बिहार में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आ गया नया नियम, अब ये गलती की तो भरनी होगी भारी कीमत
Driving License : बिहार में अब स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस (DL) पाना पहले से कहीं अधिक कठिन और पारदर्शी हो गया है. परिवहन विभाग ने एक नई व्यवस्था लागू की है, जिसके तहत अब आवेदकों को ऑटोमेटिक हाईटेक ट्रैक पर वास्तविक समय में ड्राइविंग टेस्ट देना अनिवार्य कर दिया गया है. इस बदलाव का मकसद सिर्फ कागजों के आधार पर लाइसेंस जारी करने की परंपरा को खत्म करना और सड़क सुरक्षा के लिहाज से योग्य ड्राइवरों को ही लाइसेंस देना है.
सेकंड की भी हुई चूक तो होगा भारी नुकसान
नए नियमों के मुताबिक, बाइक (टू-व्हीलर) के लिए टेस्ट समय 40 से 69 सेकंड, जबकि कार (फोर-व्हीलर) के लिए 3.5 से 4 मिनट तय किए गए हैं. इस दौरान ट्रैफिक नियमों का पालन करते हुए ड्राइविंग करनी होगी. अगर कोई अभ्यर्थी तय समय में टेस्ट पूरा नहीं कर पाता, तो उसे फेल मान लिया जाएगा.
6 जिलों में शुरुआत, बाकी में जल्द विस्तार
पहले चरण में यह हाईटेक ड्राइविंग टेस्ट सिस्टम पटना, दरभंगा, गया, छपरा, भागलपुर और पूर्णिया में लागू किया गया है. फिलहाल पटना और दरभंगा में नई प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और अन्य जिलों में इसे जल्द लागू किया जाएगा. राज्य के 26 जिलों में ऑटोमेटिक टेस्ट ट्रैक बनकर तैयार हैं, जबकि 10 जिलों में निर्माण कार्य जारी है.
हर महीने 3.42 लाख लोगों को DL मिलने की उम्मीद
परिवहन विभाग ने रोजाना टेस्ट स्लॉट की संख्या 200 से बढ़ाकर 300 कर दी है. इससे हर महीने औसतन 3.42 लाख आवेदकों को स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस मिलने की संभावना है. पूरे सिस्टम की निगरानी सेंट्रलाइज मॉनिटरिंग सिस्टम के जरिए की जाएगी, ताकि पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे.
फेल हुए तो दोबारा टेस्ट जरूरी, फीस भी अलग से देनी होगी
अगर कोई अभ्यर्थी टेस्ट में फेल हो जाता है, तो सात दिन बाद पुनः स्लॉट बुक कर फिर से टेस्ट देना होगा. इसके लिए दोबारा फीस भी चुकानी होगी एक वाहन में फेल होने पर 800 रुपए और दोनों में फेल होने पर 1150 रुपए देने होंगे.
लर्निंग और स्थायी DL से जुड़ी जरूरी बातें
लर्निंग लाइसेंस के 6 महीने के अंदर स्थायी DL के लिए आवेदन नहीं किया गया तो वह अमान्य हो जाएगा.
- लर्निंग लाइसेंस शुल्क: 740 रुपए
- स्थायी DL शुल्क: 2300 रुपए
- लर्निंग रिन्यूअल शुल्क: 690 रुपए
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पटना के जिला परिवहन पदाधिकारी (DTO) उपेन्द्र कुमार पाल ने बताया कि अब केवल कागज़ दिखाकर लाइसेंस लेना संभव नहीं होगा. रियल टाइम में ट्रैक पर ड्राइविंग साबित करनी होगी. अब वही पास होगा जिसे वास्तव में गाड़ी चलानी आती है.