीय मैदान।
◆ भू-वैज्ञानिकों के मतानुसार जहाँ आज हिमालय पहाड़ है, वहा टिथिस नामक उथला समुद्र था ।
◆ हिमालय की उत्पत्ति के संबंध में आधुनिक सिद्धान्त प्लेट विवर्तनिकी (Plate tectonics) है।
◆ अरावली की पहाड़ियाँ राजस्थान राज्य में है यह सबसे पुरानी चटाटनो से बनी है। इस पहाड़ी की सब से  ऊँची चोटी माण्उट आबू पर स्थित गुरुशिखर है । इसकी ऊँचाई 1,722 मी० है । अरावली के पश्चिमी की ओर से माही एवं लूनी नदी निकलती है । लूनी नदी कच्छ के रण में गायब हो जाती है। अरावली के पूर्व की ओर बनास नद्री निकलती है ।
नोट: वैसी नदी जो जमीन में ही लुप्त हो जाती है, उसे The river of ephemeral कहते हैं ।
◆ मालवा का पठार, मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ राज्य में है । यह ज्वालामुखीय चट्टानों का बना हुआ है । इससे चम्बल और बेतवा नदी निकलती है ।
◆ विंध्याचल का पठार झारखंड, उत्तर प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ राज्य में है । यह परतदार चट्टानों । का बना है । विंध्याचल पवर्तमाला उत्तर भारत को दक्षिण भारत से अलग करता है ।
◆ मैकाल पठार छत्तीसगढ़ में है। मैकाल पहाड़ी का सर्वोच्च शिखर अमरकंटक (1306 मी) है । यह पुरानी चट्टानों का बना एक ब्लॉक पर्वत है । इसके पश्चिम की ओर से नर्मदा नदी, उत्तर की ओर से सोन नदी और दक्षिण की तरफ से महानदी निकलती है ।
◆  छोटानागपुर स्थित राँची का पठार सम्प्राय मैदान का उदाहरण है।   छोटानागपुर पठार को ‘भारत का रूर’ भी कहा जाता है, क्योंकि खनिज भंडार की दृष्टि से यह भारत का सबसे सम्पन्न प्रदेश है ।
◆ सतपुड़ा की पहाड़ियाँ मध्य प्रदेश राज्य में है। ये ज्वालामुखीय इनकी सबसे ऊँची चोटी धूपगढ़ी (1350 मी०) है, जो महादेव पर्वत पूर्वी हिस्से से ताप्ती नदी निकलती है ।
◆ पश्चिमी घाट यह पर्वत ताप्ती नदी के मुहाने से लेकर कुमारी अंतरीप तक लगभग 1600 किमी में विस्तृत है । इसकी औसत ऊँचाई 1200 मीटर दर्रा ऊ० (मी०) पश्चिमी घाट से उत्तर में गुजरात के सौराष्ट्र प्रदेश में गिर की पहाड़ियाँ मिलती हैं जो •एशियाई सिंह के लिए विख्यात है।
◆ दक्कन का पठार महाराष्ट्र राज्य में है। यह ज्वालामुखीय बेसाल्ट चट्टानों का बना है J यह काली मिट्टी का क्षेत्र है। इसके पश्चिमी हिस्से में सहयाद्रि की पहाड़ी है। सहयाद्रि की सबसे ऊँटी चोटी काल्सुबाई है। इस पठार के पूर्वी भाग को विदर्भ कहा जाता है।
◆ धारवाड़ का पठार कर्नाटक राज्य में है। यह परिवर्तित चदानों से बना है। इस पठार के पश्चिमी भाग में बाबाबुदन की पहाड़ी तथा ब्रह्मगिरी की पहाड़ी है ।
◆ नीलगिरि की पहाड़ी तमिलनाडु में है, जो एक ब्लॉक पर्वत है। यह मुख्यत: चानोकाइट पठार से बनी है। इसकी सबसे ऊँटी चोटी डोडाबेट्टा (2637 मी०) है, जो दक्षिण भारत . की दूसरी सबसे ऊँची चोटी है। उटकमंड इसी पहाड़ी पर है।
◆ तमिलनाडु राज्य में निलगिरि के दक्षिण भाग में पाल घाट है। पाल घाट गैप (Pal gihat gap) पश्चिम एवं पूर्वी घाट का मिलन स्थल है। अर्थात् पूर्वी घाट एवं पश्चिमी मिलन स्थल पर नीलगिरि पहाड़ी स्थित है ।
◆ दक्षिण भारत की सबसे ऊँची चोटी अनैमुदि है, जिसकी ऊँचाई 2696 मी० है । यह अन्नमलाई की पहाड़ी पर स्थित है।
नोट: अनैमुदि तीन पहाड़ियों का केन्द्र बिन्दु है। यहाँ से तीन पहाड़ी शृंखलाएँ तीन दिशाओं में जाती है। दक्षिण की ओर इलायची (कार्डामम) की पहाड़ियाँ, उत्तर की ओर अन्नामलाई की पहाड़ियाँ तथा उत्तर-पूर्व की ओर पालनी की पहाड़ियाँ हैं। प्रसिद्ध पर्यटक स्थल ‘कोडायकनाल’ पालनी पहाड़ी में ही स्थित है। यह तमिलनाडु में स्थित है I
◆ आन्ध्र प्रदेश और उड़ीसा के तटीय भाग में महन्द्रगिरि की पहाड़ी है ।
◆ भारत के पूर्वी समुद्री तट को निम्न भागों में बाँटा गया है- 1. कन्याकुमारी से कृष्णा डेल्टा तक का तट कोरोमंडल तट 2. कृष्णा डेल्टा से गोदावरी डेल्टा तक का तट गोलकुंडा तट एवं 3. गोदावरी डेल्टा से लेकर उत्तरी तटीय भाग को उत्तरी सरकार तट कहलाता है ।
◆ भारत के पूर्वी तट पर स्थित प्रमुख बन्दरगाह हैं—पारादीप (ओडिशा) कोलकाता (पo बंगाल), विशाखापत्तनम (आन्ध्र प्रदेश), चेन्नई, तूतीकोरिन एवं एन्नौर (तमिलनाडु)
◆ विशाखापत्तनम् बन्दरगाह डॉल्फिन नोज पहाड़ी के पीछे सुरक्षित है ।
◆ पूर्वी तट पर स्थित प्रमुख लैगून है: पुलिकट (चेन्नई), चिल्का (पुरी) तथा कोलेरू (आन्ध्र प्रदेश)।
नोट: लैगून – समुद्र क्षेत्र में तटीय क्षेत्र का पानी स्थल भाग में घुस जाता है और धीरे-धीरे बालू का अवरोध खड़ा कर देने पर स्थलीय क्षेत्र का जलीय भाग समुद्र से अलग हो जाता है । इसी जलीय आकृति को लैगून कहतें हैं ।
◆ भारत के पश्चिमी तट को निम्न भागों में बाँटा गया है— 1. गुजरात से गोवा तक का तटीय क्षेत्र कोकण तट, 2. गोवा से कनार्टक के मंगलोर तक का तटीय क्षेत्र केनरा तट तथा 3. मंगलौर से कन्याकुमारी तक का तटीय क्षेत्र मालाबार तट कहलाता है।
◆ भारत के पश्चिमी तट पर स्थित प्रमुख बंदरगाह हैं—–कांडला (गुजरात), मुम्बई (महाराष्ट्र), मार्मागोवा (गोवा), मंगलौर (कर्नाटक), कोच्चि (केरल), न्हावाशेवा (महाराष्ट्र) । मालाबार तट पर अनेक पश्च जल है, जिसे स्थानीय भाषा में कयाल (Kyal) कहते हैं ।
◆ भारत में दो द्वीप-समूह हैं—(i) अंडमान-निकोबार द्वीप समूह (ii) लक्षद्वीप समूह ।
◆ अंडमान-निकोबार द्वीप समूह बंगाल की खाड़ी में स्थित है। इसमें करीब 247 छोटे-छोटे द्वीप हैं । निकोबार में 19 द्वीप है । ये द्वीप वास्तव में समुद्र में डुबे हुए पर्वत के शिखर : हैं । लैंडफॉल द्वीप अंडमान-निकोबार द्वीप समूह का सबसे उत्तरी द्वीप है । कोको जलमार्ग इसे म्यांमार के कोको द्वीप से अलग करता है, जहाँ चीन ने निगरानी तंत्र लगाया हुआ है ।
◆ बंगाल की खाड़ी में नदियों ने जलोढ़ मिट्टी के निक्षेप द्वारा कई द्वीपों का निर्माण किया ( । हुगली के निकट 20 किमी लम्बा सागर द्वीप है, जिसे गंगासागर के नाम से जाना जाता है । यहाँ न्यू मूर नामक द्वीप का निर्माण हाल में ही हुआ हैं 1
