भविष्य की महामारी से निपटने के लिए नीति आयोग ने पेश किया रोडमैप

नीति आयोग ने ‘फ्यूचर पैंडेमिक प्रिपेरेडनेस फॉर इमरजेंसी रिस्पांस : ए फ्रेमवर्क फॉर एक्शन’ नाम से एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें
भावी महामारी से निपटने के लिए महत्वपूर्ण बीमारियों के वैक्सीन निर्माण के लिए फ्रास्ट्रक्चर का विकास करने और मेडिकल के हर क्षेत्र में रिसर्च को बढ़ावा देने की बात कही गयी है.

Research: भविष्य में कोरोना महामारी जैसे संकट से निपटने के लिए सरकार अभी से तैयारी में जुट गयी है. कोरोना महामारी के बाद केंद्र सरकार ने नीति आयोग को आने वाले समय में ऐसी महामारी से निपटने के लिए उपाय सुझाने को कहा था. नीति आयोग ने इस बाबत एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया था. कमेटी को भविष्य में आने वाली महामारी से निपटने के तरीके और उसके लिए तैयारी करने का उपाय सुझाने को कहा गया था. नीति आयोग ने ‘फ्यूचर पैंडेमिक प्रिपेरेडनेस फॉर इमरजेंसी रिस्पांस: ए फ्रेमवर्क फॉर एक्शन’ नाम से एक रिपोर्ट तैयार की है. सोमवार को नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल ने केंद्रीय साइंस एवं तकनीकी मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह को यह रिपोर्ट सौंपी. 

रिपोर्ट में भावी महामारी से निपटने के लिए मेडिकल तैयारी करने खासकर इलाज, वैक्सीन और अन्य उपायों को विकसित करने पर जोर दिया गया है. रिपोर्ट में बताया है कि भविष्य में होने वाली महामारी से निपटने के लिए कैसे 100 दिनों अंदर कदम उठाया जाना चाहिए. इसके लिए मैन्युफैक्चरिंग क्षमता बढ़ाने, रेगुलेटरी सिस्टम को दुरुस्त करने के साथ ही मेडिकल पेशेवरों की क्षमता का विकास करने की बात कही गयी गयी. 

रिसर्च एंड डेवलपमेंट बढ़ाने पर जोर देने की जरूरत

नीति आयोग के सदस्य पॉल ने केंद्रीय मंत्री को भावी महामारी से निपटने के लिए महत्वपूर्ण बीमारियों के वैक्सीन निर्माण के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करने और मेडिकल के हर क्षेत्र में रिसर्च को बढ़ावा देने की बात कही. उन्होंने कहा कि वन हेल्थ मिशन के कारण देश में महामारी से निपटने का एक सिस्टम विकसित हुआ है. चर्चा के दौरान बताया गया कि कोरोना महामारी के दौरान देश में स्वदेश निर्मित 220 करोड़ डोज वैक्सीन लोगों को मुहैया कराया गया और साथ ही लगभग 100 देशों को वैक्सीन देने का काम किया गया. यही नहीं भारत निर्मित 250 कोरोना टेस्ट को वैश्विक स्तर पर मान्यता दी गयी. 

इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान सरकार के हर विभाग ने मिलकर काम किया. आने वाले समय में ऐसे संकट से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिशन सुरक्षा शुरू किया है. यही नहीं सरकार रिसर्च को बढ़ावा देने के साथ ही निजी क्षेत्र की सहभागिता से देश में सशक्त रिसर्च इकोसिस्टम का निर्माण कर रही है. 

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