बंगाल के सरकारी कर्मचारियों के डीए में 4% बढ़ोतरी, असंतुष्ट कर्मचारियों ने किया हड़ताल का ऐलान

DA Hike: पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य कर्मचारियों के लिए 4% महंगाई भत्ते (DA) वृद्धि की अधिसूचना जारी की, जो 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी. हालांकि, वामपंथी संगठनों ने डीए विसंगति पर नाराजगी जताई और 7-9 अप्रैल तक हड़ताल का ऐलान किया. सुप्रीम कोर्ट में डीए मामले की सुनवाई फिर टली, अब अप्रैल में होगी.

DA Hike: पश्चिम बंगाल सरकार ने अपने कर्मचारियों को 4% बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता (DA) देने की अधिसूचना जारी कर दी है. यह 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा, जिससे सरकारी कर्मचारियों का कुल DA बढ़कर 18% हो जाएगा. इस फैसले का लाभ राज्य सरकार के कर्मचारियों, सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के शिक्षकों, गैर-शिक्षण कर्मचारियों, नगर पालिका और पंचायत कर्मियों को भी मिलेगा. हालांकि, इस वृद्धि को लेकर कर्मचारियों में असंतोष है, क्योंकि केंद्र सरकार के कर्मचारियों की तुलना में राज्य सरकार के कर्मचारियों को 35% कम DA मिलता है.

कर्मचारियों में असंतोष, 7-9 अप्रैल को हड़ताल

राज्य सरकार की इस घोषणा से कर्मचारी संगठन संतुष्ट नहीं हैं. वामपंथी कर्मचारी संगठनों का कहना है कि अभी भी 39% DA बकाया है और केवल 4% की वृद्धि अपर्याप्त है. संग्रामी संयुक्त मंच के संयोजक भास्कर घोष ने कहा कि हम उचित महंगाई भत्ते की मांग को लेकर 7 से 9 अप्रैल तक सरकारी कार्यालयों में तीन घंटे की हड़ताल करेंगे. वामपंथी संगठनों ने सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए इसे न्यायिक आदेशों की अनदेखी बताया है. समन्वय समिति के सदस्य विश्वजीत गुप्ता चौधरी ने कहा कि सरकार ने अभी तक लंबित DA नहीं दिया है, जिससे कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान हो रहा है.

सुप्रीम कोर्ट में DA मामले की सुनवाई फिर टली

इस बीच, सुप्रीम कोर्ट में पश्चिम बंगाल सरकार के कर्मचारियों के DA से जुड़े मामले की सुनवाई एक बार फिर टाल दी गई है. अब यह मामला अप्रैल में जस्टिस संजय करोल और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच में सुना जाएगा. इससे पहले, जस्टिस हृषिकेश रॉय की बेंच में DA से जुड़ा मामला लंबित था, लेकिन उनके सेवानिवृत्त होने के कारण सुनवाई पूरी नहीं हो सकी. अब कर्मचारियों को अगली सुनवाई का इंतजार करना होगा.

सरकारी कर्मचारियों में मतभेद

सरकार की इस घोषणा पर राजनीतिक मतभेद भी देखने को मिल रहे हैं. वामपंथी संगठनों ने इस फैसले को कर्मचारियों के साथ अन्याय बताया है, जबकि तृणमूल कांग्रेस समर्थित संगठनों ने सरकार के फैसले का समर्थन किया है. तृणमूल कर्मचारी संघ के सदस्यों ने कहा कि महंगाई भत्ता बढ़ाने का यह फैसला सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

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क्या सरकार झुकेगी?

सरकारी कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उन्हें केंद्र सरकार के समान DA नहीं मिलता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सरकार कर्मचारियों की मांगों को मानकर DA में और वृद्धि करेगी या फिर हड़ताल के बावजूद अपने फैसले पर कायम रहेगी?

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