◆ अंडमान-निकोबार द्वीप समूह की सबसे ऊँची पर्वत चोटी सैडल पीक (730 मी०) है । ने
◆  माउण्ट हेरियट दक्षिण अंडमान में तथा माउण्टथुलियर निकोबार द्वीप समूह में स्थित है।
◆  केन्द्रशासित प्रदेश का सबसे बड़ा पत्तन (बन्दरगाह) पोर्ट ब्लेयर दक्षिणी अंडमान 1 है ।
◆  नेल्लोर के निकट श्रीहरिकोटा प्रवाल निर्मित द्वीप है। पुलीकट झील इसी द्वीप द्वारा समुद्र से विलग है ।
◆ लक्षद्वीप द्वीप-समूह अरब सागर में स्थित है। इसमें कुल 36 द्वीप हैं । इसमें केवल दस द्वीप पर ही आबादी है। आण्ड्रेट लक्षद्वीप का सबसे बड़ा द्वीप है। पिटली द्वीप, जहाँ मनुष्य का निवास नहीं हैं, वहाँ एक पक्षी-अभ्यारण्य है ।
◆ पम्बन द्वीप मन्नार की खाड़ी में स्थित है ।
◆ भारत में बैरन तथा नारकोंडम नामक दो प्रसिद्ध ज्वालामुखी द्वीप हैं। बैरन द्वीप ( अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूह में) एक सक्रिय ज्वालामुखी है, जबकि नारकोंडम दो सुषुप्त ज्वालामुखी है ।
3. भारत की नदियाँ 
◆ उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में 3,900 मी० की ऊँचाई पर गोमुख के निकट गंगोत्री हिमानी गंगा का उद्गम स्रोत है । यहाँ इसे भागीरथी कहते हैं ।
◆ अलकनंदा का उद्गम स्रोत बद्रीनाथ के ऊपर सतोपंथ हिमानी (अलकापुरी हिमनद) में है
◆ गंगा नदी का नाम गंगा देवप्रयाग के बाद पड़ता है, जहाँ अलकनंदा एवं भागीरथी आपस में मिलती है । गंगा हरिद्वार के निकट मैदानी भाग में प्रवेश करती है ।
◆  गंगा नदी बांग्लादेश में पद्मा के नाम से बहती है। ब्रह्मपुत्र नदी बांग्लादेश में जमुना के नाम से बहती है और पाबना के पूर्व गोलुंडोघाट के पास पद्मा से मिलती है और इसकी सम्मिलित धारा को पद्मा कहते हैं। आगे बहती हुई जब यह नदी चाँदपुर के उत्तर पहुँचती है तो मेघना इससे आकर मिलती है तब यह मेघना के नाम से बहती हुई कई जल – वितरिकाओं में बँटती हुई समुद्र में मिल जाती है ।
◆ शिंधु भारत में केवल जम्मू एवं कश्मीर राज्य से होकर बहती है। भारत एवं पाकिस्तान सिन्धु जल समझौता संधि (1960 ई०) के अनुसार भारत इस नदी प्रक्रम के सम्पूर्ण जन का केवल 20% जल उपयोग कर सकता है
◆ प्रायद्वीपीय नदियों का उत्तर से दक्षिण की ओर क्रम महानदी, गोदावरी, कृष्णा, पेन्नार, कावेरी एवं वैगाई ।
◆ प्रायद्वीपीय नदियों का लम्बाई के अनुसार घटता क्रम- -गोदावरी, कृष्णा, नर्मदा, महानदी, कावेरी एवं ताप्ती ।
4. भारत की प्रमुख झीलें 
◆ भारत की सबसे बड़ी झील चिल्का झील (उड़ीसा) है, जो खारे पानी की एक लैगून झील है । यहाँ नौसेना का प्रशिक्षण केन्द्र भी है ।
◆ भारत में सबसे बड़ी मीठे पानी की झील वूलर झील (जम्मू-कश्मीर ) है ।
◆  भारत की सबसे बड़ी कृत्रिम झील गोविन्द सागर झील पंजाब के रोपड़ जिले में सतलज नदी पर भाखड़ा नांगल बाँध से निर्मित हुआ है ।
◆ बॉलसन – पहाड़ियों से घिरे अभिकेन्द्री अपवाह वाले विस्तृत समतल गर्त को बॉलसन कहते हैं ।
◆ प्लाया- चौरस सतह तथा अनप्रवाहित द्रोणी वाली छोटी झीलों को प्लाया कहते हैं। इसमें वर्षा की पानी जमा होती है, परन्तु जल्दी ही भाप बन कर उड़ जाती है ।
◆  सांभर एवं डीडवाना थार मरुस्थल के पूर्वी सिरे पर खारे पानी की झील है । सांभर झील बॉलसन का, डीडवाना झील प्लाया का उदाहरण है ।
◆ भारत में सबसे अधिक ऊँचाई पर स्थित झील पंचपोखरी (उत्तराखण्ड ) है ।
◆  महाराष्ट्र के बुलढ़ाना जिले में स्थित लोनार झील ज्वालामुखी उद्गार से बनी झील है।
5. भारत की जलवायु
◆ जलवायु – किसी क्षेत्र में लम्बे समय तक जो मौसम की स्थित होती है, उसे उस स्थान की जलवायु कहते हैं। भारत की जलवायु उष्णकटिबंधीय मानसूनी जलवायु है ।
◆  मौसम-किसी स्थान पर थोड़े समय की, जैसे एक दिन या एक सप्ताह की वायुमंडलीय अवस्थाओं को वहाँ का मौसम कहते हैं ।
भारत में मौसम संबंधी सेवा सन् 1875 ई० में आरंभ की गई थी; तब इसका मुख्यालय शिमला में था । प्रथम विश्व युद्ध के बाद इसका मुख्यालय पुणे लाया गया । अब भारत के मौसम संबंधी मानचित्र वहीं से प्रकाशित होते हैं ।
◆ भारतीय जलवायु को मानसून के अलावे प्रभावित करनेवाले दो प्रमुख कारक हैं
(i) उत्तर में हिमालय पर्वत-इसकी उपस्थिति के कारण मध्य एशिया से आने वाली शीतल .हवाएँ भारत में नहीं आ पाती हैं ।
(ii) दक्षिण में हिन्द महासागर- इसकी उपस्थिति एवं भूमध्य रेखा की समीपता के कारण उष्णकटिबंधीय जलवायु अपने आदर्श स्वरूप में पायी जाती है ।
◆ मानसूनी पवनों द्वारा समय-समय पर अपनी दिशा पूर्णतया बदल लेने के कारण भारत में निम्न चार ऋतु चक्रवत पायी जाती है –
(i) शीत ऋतु ( 15 दिस० से 15 मार्च तक)
 (ii) वर्षा ऋतु ( 16 जून से 15 सितम्बर )
 (ili) ग्रीष्म ऋतु (16मार्च से 15 जून तक )
(iv) शरद ऋतु ( 16 दिसम्बर से 14 दिस० )
नोट- ये तिथियाँ एक सामान्य सीमा रेखा को तय करती हैं, मानसून पवनों के आगमन एवं प्रत्यावर्त्तन में होने वाला विलंब इनको पर्याप्त रूप से प्रभावित करता है ।
◆ उ० भारत के मैदानी भागों में शीत ऋतु में वर्षा प० विक्षोभ या जेट स्ट्रीम के कारण होती है ।
◆ ‘जाड़े के दिनों में (जनवरी-फरवरी महीने में) तमिलनाडु के तटों पर वर्षा लौटती हुई मानसून
या उत्तरी-पूर्वी मानसून के कारण होती है ।
◆ ग्रीष्म ऋतु में असम एवं पश्चिम बंगाल राज्यों में तीव्र आर्द्र हवाएँ चलने लगती हैं, जिनसे गरज के साथ वर्षा हो जाती है। इन हवाओं को पूर्वी भारत में नारवेस्टर एवं बंगाल में काल वैशाखी के नाम से जाना जाता है। कर्नाटक में इसे चेरी ब्लास्म कहा जाता है, जो कॉफी की कृषि के लिए लाभदायक होता है। आम की फसल के लिए लाभदायक होने के कारण इसे दक्षिण भारत में आम्र-वर्षा (Mango Shower) कहते हैं ।
◆ उत्तर-पश्चिम भारत के शुष्क भागों में ग्रीष्म ऋतु में चलने वाली गर्म एवं शुष्क हवाओं को ‘लू’ (Loo) कहा जाता है ।
