बांका नगर परिषद में बड़ा उलटफेर, इस वजह से मुख्य पार्षद को गंवानी पड़ी कुर्सी
Banka News: राज्य निर्वाचन आयोग ने लंबित होल्डिंग टैक्स मामले में मुख्य पार्षद अनिल सिंह को पद से हटाए जाने का निर्देश दिया. राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रभात रंजन सिंह बनाम अनिल कुमार सिंह मामले की सुनवाई पूरी करते हुए 10 मार्च को अपना अंतिम फैसला सुनाया.
Banka News: एक बार फिर नगर परिषद बांका के मुख्य पार्षद अनिल सिंह को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी. नया मामला लंबित होल्डिंग टैक्स से जुड़ा है. राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रभात रंजन बनाम अनिल कुमार सिंह मामले की सुनवाई 10 मार्च 2025 को पूरी कर अपना अंतिम फैसला सुना दिया है. राज्य निर्वाचन आयुक्त डॉ. दीपक प्रसाद ने अनिल कुमार सिंह को नगर परिषद बांका के मुख्य पार्षद पद से मुक्त करते हुए कहा है कि स्क्रूटनी की तिथि तक संपूर्ण बकाया होल्डिंग टैक्स का भुगतान किए बगैर मुख्य पार्षद पद के लिए चुनाव प्रक्रिया में भाग लेना बिहार नगर परिषद अधिनियम-2017 की धारा-18 (1) (के) के प्रावधानों के विरुद्ध है. साथ ही विभाग को नियमानुसार चुनाव प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया है.
राज्य निर्वाचन आयोग में दर्ज हुआ था मामला
जानकारी के मुताबिक, सदर थाना क्षेत्र के विशनपुर निवासी व पूर्व मुख्य पार्षद संतोष सिंह के कथित करीबी प्रभात रंजन सिंह ने मुख्य पार्षद अनिल सिंह के विरुद्ध राज्य निर्वाचन आयोग पटना में मामला दर्ज करते हुए मुख्य पार्षद पद से हटाने की अपील की थी. उनका आरोप था कि मुख्य पार्षद अनिल कुमार सिंह ने नियम के विरुद्ध जाकर निर्वाचन वर्ष से ठीक पूर्व के वित्तीय वर्ष का बकाया होल्डिंग टैक्स का भुगतान किये बगैर ही चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. मुख्य रूप से जानकी टॉकीज और गांधी चौक स्थित वेदा सिंह मार्केट के बगल में मौजूद भूमि का होल्डिंग टैक्स से संबंधित मुद्दा इसमें उठाया गया था.
हाईकोर्ट जाएंगे अनिल सिंह
दर्ज मामले की सुनवाई के दौरान प्रभात रंजन सिंह के पक्ष से अधिवक्ता राजीव रंजन, हर्षवर्धन शिवम सुंदरम और अनिल सिंह के पक्ष से अधिवक्ता रंजीत चौबे और विंध्याचल सिंह ने जिरह में हिस्सा लिया. ज्ञात हो कि इससे पहले भी उन्हें वर्ष 2020 में साक्ष्य छुपाने के आरोप में न केवल वार्ड की सदस्यता से हाथ धोना पड़ा था बल्कि उप मुख्य पार्षद के पद से भी संतोष करना पड़ा था. इस मामले में अनिल कुमार सिंह ने कहा कि वे उच्च न्यायालय की शरण में जायेंगे.
तत्कालीन कार्यपालक अभियंता व टैक्स संग्राहक जांच के घेरे में
इस मामले में तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी अभिनव कुमार व टैक्स दारोगा राजकुमार की भूमिका संदिग्ध पायी गयी है. आयोग ने सीधे नगर विकास विभाग के सचिव को कहा है कि जानकी टॉकीज समायोजन की प्रक्रिया में अपनायी जाने में की गयी त्रुटियों व प्रतिवादी के पक्ष में बैक डेटिंग कर अभिलेख तैयार करने में तत्कालीन टैक्स संग्राहक व नगर परिषद के तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी बांका की भूमिका की जांच करते हुए आवश्यक कार्रवाई की जाये.
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क्या कहते हैं डीएम
होल्डिंग टैक्स के मामले में अनिल कुमार सिंह को नगर परिषद बांका के मुख्य पार्षद के पद से पदमुक्त किया गया है. राज्य निर्वाचन आयोग के आदेश का अध्ययन कर आगे की आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी.
अंशुल कुमार, डीएम, बांका.
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