भारतीय प्रतिरक्षा

भारतीय प्रतिरक्षा

भारत की सुरक्षा के लिए सेना का गठन किया गया। भारतीय सेना का सर्वोच्च सेनापति भारत का राष्ट्रपति होता है। वास्तव में रक्षा सम्बन्धी सारा कार्य केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल द्वारा किया जाता है। सेनाओं के प्रशासन का कार्य  रक्षामन्त्री द्वारा किया जाता है। भारतीय सेनाओं को तीन भागों में बाँटा गया है
1. थल सेना ‘चीफ ऑफ दि आर्मी स्टाफ’ इसका मुखिया होता है। इसे 6 कमाण्डों में बाँटा गया है। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है। जनरल ऑफिसर कमाण्डिग-इन-चीफ प्रत्येक कमाण्ड का मुखिया होता है। थल सेना की कमाण्ड निम्न हैं
            कमाण्ड                      मुख्यालय
पश्चिमी कमाण्ड
शिमला
 उत्तरी कमाण्ड उधमपुर
 पूर्वी कमाण्ड
कोलकाता
दक्षिणी कमाण्ड पुणे
 द. प. कमाण्ड जयपुर
2. जल सेना ‘चीफ ऑफ द नेवल स्टाफ इसका मुखिया होता है। इसे 3 कमाण्डों में बाँटा गया है। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में हैं। प्रत्येक कमाण्ड ‘वाइस एडमिरल’ के अधीन होती है। जल सेना की कमाण्ड निम्नवत हैं
कमाण्ड मुख्यालय
पूर्वी कमाण्ड विशाखापत्तनम
पश्चिमी कमाण्ड मुम्बई
दक्षिणी कमाण्ड कोच्चि
3. वायु सेना इसका मुखिया ‘एअर चीफ मार्शल’ रैंक का होता है। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है। वायु सेना को सात कमाण्डों में बाँटा गया है ये निम्न हैं
           कमाण्ड                          मुख्यालय   
पूर्वी कमाण्ड
शिलांग
केन्द्रीय कमाण्ड इलाहाबाद
द. प. कमाण्ड गाँधीनगर
मेन्टेनेन्स कमाण्ड नागपुर
पश्चिमी कमाण्ड
नई दिल्ली
दक्षिणी कमाण्ड तिरूअनन्तपुरम
ट्रेनिंग कमाण्ड बंगलुरु
कमीशन प्राप्त ऑफिसरों की पद-श्रेणियाँ
थल सेना  वायु सेना  जल सेना 
जनरल एयर चीफ मार्शल एडमिरल
लेफ्टीनेंट जनरल एयर मार्शल वाइस एडमिरल
मेजर जनरल एयर वाइस मार्शल एयर एडमिरल
ब्रिगेडियर एयर कमोडोर कमोडोर
भारत के प्रमुख सैनिक प्रशिक्षण संस्थान
 संस्थान 
स्थान
नेशनल डिफेन्स एकेडमी खड़गवासला
इण्डियन मिलिट्री एकेडमी देहरादून
इन्फेन्टरी स्कूल
मऊ
आर्टीलरी स्कूल
 देवलाली
एयरफोर्स एडमिनिस्ट्रेटिव कॉलेज कोयम्बटूर
पैराटूपर ट्रेनिंग स्कूल आगरा
एयर फोर्स टेक्निकल कॉलेज जलाहली (बंगलुरु)
आई. एस. एस चिल्का भुवनेश्वर
आई. एन. एस तसिरकार्स विशाखापत्तनम
आई. एन. एस ‘शिवाजी’
लोनावाला
नेशनल डिफेन्स कॉलेज
नई दिल्ली
डिफेन्स सर्विस स्टाफ कॉलेज विलिंग्टन
आई सेण्टर अहमदनगर
एयर फोर्स एकेडमी हैदराबाद
एलीमेन्ट्री फ्लाइंग स्कूल बीदर
इण्डियन नेवल एकेडमी
कोच्चि
आई. एन. ‘बेन्दुरथी’
कोच्चि
भारतीय प्रक्षेपास्त्र
भारत ने प्रतिरक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए 1983 में समन्वित निर्देशित प्रक्षेपास्त्र कार्यक्रम (Integrated Guided Missile Development Programme IGMDP) की शुरूआत की। इस कार्यक्रम के विकास की जिम्मेदारी DRDO (रक्षा अनुसन्धान एवं विकास संगठन) को सौंपी गई। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत पाँच प्रक्षेपास्त्रों–त्रिशूल, आकाश, पृथ्वी, नाग एवं अग्नि के विकास की परिकल्पना की गई थी। इन सभी का विवरण निम्नवत् है
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