◆ वर्षा ऋतु में उत्तर-पश्चिमी भारत तथा पाकिस्तान में जाता है, जिसे मानसून गर्त कहते हैं । इसी समय उत्तरी अंत: उष्ण अभिसरण (NITC) उत्तर की ओर ख्रिसकने लगती है, जिसके कारण विषुवत् रेखीय पछुआ पवन एवं दक्षिणी गोलार्द्ध की दक्षिणी-पूर्वी वाणिज्यिक पवन विषुवत् रेखा को पार कर फेरेल के नियम का अनुसरण करते हुए भारत में प्रवाहित होने लगती है, जिसे दक्षिण-पश्चिम मानसून के नाम से जाना जाता है। भारत की अधिकांश वर्षा ( लगभग 80% ) इसी मानसून से होती है ।
◆ भारत की प्रायद्वीपीय आकृति के कारण दक्षिण-पश्चिम के मानसून दो शाखाओं में विभाजित हो जाता है—(i) अरब सागर की शाखा तथा (ii) बंगाल की खाड़ी की शाखा ।
◆ अरब सागर शाखा का मानसून सबसे पहले भारत के केरल राज्य में जून के प्रथम सप्ताह में आता है । यहाँ यह पश्चिमी घाट पर्वत से टकरा कर केरल के तटों पर वर्षा करती है। इसे मानसून प्रस्फोट (Monsoon brust) कहा जाता है ।
◆ गारो, खासी एवं जयंतिया पहाड़ियों पर बंगाल की खाड़ी से आने वाली हवाएँ (द०-प० मानसून की शाखा) अधिक वर्षा लाती है, जिसके कारण यहाँ स्थित मासिनराम (मेघालय) विश्व में सर्वाधिक वर्षा प्राप्त करने वाला स्थान है। (लंगभग 1,141 सेमी०)
◆ मानसून की अरब सागर शाखा तुलनात्मक रूप से अधिक शक्तिशाली होती है । दक्षिण-पश्चिम मानसून द्वारा लाये कुल आर्द्रता का 65% भाग अरब सागर से एवं 35% भाग बंगाल की खाड़ी से आता है ।
◆ अरब सागरीय मानसून की एक शाखा सिन्ध नदी के डेल्टा क्षेत्र से आगे बढ़कर राजस्थान के मरुस्थल से होती हुई सीधे हिमालय पर्वत से जा टकराती है एवं वहाँ धर्मशाला के निकट अधिक वर्षा कराती है। राजस्थान में इसके मार्ग में अवरोध न होने के कारण वर्षा का अभाव पाया जाता है, क्योंकि अरावली पर्वतमाला इसके समानान्तर पड़ती है ।
◆ तमिलनाडु पश्चिमी घाट के पर्वत वृष्टि छाया क्षेत्र में पड़ता है। अतः यहाँ दक्षिण-पश्चिम मानसून द्वारा काफी कम वर्षा होती है ।
◆ शरद ऋतु को मानसून प्रत्यावर्तन का काल (Retreating Monsoon Season) कहा जाता है । इस ऋतु में बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की उत्पत्ति होती है। इन चक्रवातों से पूर्वी तटीय क्षेत्रों में मुख्यतः आन्ध्र प्रदेश एवं ओड़िशा तथा पश्चिमी तटीय क्षेत्र में गुजरात में काफी क्षति पहुँचती है ।
6. भारत की मिट्टी
◆  मिट्टी के अध्ययन के विज्ञान को मृदा विज्ञान (pedology) कहा जाता है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् ने भारत की मिट्टियों को आठ वर्गों में विभाजित किया है, जो निम्न है—
 1. जलोढ़ मिट्टी (Alluvial soil)
2. काली मिट्टी (Black soil)
3. लाल मिट्टी ( Red soil )
4. लेटेराइट मिट्टी ( Laterite soil)
5. मरुस्थलीय मिट्टी (Desert soil)
6. क्षारीय मिट्टी (Alkaline soil)
7. पीटमय और जैव मिट्टी (Peas soil)
8. वनीय मिट्टी (Forest soil)
1. जलोढ़ मिट्टी (Alluvial soil) –
◆  यह मिट्टी भारत के लगभग 22% प्रतिशत क्षेत्रफल पर पाई जाती हैं ।
◆  यह नदियों द्वारा लायी गयी मिट्टी है । इस मिट्टी में पोटाश की बहुलता होती है, लेकिन नाइट्रोजन, फॉस्फोरस एवं ह्यूमस की कमी होती है ।
◆  यह दो प्रकार की होती है- (i) बांगर (Bangar) और (ii) खादर (Khadar)।
◆  पुराने जलोढ़ मिट्टी को बांगर तथा नयी जलोढ़ मिट्टी को खादर कहा जाता है ।
◆ जलोढ़ मिट्टी उर्वरता के दृष्टिकोण से काफी अच्छी मानी जाती है । इसमें धान, गेहूँ, मक्का, तिलहन, दलहन, आलू आदि फसलें उगायी जाती हैं
2. काली मिट्टी (Black soil) 
◆  इसका निर्माण बेसाल्ट चट्टानों के टूटने-फूटने से होता है। इसमें आयरन, चूना, एल्युमीनियम एवं मैग्नेशियम की बहुलता होती है ।  इस मिट्टी का काला रंग टिटेनीफेरस मैग्नेटाइट एवं जीवांश (Humus) की उपस्थिति के कारण होता है ।
◆ इस मिट्टी को रेगुर मिट्टी के नाम से भी जाना जाता है ।
◆  कपास की खेती के लिए यह सर्वाधिक उपयुक्त होती है । अतः इसे काली कपास की मिट्टी (Black cotton soil) भी कहा जाता है। अन्य फसलों में गेहूँ, ज्वार, बाजरा आदि को उगाया जाता है ।
◆ भारत में काली मिट्टी गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र, ओड़िशा के दक्षिणी क्षेत्र, कर्नाटक के उत्तरी जिला, आन्ध्र प्रदेश के दक्षिणी एवं समुद्रतटीय क्षेत्र, तमिलनाडु के सलेम, रामनाथपुरम, कोयम्बटूर तथ तिरुनलवैली जिलों एवं राजस्थान के बूँदी एवं टोक जिलों में पायी जाती है ।
3. लाल मिट्टी (Red soil)
◆ इसका निर्माण जलवायविक परिवर्त्तनों के परिणामस्वरूप रवेदार एवं कायान्तरित शैलों के विघटन एवं वियोजन से होता है। इस मिट्टी में सिलिका एवं आयरन की बहुलता होती है।
◆ लाल मिट्टी का लाल रंग लौह ऑक्साइड की उपस्थिति के कारण होता है, लेकिन जलयोजित रूप में यह पीली दिखाई पड़ती है।
◆  यह अम्लीय प्रकृति की मिट्टी होती है। इसमें नाइट्रोजन, फॉस्फोरस एवं ह्यूमस की कमी होती है । यह मिट्टी प्राय: उर्वरता – विहीन बंजरभूमि के रूप में पायी जाती है ।
◆  इस मिट्टी में कपास, गेहूँ, दालें तथा मोटे अनाजों की कृषि की जाती है ।
◆ भारत में यह मिट्टी आन्ध्र प्रदेश एवं मध्य प्रदेश के पूर्वीभाग, छोटानागपुर के पठारी क्षेत्र, प० बंगाल के उत्तरी-पश्चिमी जिलों, मेघालय की गारो, खासी एवं जयन्तिया के पहाड़ी क्षेत्रों, नगालैंड, राजस्थान में अरावली के पूर्वी क्षेत्र, महाराष्ट्र, तमिलनाडु एवं कर्नाटक के कुछ भागों में पायी जाती है ।
◆  चूना का इस्तेमाल कर लाल मिट्टी की उर्वरता बढ़ायी जा सकती है ।
4. लेटेराइट मिट्टी (Laterite soil)
◆  इसका निर्माण मानसूनी जलवायु की आर्द्रता एवं शुष्कता के क्रमिक परिवर्तन के परिणामस्वरूप उत्पन्न विशिष्ट परिस्थितियों में होता है। इसमें आयरन एवं सिलिका की बहुलता होती है ।
◆  शैलों के टूट-फूट से निर्मित होने वाली इस मिट्टी को गहरी लाल लेटेराइट, सफेद लेटेराइट तथा भूमिगत जलवायी लेटेराइट के रूप में वर्गीकृत किया जाता है ।
◆  गहरी लाल लेटेराइट में लौह ऑक्साइड तथा पोटाश की बहुलता होती है । इसकी उवर्रता कम होती है, लेकिन निचले भाग में कुछ खेती की जाती है ।
◆  सफेद लेटेराइट की उर्वरता सबसे कम होती है और केओलिन के कारण इसका रंग सफेद होता है। भूमिगत जलवायी लेटेराइट काफी उपजाऊ होती है, क्योंकि वर्षाकाल में लौह ऑक्साइड जल के साथ घुलकर नीचे चले जाते हैं ।
◆  लेटेराइट मिट्टी चाय की खेती के लिए सर्वाधिक उपयुक्त होती है ।
7. भारत की कृषि
◆  भारत के कुल क्षेत्रफल के लगभग 51% भाग पर कृषि, 4% भू-भाग पर चरागाह, लगभग 21% भूमि पर वन एवं 24% भूमि बंजर तथा बिना उपयोग की हैं ।
◆  देश की कुल श्रम शक्ति का लगभग 52% भाग कृषि एवं इससे संबंधित उद्योग-धन्धों से अपनी आजीविका चलाता है। 2011-12 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का योगदान 14.1% है ।
◆ 2004-05 में भारत में निर्यात में कृषि और उससे संबंधित वस्तुओं का अनुपात लगभग 40% है । (14.% कृषि पदार्थ एवं 25% कृषि से निर्मित वस्तुएँ यथा, पटसन एवं कपड़ा)
◆  विश्व में चावल उत्पादन में चीन के बाद भारत का दूसरा स्थान है। भारत में खद्यान्नों के अन्तर्गत आने वाले कुल क्षेत्र के 47% भाग पर चावल की खेती की जाती है ।
◆ विश्व में गेहूँ उत्पादन में चीन के बाद भारत का दूसरा स्थान है। देश की कुल कृषि योग्य की खेती की जाती हैं । भूमि के लगभग 15% भाग पर गेहूँ
◆  देश में गेहूँ के उत्पादन में उत्तर प्रदेश का प्रथम स्थान है, जबकि प्रति हेक्टेयर उत्पादन में पंजाब का स्थान प्रथम है ।
◆  हरित क्रांति का सबसे अधिक प्रभाव गेहूँ और चावल की कृषि पर पड़ा है, की तुलना में गेहूँ के उत्पादन में अधिक वृद्धि हुई । परन्तु चावल
◆ भारत में हरित क्रांति (Green revolution) लाने का श्रेय डॉ० एम० एस० स्वामीनाथन को जाता है। भारत में हरित क्रांति की शुरुआत 1967-68 ई० में हुई ।।
◆  प्रथम हरित क्रांति के बाद 1983-84 ई० में द्वितीय हरित क्रांति की शुरुआत हुई, जिसमें अधिक अनाज उत्पादन, निवेश एवं कृषकों की दी जाने वाली सेवाओं का विस्तार हुआ ।
◆  तिलहन प्रौद्योगिकी मिशन की स्थापना 1986 ई० में हुई ।
◆  भारत विश्व में उर्वरकों का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता देश है ।
◆  पोटाशियम उर्वरक का पूरी तरह आयात किया जाता है ।
◆  आम, केला, चीकू, खट्टे नींबू, काजू, नारियल, काली मिर्च, अदरक, हल्दी के उत्पादन में भारत का स्थान विश्व में पहला है ।
◆  फलों एवं सब्जियों के उत्पादन में भारत का स्थान विश्व में दूसरा है । (प्रथम-चीन)
ऋतुओं के आधार पर फसलों का वर्गीकरण 
1. रबी की फसल — यह अक्टूबर-नवम्बर में बोयी जाती है और मार्च-अप्रैल में काट ली जाती है । इसकी मुख्य फसलें हैं— गेहूँ, जौ, चना, मटर, सरसों, आलू, राई आदि ।
2. खरीफ फसल — यह जून-जुलाई में बोयी जाती है, और नवम्बर – सितम्बर में काट ली जाती है । इसकी मुख्य फसलें हैं— धान, गन्ना, तिलहन, ज्वार, बाजरा, मक्का, अरहर आदि ।
3. गरमा फसल – यह मई-जून में बोयी जाती है और जुलाई-अगस्त में काट ली जाती है । इसकी मुख्य फसलें हैं—राई, मक्का, ज्वार, जूट और मडुआ ।
8. भारत में सिंचाई 
◆ भारत में सिंचाई परियोजनाओं को तीन भागों में विभाजित किया गया है । ये हैं-1. वृहत् सिंचाई परियोजना 2. मध्यम सिंचाई परियोजनाएँ 3. लघु सिंचाई परियोजना
◆ वृहत् सिंचाई परियोजना के अन्तर्गत वे परियोजनाएँ सम्मिलित की जाती है, जिसके अन्तर्गत 10,000 हेक्टेयर से अधिक कृषि योग्य भूमि हो ।
◆ मध्यम सिंचाई परियोजना के अन्तर्गत वे परियोजनाएँ सम्मिलित की जाती हैं, जिसके अन्तर्गत 2,000 से 10,000 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि हो ।
◆ लघु सिंचाई परियोजना के अन्तर्गत वे परियोजना सम्मिलित की जाती है, जिसके अन्तर्गत 2,000 हेक्टेयर से कम कृषि योग्य भूमि हो ।
◆  वर्तमान समय में भारत की कुल सिंचित क्षेत्र का 37% बड़ी एवं मध्यम सिंचाई परियोजना के अधीन तथा 63% छोटी सिंचाई योजनाओं के अधीन है ।
◆  विश्व का सर्वाधिक सिंचित क्षेत्र चीन (21%) में है ।
◆  विश्व का दूसरा सर्वाधिक सिंचित क्षेत्र भारत (20.2% ) में है ।
◆  भारत में शुद्ध बोए गए क्षेत्र (1360 लाख हेक्टेयर) के लगभग 33% भाग पर सिंचाई की. सुविधा उपलब्ध है ।
◆ वर्तमान समय में कुआँ और नलकूप भारत में सिंचाई का प्रमुख साधन है ।
◆ देश में सर्वाधिक नलकूप व पम्पसेट तमिलानाडु ( 18% ) में पाए जाते हैं, महाराष्ट्र ( 15.6% ) का दूसरा स्थान है। केवल नलकूपों की सर्वाधिक सघनता वाला राज्य उत्तर प्रदेश है ।
◆ प्रायद्वीपीय भारत में सिंचाई का प्रमुख साधन तालाब है । तालाब द्वारा सर्वाधिक सिंचाई तमिलनाडु राज्य में की जाती है ।
9. भारत के खनिज संसाधन
◆ भारत में खनिजों के सर्वेक्षण एवं विकास के लिए जीओलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया जिसका मुख्यालय कोलकाता में है तथा भारतीय खान ब्यूरो जिसका मुख्यालय नागपुर. है, जिम्मेदार है ।
1. लौह-इस्पात उद्योग
◆ देश में पहला लौह इस्पात कारखाना 1874 ई० में कुल्टी (प० बंगाल) नामक स्थान पर बराकर लौह कम्पनी के रूप में स्थापित किया गया था ।
◆  देश में सबसे पहला बड़े पैमाने का कारखाना 1907 ई० में तत्कालीन बिहार राज्य में स्वर्णरेखा नदी की घाटी में साकची नामक स्थान पर जमशेदजी टाटा द्वारा स्थापित किया गाया था।
◆ सावंत्रता के पूर्व स्थापित लौह इस्पात कारखाना
1. भारतीय लौह इस्पात कम्पनी– इसकी स्थापना 1908 ई० में प० बंगाल के दामोदर नदी घाटी में हीरापुर नामक स्थान पर की गयी थी ।
2. मैसूर आयरन एण्ड स्टील वर्क्स— 1923 ई० में मैसूर राज्य (वर्तमान कर्नाटक) के भद्रावती नामक स्थान पर स्थापित की गयी थी । इसका वर्तमान नाम विश्वेश्वरैया आयरन एण्ड स्टील कम्पनी लिमिटेड (VISCL) है ।
3. स्टील कार्पोरेशन ऑफ बंगाल— इसकी स्थापना 1937 ई० में बर्नपुर (प० बंगाल) में की गयी । बाद में 1953 ई० में इसे भारतीय लौह-इस्पात कम्पनी में मिला दिया गया ।
◆ स्वतंत्रता के पश्चात् स्थापित लौह इस्पात कारखाना
1. दूसरी पंचवर्षीय योजना काल (1956-61 ई०) में स्थापित कारखाना
(i)  भिलाई इस्पात संयंत्र – इसकी स्थापना 1955 ई० में तत्कालीन मध्य प्रदेश के भिलाई (दुर्ग जिला) में पूर्व सोवियत संघ की सहायता से की गयी थी ।
(ii) हिन्दुस्तान स्टील लिमिटेड, राउरकेला— इसकी स्थापना 1953 ई० में ओड़िशा के राउरकेला नामक स्थान पर पश्चिमी जर्मनी की सहायता से की गयी थी ।
(iii) हिन्दुस्तान स्टील लिमिटेड, दुर्गापुर– इसकी स्थापना 1956 ई० में प० बंगाल के दुर्गापुर नामक स्थान पर ब्रिटेन की सहायता से की गयी थी ।
2. तृतीय पंचवर्षीय योजना काल में स्थापित कारखाना
(i) बोकारो स्टील प्लान्ट–इसकी स्थापना 1968 ई० में तत्कालीन बिहार राज्य के बोकारो नामक स्थान पर पूर्व सोवियत संघ की सहायता से की गई थी ।
3. चौथी पंचवर्षीय योजना काल में स्थापित कारखाना
 (i) सलेम इस्पात संयंत्र सलेम (तमिलनाडु)।
(ii) विश वापत्तनम इस्पात संयंत्र-विशाखापत्तनम (आन्ध्र प्रदेश) ।
(iii) विजयनगर इस्पात संयंत्र – हास्पेट बेलारी जिला (कर्नाटक)
◆  स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAIL)– 1974 में सरकार ने स्टील अथॉरिटी ऑफ कम्पनी (SAIL) की स्थापना की। दुर्गापुर, भिलाई, राउरकेला, बोकारो, बर्नपुर, सलेम, विश्वेश्वरैया आयरन स्टील कम्पनी का प्रबंधन इसी के अधीन है ।
2. एल्मीनियम उद्योग
◆ भारत में एल्युमीनियम का पहला कारखाना 1937 ई० के प० बंगाल में आसनसोल के निकट जे० के० नगर में स्थापित किया गया था ।
◆  1938 ई० में चार कारखाने, तत्कालीन बिहार राज्य में मुरी, केरल के अलवाये, प० बंगाल के बेलूर तथा उड़ीसा के हीराकुंड में स्थापित किए गए
◆  हिन्दुस्तान एल्युमीनियम कार्पोरेशन (हिण्डाल्को) की स्थापना तत्कालीन म० प्रदेश के कोरबा नामक स्थान पर की गयी ।
◆  मद्रास एल्युमीनियम कम्पनी तमिलनाडु के मैटूर नामक स्थान पर स्थापित की गयी ।
 3. सूती वस्त्र उद्योग
◆ आधुनिक ढंग से सूती वस्त्र की पहली मिल की स्थापना 1818 ई० में कोलकाता के समीप फोर्ट ग्लास्टर में की गयी थी किन्तु यह असफल रही थी ।
◆  सबसे पहला सफल आधुनिक सूती कपड़ा कारखाना 1854 ई० में बम्बई में कवासजी डावर द्वारा खोला गया, जिसमें 1856 ई० से उत्पादन प्रारंभ हुआ ।
◆  सूती वस्त्र उद्योग का सर्वाधिक केन्द्रीकरण महाराष्ट्र एवं गुजरात राज्य में है। अन्य प्रमुख राज्य हैं— प० बंगाल, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, आन्ध्र प्रदेश, केरल, उत्तर प्रदेश ।
◆ मुम्बई को भारत के सूती वस्त्रों की राजधानी के उपनाम से जाना जाता है ।
◆ कानपुर को उत्तर भारत का मैनचेस्टर कहा जाता है ।
◆ कोयम्बटूर को दक्षिण भारत का मैनचेस्टर कहा जाता है ।
◆ अहमदाबाद को भारत का बोस्टन कहा जाता है ।
4. जूट उद्योग
◆ सोने का रेशा ( Golden fibre) के नाम से मशहूर जूट के रेशों से सामानों का निर्माण करने में भारत का विश्व में प्रथम स्थान प्राप्त है ।
◆ इसका पहला कारखाना कोलकाता के समीप रिशरा नामक स्थान में 1859 ई० में लगाया गया था ।
◆ भारतीय जूट निगम की स्थापना 1971 ई० में जूट के आयात निर्यात एवं आन्तरिक बाजार की देखभाल के लिए की गयी है ।
◆ भारत सम्पूर्ण विश्व के 35% जूट के सामानों का निर्माण करता है ।
5. चीनी उद्योग
◆ यह उद्योग मुख्यतः उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, प० बंगाल एवं राजस्थान राज्य में है। इन राज्यों के निम्न शहर चीनी उद्योग से संबंधित हैं-
6. सीमेन्ट उद्योग
◆  विश्व में सबसे पहले आधुनिक रूप से सीमेन्ट का निर्माण 1824 ई० में ब्रिटेन के पोर्टलैंड नामक स्थान पर किया गया था ।
◆ भारत में आधुनिक ढंग से सीमेन्ट बनाने का पहला कारखाना 1904 ई० में मद्रास लगाया गया था, जो असफल रहा ।
◆ मद्रास के कारखाने के बाद 1912-13 ई० की अवधि में इंडियन सीमेन्ट कम्पनी लि० द्वारा गुजरात के पोरबन्दर नामक स्थान पर कारखाने की स्थापना की गयी, जिसमें 1914 ई० से उत्पादन प्रारंभ हुआ ।
◆ एसोसिएट सीमेन्ट कम्पनी लि० (A.C.C.) की स्थापना 1936 ई० में की गयी थी।
◆  राजस्थान भारत का सबसे बड़ा सीमेन्ट उत्पादक राज्य है ।
7. कागज उद्योग
◆ आधुनिक ढंग से भारत में कागज का पहला कारखाना सन् 1916 ई० में मद्रास के समीप ट्रंकवार नामक स्थान पर डॉ० विलियम कोर द्वारा स्थापित किया गया, जो असफल रहा।
◆  कागज का पहला सफल कारखाना 1879 ई० में लखनऊ में लगाया गया ।
◆ पश्चिम बंगाल भारत का सबसे बड़ा कागज उत्पादक राज्य है ।
8. रासायनिक उर्वरक उद्योग
◆  ऐतिहासिक रूप से देश में सुपर फॉस्फेट उर्वरक का पहला कारखाना 1906 ई० में तमिलनाडु के रानीपेट नामक स्थान पर स्थापित किया गया था ।
◆  1944 ई० में कर्नाटक के बैलेगुला नामक स्थान पर मॅसेर केमिकल्स एण्ड फर्टिलाइजर्स के नाम से अमोनिया उर्वरक का कारखाना लगाया गया ।
◆  1947 ई० में अमोनियम सल्फेट का पहला कारखाना केरल के अल्वाय नामक स्थान पर खोला गया ।
◆ भारतीय उर्वरक निगम की स्थापना 1951 ई० में की गयी, जिसके तहत एशिया का सबसे बड़ा उर्वरक संयंत्र सिन्दरी में स्थापित किया गया ।
◆  भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा रासायनिक उर्वरक उत्पादक एवं उपभोक्ता है ।
◆  भारत पोटाश उर्वरक के लिए पूरी तरह आयात पर निर्भर है ।
◆ भारत में नाइट्रोजनी उर्वरक की खपत सबसे अधिक है ।
◆ भारत के प्रमुख रासायनिक उर्वरक उत्पादक राज्य
9. जलयान- निर्माण
◆ भारत में जलयान- निर्माण का प्रथम कारखाना 1941 ई० में सिन्धिया स्टीम नेवीगेशन कंपनी द्वारा विशाखापत्तनम में स्थापित किया गया था। 1952 ई० में भारत सरकार द्वारा – इसका अधिग्रहण करके हिन्दुस्तान शिपयार्ड विशाखापत्तनम नाम दिया गया
◆ सार्वजनिक क्षेत्र की अन्य इकाइयाँ जो जलयानों का निर्माण करती हैं..
(i) गार्डेनरीच वर्कशॉप लि० – कोलकाता (प० बंगाल)
(ii) गोवा शिपयार्ड लि०- गोना
(iii) मँझगाँव डाक लि०–मुम्बई (महाराष्ट्र) ।
10. वायुयान – निर्माण उद्योग
◆ भारत में वायुयान – निर्माण का प्रथम कारखाना 1940 ई० में बंगलुरू में हिन्दुस्तान एअरक्राफ्ट कम्पनी के नाम से स्थापित किया गया है। अब इसे हिन्दुस्तान एअरोनॉटिक्स लि० के नाम से जाना जाता है। आज बंगलुरू में ही इसकी पाँच इकाइयाँ तथा कोरापुर, कोरावाँ, नासिक, बैरकपुर, लखनऊ, हैदराबाद तथा कानपुर में एक-एक इकाइयाँ वायुयानों के निर्माण कार्य में संलग्न है ।
11. मोटरगाड़ी उद्योग
◆  मोटरगाड़ी उद्योग को विकास उद्योग के नाम से जाना जाता है ।
◆  इस उद्योग से संबंधित प्रमुख इकाइयाँ हैं – हिन्दुस्तान मोटर (कोलकाता), प्रीमीयर ओटोमोबाइल्स लि० (मुम्बई) अशोक लिलैण्ड (चेन्नई), टाटा इंजीनियरिंग एण्ड लोकोमोटिव क० लि० (जमशेदपुर), महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा लि० (पुणे), मारुति उद्योग लि० गुड़गाँव (हरियाणा), सनराइज इण्डस्ट्रीज ( बंगलुरू) |
12. शीशा उद्योग
◆ भारत में शीशा उद्योग का केन्द्रीयकरण रेल की सुविधा वाले स्थानों में देखने में मिलता है । इस उद्योग का विकास मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र एवं तमिलनाडु राज्य में हुआ है ।
◆ फिरोजबाद एवं शिकोहाबाद भारत में शीशा उद्योगा के महत्त्वपूर्ण केन्द्र हैं ।
13. दवा – निर्माण उद्योग
◆ प्रमुख स्थान – मुम्बई, दिल्ली, कानपुर, हरिद्वार, ऋषिकेश, अहमदाबाद, पुणे, पिम्परी (पेन्सिलीन), मथुरा, हैदराबाद आदि ।
14. अभियान्त्रिकी उद्योग
◆ प्रमुख स्थान – हटिया (राँची), दुर्गापुर, विशाखापत्तनम, नैनी (इलाहाबाद), बंगलुरू, अजमेर, जादवपुर (कोलकाता) आदि ।
◆ भारी इंजीनियरिंग निगम लि० (H.E.C.) राँची की स्थापना 1958 ई० में की गयी थी ।
15, रेल उपकरण उद्योग
◆ भारत रेल के इंजनों, सवारी डिब्बों तथा माल ढोने वाले डिब्बों के निर्माण में पूर्णतया आत्मनिर्भर है ।
◆ चितरंजन (पश्चिम बंगाल) रेल के इंजन बनाने का सबसे पुराना कारखाना है । इस कारखाने की स्थापना 26 जनवरी, 1950 के दिन चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स के नाम से हुई । वर्तमान में वहाँ विद्युत इंजन का निर्माण हो रहा है ।
◆ डीजल से चलने वाले इंजनों का निर्माण वाराणसी में होता है ।
◆ रेलवे इंजन निर्माण का कार्य जमशेदपुर (झारखंड) में भी होता है ।
◆  रेल के डिब्बे बनाने का प्रमुख केन्द्र चेन्नई के समीप पैराम्बूर नामक स्थान परं सन् । 1925 में स्थापित किया गया है । इसके अन्य प्रमुख केन्द्र बंगलुरू तथा कोलकाता है। पंजाब के कपूरथला में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री की स्थापना की गई है । –
16. बिजली के सामान – भोपाल, हरिद्वार (रानीपुर), हैदराबाद के निकट रामचन्द्रपुरम, तिरुचिरापल्ली एवं कोलकाता ।
17. टेलीफोन उद्योग – बंगलौर एवं रूपनारायणपुर (कोलकाता)
18. ऊनी वस्त्र
◆ भारत में ऊन की पहली मिल 1876 ई० में कानपुर में स्थापित की गई, परन्तु इस उद्योग का वास्तविक विकास 1950 ई० के बाद ही हुआ है ।
◆ वर्तमान समय में ऊनी वस्त्र मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र एवं गुजरात राज्यों में स्थित हैं ।
◆  पंजाब में लुधियाना, जालंधर, धारीवाल, अमृतसर महत्त्वपूर्ण केन्द्र हैं ।
19. रेशम उद्योग
◆ भारत एक ऐसा देश है, जहाँ शहतूती, एरी, तसर एवं मूंगा सभी चार किस्मों की रेशम का उत्पादन होता है ।
◆ भारत का दो तिहाई शहतूती रेशम कर्नाटक से प्राप्त होता है ।
◆ गैर शहतूती रेशम मुख्यतः असम, बिहार और मध्य प्रदेश से प्राप्त होता है ।
20. चर्म उद्योग
◆ भारत में चर्म उद्योग के मुख्य केन्द्र कानपुर, आगरा, मुम्बई, कोलकाता, पटना तथा बंगलुरू है।
◆ कानपुर चर्म उद्योग का सबसे बड़ा केन्द्र है। यह जूते बनाने के लिए प्रसिद्ध है ।
◆ आगरा में चर्म उद्योग के लगभग 150 कारखाने हैं.
12. भारत में परिवहन
1. सड़क परिवहन
◆ भारत दुनिया के सबसे बड़ी सड़क-प्रणाली वाले देशों में से एक है। देश में सड़कों की कुल लम्बाई लगभग 41 लाख किमी० है ।
(i) राष्ट्रीय राजमार्ग – इसके निर्माण, प्रबन्धन एवं रख-रखाव की जिम्मेदारी भारत सरकार द्वारा निभायी जाती है । इनका नियंत्रण केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जाता है । वर्तमान में इसके तहत 70,934 किमी० (स्रोत NHAI) लम्बी सड़कें शामिल हैं । यह सम्पूर्ण देश के सड़कों के कुल लम्बाई का लगभग 1.7% है, जो सड़क परिवहन का लगभग 40% यातायात सम्पन्न कराती है ।
◆ भारत का सबसे लम्बा राष्ट्रीय राजमार्ग-7 है जो उत्तर प्रदेश में 128 किमी०, मध्य प्रदेश में 504 किमी०, महाराष्ट्र में 232 किमी०, आन्ध्र प्रदेश में 753 किमी०, कर्नाटक में 125 किमी०, तमिलनाडु में 627 किमी० ( कुल 2,369 किमी०) लम्बी है ।
◆ राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 1 और 2 को सम्मिलित रूप से ग्रांड ट्रंक रोड कहा जाता है।
◆ राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 1A में जवाहर सुरंग स्थित है। यह राजमार्ग जालंधर से जम्मू एवं श्रीनगर होते हुए उरी तक जाती है । जम्मू और श्रीनगर को जोड़ने वाले बनिहाल दर्रे में ही जवाहर सुरंग स्थित है ।
◆ विश्व की सबसे ऊँची सड़क मनाली लेह राजमार्ग है । .
◆ भारत का सबसे छोटा राष्ट्रीय राजमार्ग 47-A है, जिसकी लम्बाई मात्र 6 किमी० है ।
◆ स्वर्णिम चतुर्भुज योजना के अन्तर्गत 5,846 किमी लम्बे राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा चार महानगरों दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई एवं कोलकाता को जोड़ा जाएगा ।
◆  राष्ट्रीय राजमार्ग विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत बनने वाली उत्तर-दक्षिण गलियारा से श्रीनगर को कन्याकुमारी से तथा पूर्व-पश्चिम गलियारा से सिलचर को पोरबंदर से जोड़ा जाएगा ।
(ii) राज्य राजमार्ग- इसका निर्माण एवं रखरखाव की जिम्मेवारी राज्य सरकार की होती है । मार्च 1997 ई० में भारत में जवाहर रोजगार योजना वाली सड़कों की छोड़कर अन्य सभी (पक्की एवं कच्ची दोनों) सड़कों की कुल लम्बाई 24,65,877 किमी० थी ।
◆ भारत में सबसे अधिक सड़कों वाला राज्य महराष्ट्र है ।
◆  भारत में सर्वाधिक पक्की सड़कों वाला राज्य भी महाराष्ट्र है ।
◆ भारत में सर्वाधिक कच्ची सड़कों वाला राज्य ओड़ीशा है ।
◆ भारत में सड़कों का सर्वाधिक घनत्व गोवा में तथा सबसे कम जम्मू-कश्मीर में है ।
◆ सड़क निर्माण क्षेत्र में निजी भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने “बनाओ, चलाओ और हस्तांतरित करो” (B.O.T.) की नीति अपनाई ।
◆ प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत 500 की आबादी वाले सभी गाँवों को बारहमासी सड़कों से जोड़ना है ।
◆ विश्व का सबसे ऊँचा सड़क मार्ग लेह- श्रीनगर मार्ग है, जो काराकोरम दर्रे को पार करता है । इसकी ऊँचाई लगभग 3,450 मी० है ।
 नोट: सीमावर्ती सड़कों का निर्माण एवं प्रबंधन सीमा सड़क विकास बोर्ड द्वारा किया जाता है । सीमा सड़क संगठन की स्थापना 1960 ई० में हुई थी । अपने गठन के समय से लेकर  मार्च 2001 ई० तक संगठन ने 29,139 किमी० लम्बी सड़कों का निर्माण एवं 34,306 किमी० लम्बी सड़कों को पक्का करने का कार्य पूरा किया है । यह संगठन कुल मिलाकर 17,435 किमी० लम्बी सड़कों का रखरखाव करता है ।
◆ एशिया का सबसे बड़ा रोप वे ( रज्जुमार्ग) गढ़वाल में जोशीमठ एवं ऑली को जोड़ता है। जिसकी लम्बाई 500 मी० है ।
2. रेल परिवहन
◆  भारतीय रेल एशिया की सबसे बड़ी तथा विश्व की दूसरी सबसे बड़ी रेल व्यवस्था
◆ भारत में सर्वप्रथम रेल व्यवस्था की शुरुआत अप्रैल, 1853 ई० में मुम्बई से थाणे (34 किमी०) के बीच प्रारंभ हुई थी ।
◆  विश्व की सबसे पहली रेलगाड़ी 1825 ई० में लीवरपुर से मैनचेस्टर ( इंग्लैंड में) के बीच चली थी ।
◆  भारतीय रेलवे बोर्ड की स्थापना मार्च, 1905 ई० की गयी थी ।
◆  रेल वित्त को वर्ष 1924-25 ई० के बाद एटवर्थ कमिटी की सिफारिश पर सामान्य राजस्व से अलग किया गया ।
◆  भारतीय रेल का राष्ट्रीयकरण 1950 ई० में हुआ ।
◆  भूमिगत मैट्रो रेल की सुविधा कोलकाता एवं दिल्ली में है। इसकी शुरुआत 24 अक्टूबर, 1984 को कोलकाता में हुई ।
◆  भारतीय रेल प्रशासन तथा प्रबन्ध की जिम्मेवारी रेलवे बोर्ड पर है । रेलवे को 16 मंडलों में (जो पहले 9 था) बाँटया गया है । प्रत्येक मंडल का प्रधान महाप्रबंधक होता है ।
नोट: * विश्व इतिहास ( जैन एवं माथुर )
◆ देश में सबसे लम्बी दूरी तय करने वाली रेलगाड़ी विवेक एक्सप्रेस है, जो डिब्रुगढ़ (असम) से कन्याकुमारी जाती है । इस दौरान वह 4286 किमी० दूरी तय करती है ।
◆ विश्व का सबसे लम्बा रेलमार्ग ट्रांस-साइबेरियन रेलमार्ग है, जो लेनिनग्राड से ब्लाडीवॉस्टक तक 9,438 किमी० लम्बा है ।
◆ भारतीय रेल व्यवस्था के अन्तर्गत 31 मार्च, 2011 तक कुल 64460 किमी० लम्बा रेलमार्ग बिछा हुआ था । इसका लगभग 28% भाग विद्युतीकृत है ।
◆ प्रथम बिजली से चलने वाली गाड़ी डेक्कन क्वीन थी, जो बम्बई एवं पुणे के मध्य चली थी ।
◆ कोंकण रेलवे महाराष्ट्र के रोहा से प्रारंभ होकर गोवा के मुदगाँव तक जाती है । इसकी कुल ल० 741 किमी० है । इस रेलमार्ग पर पहली बार रेल परिचालन 26 जनवरी, 1981 को हुआ । इस रेलमार्ग से लाभान्वित होने वाले राज्य महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक एवं केरल है ।
◆ कोलकाता मेट्रो रेल सेवा – 1972 ई० में बनी यह योजना 1975 ई० से अमल में आयी । दमदम से टालीगंज तक इस भूमिगत रेलमार्ग की कुल लम्बाई 16.45 किमी है।
◆ दिल्ली मेट्रो रेलवे—यह परियोजना जापान एवं कोरिया की कंपनियों के सहयोग से बनायी गयी है । इसके अन्तर्गत सबसे पहली रेल सेवा 25 दिसम्बर, 2002 को तीस हजारी से शाहदरा के बीच चलाई गयी ।
◆ रेल इंजन निर्माण के कारखाने चितरंजन, वाराणसी तथा भोपाल में स्थित है। सवारी डिब्बों का निर्माण पेरंबूर (चेन्नई के निकट), कपूरथला, कोलकाता तथा बंगलुरू में किया जाता है
3. वायु परिवहन
◆ भारत में वायु परिवहन की शुरुआत 1911 ई० में हुई, जब इलाहाबाद से नैनी के बीच विश्व की सर्वप्रथम विमान डाक सेवा का परिवहन किया गया ।
◆ 1933 ई० में इण्डियन नेशनल एयरवेज कं० की स्थापना हुई । 1953 ई० में सभी वैमानिक कम्पनियों का राष्ट्रीयकरण करके उन्हें दो नवनिर्मित निगमों के अधीन रखा गया—(i) भारतीय विमान  (ii) एअर इंडिया |
◆ भारतीय विमान निगम, (ii) एअर इंडिया भारतीय विमान निगम (Indian air lines) देश के आंतरिक भागों के अतिरिक्त समीपवर्ती देश नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, श्रीलंका, म्यानमार तथा
मालदीव को अपनी सेवाएँ उपलब्ध  कराता है ।
◆ एयर इंडिया विदेशों के लिए सेवाएँ उपलब्ध करता है
◆ 1981 ई० में देश में घरेलू उड़ान के लिए वायुदूत नामक तीसरे र्निंगम की स्थापना की गयी थी, जिसका बाद में भारतीय विमान निगम में विलय हो गया ।
◆ 24 अगस्त, 2007 को सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनियाँ एयर इंडिया एवं भारतीय विमान निगम (इंडियन एयरलाइंस) का विलय हो गया ।
यह दोनों कंपनियाँ अब नेशनल एविएशन कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड (NACIL) के नाम से कार्यरत हो गयी है। कंपनी का ब्रांड नाम “एयर इण्डिया” है ।
◆ भारतीय विमानपत्तनम प्राधिकरण का गठन 1 अप्रैल, 1995 को किया गया था । प्राधिकरण देश में 15 अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों और 87 घरेलू हवाई अड्डे और 25 नागरिक विमान टर्मिनलों सहित 127 हवाई अड्डों का प्रबन्धन कर रहा
4. जल परिवहन
◆ केन्द्रीय अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण की स्थापना 1987 ई० में की गयी थी। इसका मुख्यालय कोलकाता में है ।
◆ देश के जलमार्गों को दो भागों में बाँटा गया है- आन्तरिक जलमार्ग, 2. सामुद्रिक जलमार्ग ।
◆ आन्तरिक जलमर्ग — यह परिवहन नदियों, नहरों एवं झीलों के द्वरा होता है। हल्दिया से इलाहाबाद तक जलमार्ग को 22 अक्टूबर, 1986 ई० को राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या – 1 घोषित किया गया ।
◆ सामुद्रिक जलमार्ग—इस दृष्टि से भारत का सम्पूर्ण प्रायद्वीपीय तटीय भाग काफी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। देश की मुख्य भूमि की 5600 किमी० लम्बी तटरेखा पर 12 बड़े एवं 185 छोटे एवं मंझोले बन्दरगाह स्थित हैं
◆ देश का सबसे बड़ा बन्दरगाह मुम्बई में है ।
◆ बड़े बंदरगाहों का नियंत्रण केन्द्र सरकार करती है, जबकि छोटे बन्दरगाह संविधान की समवर्ती सूची में शामिल हैं जिनका प्रबन्धन संबंधित राज्य सरकार करती है ।
◆ देश के सर्वश्रेष्ठ प्राकृतिक बंदरगाह  विशाखापत्तनम है । यह भारत का सबसे गहरा बंदरगाह है।
◆ गुजरात स्थित कांडला एवं ज्वारीय बन्दरगाह है । यह मुक्त व्यापार क्षेत्र वाला बंदरगाह है।
◆ चेन्नई एक कृत्रिम बंदरगाह है । यह भारत का सबसे प्राचीन बंदरगाह है।
◆ कुद्रेमुख से लौह अयस्क का ईरान को निर्यात न्यू मंगलौर बंदरगाह से किया जाता है।
13. भारत की जनगणना-2001
◆ भारतीय संविधान की धारा 246 के अनुसार देश की जनगणना कराने का दायित्व संघ सरकार को सौंपा गया है। यह संविधान की सातवीं अनुसूची की क्रम संख्या 69 पर अंकित है ।
◆ भारत में जनगणना की शुरुआत 1872 ई० में लॉर्ड रिपन के कार्यकाल में हुई थी ।
◆ भारत में नियमित जनगणना की शुरुआत 1881 ई० में हुई थी ।
◆ राष्ट्रीय जनसंख्या नीति, 2000 के अनुसार वर्ष 2045 तक जनसंख्या स्थिरता प्राप्त करने का लक्ष्य है
◆ जनगणना 2011 ई० के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या विश्व की कुल जनसंख्या का 17.5% है, जो 1, 21, 05, 69, 573 व्यक्ति है जिसमें पुरुषों की संख्या 62, 31, 21, 843 (51.47%) और स्त्रियों की संख्या 58, 74, 47, 730 (48.53%) है ।
◆ जनसंख्या में वार्षिक वृद्धि दर 1.97% से घटकर 1.64% हो गया है ।
◆ भारत में प्रति हजार पुरुष पर महिलाओं की संख्या 943 है ।
◆ जनसंख्या में साक्षर लोगों की संख्या 64.84% से बढ़कर 1981-91 के दशक में 73% हो गयी है ।
◆ भारत में जनसंख्या का घनत्व 325 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी० से बढ़कर 382 व्यक्ति प्रति वर्ष कि. मी. हो गया है 1
◆ सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व वाला राज्य बिहार (1106) हो गया है।
◆ सबसे कम जनसंख्या घनत्व वाला राज्य अरुणाचल प्रदेश (17 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी० ) है ।
◆ सर्वाधिक जनसंख्या वाले चार राज्य (घटते क्रम में) हैं— 1. उत्तर प्रदेश 2. महाराष्ट्र बिहार और 4. पश्चिम बंगाल |
◆ सबसे कम जनसंख्या वाले चार राज्य है ( बढ़ते क्रम में) —- 1. सिक्किम 2. मिजोरम 3. अरुणाचल प्रदेश और 4. गोवा ।
◆ सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व वाले चार राज्य है (घटते क्रम में ) 1. बिहार, 2. प० बंगाल, 3. केरलऔर  4. उत्तर प्रदेश ।
◆ सर्वाधिक साक्षरता वाला चार राज्य (घटते क्रम में) केरल (94%), मिजोरम (91.3%), गोवा (88.7%) और त्रिपुरा ( 87.2% ) ।
◆ देश में अब तक पूर्ण साक्षर घोषित किया जाने वाला एकमात्र राज्य केरल है।
◆ सबसे कम साक्षरता वाला राज्य बिहार (61.8%) है। यह स्त्री एवं पुरुष दोनों की साक्षरता में देश में सबसे कम है। [पुरुष साक्षरता 71.2% महिला साक्षरता 51.51%]
◆ बिहार के बाद-पुरुष साक्षरता में सबसे कम साक्षरता वाला राज्य अरुणाचल प्रदेश है, जबकि स्त्री – साक्षरता में बिहार के बाद सबसे कम साक्षरता वाला राज्य झारखंड है।
◆ सर्वाधिक लिंगानुपात (महिलाएँ, प्रति 1000 पुरुषों पर) वाले राज्य हैं (घटते क्रम में) हैं केरल (1084), तमिलनाडु (996), आन्ध्र प्रदेश (993) हैं। मणिपुर (992) छत्तीसगढ़ ।
◆ भारत की कुल जनसंख्या का 31.2% भाग नगरों में रहता है ।
◆ भारत के चार सबसे अधिक नगरीय जनसंख्या वाले राज्य के हैं— गोवा 174 ( 62.2%), मिजोरम ( 51.1%), तमिलनाडु ( 48.4%) और केरल (47.7%)।
◆ सर्वाधिक जनसंख्या वाले चार शहर (घटते क्रम में)–मुम्बई, कोलकाता, दिल्ली और चेन्नई । है 4
◆ सबसे कम नगरीय जनसंख्या वाले 4 राज्य । सिक्किम, 2. अरुणाचल प्रदेश, 3. नगालैंड, 4. मिजोरम।
◆ सबसे अधिक नगरीय जनसंख्या वाला केन्द्रशासित प्रदेश दिल्ली ( दूसरा पुडुचेरी और   तीसरा चंडीगढ़ है I
◆ जनसंख्या की दृष्टि से सबसे छोटा राज्य सिक्किम
◆ जनसंख्या की दृष्टि से सबसे छोटा केन्द्रशासित प्रदेश लक्षद्वीप है
◆ सबसे अधिक जनसंख्या वाला केन्द्रशासित प्रदेश दिल्ली है ।
◆ सबसे अधिक लिंगानुपात वाला केन्द्रशासित प्रदेश पुदुचेरी (1037) है ।
◆ सबसे अधिक साक्षरता वाला केन्द्रशासित प्रदेश लक्षद्वीप (87.3% ) है
◆ सबसे कम साक्षरता वाला केन्द्रशासित प्रदेश दादरा एवं नागर हवेली (64.3%) है
◆ सबसे अधिक एवं सबसे कम जनसंख्या घनत्व वाला केन्द्रशासित प्रदेश क्रमश: दिल्ली (11,320) एवं अंडमान निकोबार द्वीप-समूह (46) है ।
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